जम्मूृ-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद कहीं कश्मीरी लोगों की पिटाई की खबरें सामने आईं थी, वहीं अब खबर है कि सामाजिक कार्यकर्ताओं पर भी हमले हो रहे हैं. बुधवार को युद्ध की अफवाहें फैलाने के खिलाफ नागरिक एवं मानवाधिकार संगठन ‘एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स’ (एपीडीआर) की रैली पर एक समूह ने हमला कर दिया।
वहीं एपीडीआर के मुताबिक आतंकवाद का हमदर्द बताकर हमला किया गया। एपीडीआर ने पुलवामा हमले की आड़ में युद्ध भड़काने और समाज का सांप्रदायिक तौर पर ध्रुवीकरण करने के प्रयासों के खिलाफ एक रैली का आह्वान किया था।
जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके खिलाफ संगठन के कार्यकर्ता हाथों में पोस्टर, पर्चे और तख्तियां थामे हुए थे और राष्ट्रों के बीच शांति की मांग करने वाले नारे लगा रहे थे। उन्हें कॉलेज स्ट्रीट से लेकर एस्प्लेनेड इलाके तक 2.8 किलोमीटर का रास्ता तय करना था। सुरक्षा के मद्देनजर बड़ी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी थी।
जब रैली मध्य कोलकाता में जानबाजार इलाके से गुजरी तो हाथों में राष्ट्र ध्वज थामे कुछ युवकों ने उनका रास्ता रोक लिया और एपीडीआर के कार्यकर्ताओं के खिलाफ नारे लगाए और उन पर पाकिस्तान तथा राष्ट्र विरोधी तत्वों का समर्थक होने का आरोप लगाया। युवकों ने एपीडीआर कार्यकर्ताओं के साथ धक्का-मुक्की भी की।
पुलिस ने इसमें दखल दिया और युवकों को मौके से हटा दिया। एपीडीआर ने शांतिपूर्ण रैली पर हमला करने का आरोप हिंदूवादी संगठनों पर लगाया है।
एपीडीआर की कार्यकर्ता सुजाता भद्र ने कहा, ‘‘ हम इस (केंद्र) सरकार से डरने वाले नहीं हैं। हमारे पास अपने विचारों को पेश करने का अधिकार है। हम उम्मीद करते हैं कि पुलिस ऐसे अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।’’
वहीं एपीडीआर के मुताबिक आतंकवाद का हमदर्द बताकर हमला किया गया। एपीडीआर ने पुलवामा हमले की आड़ में युद्ध भड़काने और समाज का सांप्रदायिक तौर पर ध्रुवीकरण करने के प्रयासों के खिलाफ एक रैली का आह्वान किया था।
जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके खिलाफ संगठन के कार्यकर्ता हाथों में पोस्टर, पर्चे और तख्तियां थामे हुए थे और राष्ट्रों के बीच शांति की मांग करने वाले नारे लगा रहे थे। उन्हें कॉलेज स्ट्रीट से लेकर एस्प्लेनेड इलाके तक 2.8 किलोमीटर का रास्ता तय करना था। सुरक्षा के मद्देनजर बड़ी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी थी।
जब रैली मध्य कोलकाता में जानबाजार इलाके से गुजरी तो हाथों में राष्ट्र ध्वज थामे कुछ युवकों ने उनका रास्ता रोक लिया और एपीडीआर के कार्यकर्ताओं के खिलाफ नारे लगाए और उन पर पाकिस्तान तथा राष्ट्र विरोधी तत्वों का समर्थक होने का आरोप लगाया। युवकों ने एपीडीआर कार्यकर्ताओं के साथ धक्का-मुक्की भी की।
पुलिस ने इसमें दखल दिया और युवकों को मौके से हटा दिया। एपीडीआर ने शांतिपूर्ण रैली पर हमला करने का आरोप हिंदूवादी संगठनों पर लगाया है।
एपीडीआर की कार्यकर्ता सुजाता भद्र ने कहा, ‘‘ हम इस (केंद्र) सरकार से डरने वाले नहीं हैं। हमारे पास अपने विचारों को पेश करने का अधिकार है। हम उम्मीद करते हैं कि पुलिस ऐसे अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।’’