नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को संसद में कांग्रेस और यूपीए सरकार को जमकर निशाने पर लिया। पीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने ऐसा कानून बनाया है कि जिससे देश का पैसा लेकर भागने वाले लोग आज रो रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार के कार्यकाल में नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) नहीं बढ़ा है बल्कि उसका ब्याज बढ़ा है।
पीएम ने दावा किया कि पहले कल्चर था कि नामदार के एक फोन पर लोन दे दिए जाते थे। इसके बाद उसे कोई पूछने वाला नहीं होता था कि वह लोन वापस आया या नहीं। पीएम ने आंकड़े गिनाते हुए कहा कि आजादी के बाद 2008 तक 18 लाख करोड़ का कर्ज दिया गया। लेकिन सत्ता भोग की जो नीति रही उसमें यह देखा ही नहीं गया कि पैसे कहां जा रहे हैं। एनपीए को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया पर फंसे नजर आ रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार गिरीश मालवीय ने अपनी फेसबुक वॉल पर कई सोशल मीडिया यूजर्स के पोस्ट शेयर किए हैं जिनमें पीएम मोदी के भाषण पर सवाल उठाए गए हैं। गिरीश मालवीय लिखते हैं.......
कल शाम को व्यस्तता अधिक थी घर से बाहर ही था अचानक बैंकिंग क्षेत्र में वर्षो से कार्यरत सुनील कुमार सिंह का मैसेज आया....
'3 किश्तें अगर किसी खाते में ना जमा हों तो उस खाते में ब्याज लगना बन्द हो जाता है और खाता NPA हो जाता है। ये NPA पर ब्याज कब से लगने लगा भाई। शरम आती है ऐसे PM पर जो देश की संसद में झूठ बोले'.....
मैं कुछ समझ नही पाया, देर शाम घर पुहंचा तो न्यूज़ चैनलों पर देखा कि महाबली ओह माफ कीजिएगा मुंहबली संसद में डेढ़ घण्टे तक गर्जना करते रहे....... छोटी सी क्लिपिंग में देखा कि जिस तरह से सप्तशती में महिषासुर, संग्राम में देवी की सेना को..... ।। खड़ी रह ।।...।। खड़ी रह ।। का उदघोष कर डराते हैं, मुहबली उसी तरह से चौतरफा प्रहार कर रहे थे। लोकसभा अध्यक्ष का चेहरा मुदित दिखाई दे रहा था सत्ता पक्ष हुंकारें भर रहा था, अधिक देर तक झेलना असम्भव था।
रात में टाइमलाइन स्क्रॉल की तो कुछ मित्रों की पोस्ट देखी। रानी राजेश बता रही थीं कि मोदीजी बोले हैं 'बैंकों का NPA ढाई लाख से बढ़कर 10 लाख करोड़ ब्याज (इंटरेस्ट) की वजह से हो गया' तब मुझे उपरोक्त मैसेज का रहस्य समझ आया.....संदीप वर्मा ने बताया कि झोंक में आकर यह भी बोल बैठे हैं कि 'कि संसद में महामिलावट की सरकार आने वाली है'। मारने वाले के हाथ पकड़े जा सकते हैं बोलने वाली की जुबान नही पकड़ी जा सकती यही सत्ता पक्ष के कुछ सांसद सोच रहे होंगे।
मित्र अनिल जैन ने लिखा 'लोकसभा में उनका आज दिया गया सौ मिनट का अहंकार और फुफकार से भरा भाषण अभी-अभी फेसबुक पर सुना। पूरे भाषण के दौरान मणिशंकर खूब याद आए' मैंने चुहल करते हुए उनसे कहा कि 'आपके धैर्य को प्रणाम करता हूँ, आप तो इन्द्रिय जीत निकले, जैन मुनि बनने के बारे में सीरियसली विचार कीजिएगा, सादर..........
कुछ मित्रों ने भी इसी तरह की पोस्ट लिखी हैं नीरज जी कह रहे थे
'हे सर्वशक्तिमान !
या तो हमें अपरिमित मूढ़ता सहने की शक्ति दो
या फिर संसद में यह 56 इंची धारी का
अंतिम भाषण हो ऐसा आशीर्वाद मुझे दो !
गुजरात विधान सभा ही ठीक है उनके लिये !
स्क्रिप्ट राइटर धनंजय कुमार ने लिखा
'अपनी तारीफ़ हम नहीं करेंगे, तो क्या विरोधी करेंगे?
देश को जितना आगे हम लेकर आये हैं, कोई ख्वाब में भी नहीं सोच सकता था, (सच कहें हमने भी नहीं सोचा था)
अबतक देश अँधेरे में था, हमने पूरे देश को बिजली से जोड़ा, भगवान सूर्य देव टेंशन में आ गये!
पगडंडी तक नहीं थी, हाइवे से जोड़ा!
स्कूल तक नहीं था, दुनिया के विद्यार्थी भारत पढ़ने आ रहे हैं!
मामूली इलाज के लिए भी विदेश जाना पड़ता था, आज दुनिया भर के अमीर इलाज के लिए भारत आ रहे हैं!
मामूली रोजगार के लिए विदेशों का मुंह देखना पड़ता था, आज विदेशी रोजगार के लिए भारत आ रहे हैं!
पहले भारत का नाम दुनिया के सबसे निचले पायदान पर था, आज हम अमेरिका और चीन को चुनौती दे रहे हैं!
आम आदमी को दो जून की रोटी के लिए एडियाँ रगड़नी पड़ती थी, आज सबके बैंक अकाउंट खुल गए!
देश की बाहर गयी प्रतिभाएं स्वदेश लौट आयीं, अपराधियों का देश से भागने का सिलसिला जारी है!
कुल मिलाकर देश का ऐसा विकास किया है, जैसा किसी ने सोचा तक नहीं था!
देश की जनता अब निर्भय है और आगे के पांच साल नहीं अगले सात जन्मों तक हमें ही देश की सत्ता सौंपेगी.
वाह! कमाल कर दिया !!!
संसद चल रही थी कि दक्षिण भारतीय फिल्म का कोई सीन, जिसमें कादर खान संवाद बोल रहे थे।
चुटीले व्यंग्य लिखने वाले असीम तिवारी लिखते हैं
'इंडियन आइडल का फिर वही रोना, गरीब का बेटा हूँ बचपन में स्पॉन्ज बॉब को ढोकला समझता था.. मीठे में टूथपेस्ट चाट लेते थे, मैलोडी ईएमआई में खरीदता था.. कबूतर ही मेरे घर के आगे कटोरे में खाना रख जाते थे..
राजीव रंजन ने कहा
'जब बोल के पीछे का विश्वास डिग जाए तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या बोल रहे हैं ।
नितिन ठाकुर बोले
'मोदी जी कांग्रेस मुक्त भारत को गांधी का सपना बता रहे हैं। कह रहे हैं वही पूरा कर रहा हूं। बापू तो सांप्रदायिक शक्तियों से मुक्त भारत भी चाहते थे। वो सपना पूरा करने के लिए उन्हें खुद देश छोड़ना पड़ेगा!!'
उज्ज्वल भट्टाचार्य ने खरी खरी सुना दी
'तुम पांच साल के लिये चुने गये थे।
पांच साल का हिसाब दो।
बकवास बन्द करो।
पीएम ने दावा किया कि पहले कल्चर था कि नामदार के एक फोन पर लोन दे दिए जाते थे। इसके बाद उसे कोई पूछने वाला नहीं होता था कि वह लोन वापस आया या नहीं। पीएम ने आंकड़े गिनाते हुए कहा कि आजादी के बाद 2008 तक 18 लाख करोड़ का कर्ज दिया गया। लेकिन सत्ता भोग की जो नीति रही उसमें यह देखा ही नहीं गया कि पैसे कहां जा रहे हैं। एनपीए को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया पर फंसे नजर आ रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार गिरीश मालवीय ने अपनी फेसबुक वॉल पर कई सोशल मीडिया यूजर्स के पोस्ट शेयर किए हैं जिनमें पीएम मोदी के भाषण पर सवाल उठाए गए हैं। गिरीश मालवीय लिखते हैं.......
कल शाम को व्यस्तता अधिक थी घर से बाहर ही था अचानक बैंकिंग क्षेत्र में वर्षो से कार्यरत सुनील कुमार सिंह का मैसेज आया....
'3 किश्तें अगर किसी खाते में ना जमा हों तो उस खाते में ब्याज लगना बन्द हो जाता है और खाता NPA हो जाता है। ये NPA पर ब्याज कब से लगने लगा भाई। शरम आती है ऐसे PM पर जो देश की संसद में झूठ बोले'.....
मैं कुछ समझ नही पाया, देर शाम घर पुहंचा तो न्यूज़ चैनलों पर देखा कि महाबली ओह माफ कीजिएगा मुंहबली संसद में डेढ़ घण्टे तक गर्जना करते रहे....... छोटी सी क्लिपिंग में देखा कि जिस तरह से सप्तशती में महिषासुर, संग्राम में देवी की सेना को..... ।। खड़ी रह ।।...।। खड़ी रह ।। का उदघोष कर डराते हैं, मुहबली उसी तरह से चौतरफा प्रहार कर रहे थे। लोकसभा अध्यक्ष का चेहरा मुदित दिखाई दे रहा था सत्ता पक्ष हुंकारें भर रहा था, अधिक देर तक झेलना असम्भव था।
रात में टाइमलाइन स्क्रॉल की तो कुछ मित्रों की पोस्ट देखी। रानी राजेश बता रही थीं कि मोदीजी बोले हैं 'बैंकों का NPA ढाई लाख से बढ़कर 10 लाख करोड़ ब्याज (इंटरेस्ट) की वजह से हो गया' तब मुझे उपरोक्त मैसेज का रहस्य समझ आया.....संदीप वर्मा ने बताया कि झोंक में आकर यह भी बोल बैठे हैं कि 'कि संसद में महामिलावट की सरकार आने वाली है'। मारने वाले के हाथ पकड़े जा सकते हैं बोलने वाली की जुबान नही पकड़ी जा सकती यही सत्ता पक्ष के कुछ सांसद सोच रहे होंगे।
मित्र अनिल जैन ने लिखा 'लोकसभा में उनका आज दिया गया सौ मिनट का अहंकार और फुफकार से भरा भाषण अभी-अभी फेसबुक पर सुना। पूरे भाषण के दौरान मणिशंकर खूब याद आए' मैंने चुहल करते हुए उनसे कहा कि 'आपके धैर्य को प्रणाम करता हूँ, आप तो इन्द्रिय जीत निकले, जैन मुनि बनने के बारे में सीरियसली विचार कीजिएगा, सादर..........
कुछ मित्रों ने भी इसी तरह की पोस्ट लिखी हैं नीरज जी कह रहे थे
'हे सर्वशक्तिमान !
या तो हमें अपरिमित मूढ़ता सहने की शक्ति दो
या फिर संसद में यह 56 इंची धारी का
अंतिम भाषण हो ऐसा आशीर्वाद मुझे दो !
गुजरात विधान सभा ही ठीक है उनके लिये !
स्क्रिप्ट राइटर धनंजय कुमार ने लिखा
'अपनी तारीफ़ हम नहीं करेंगे, तो क्या विरोधी करेंगे?
देश को जितना आगे हम लेकर आये हैं, कोई ख्वाब में भी नहीं सोच सकता था, (सच कहें हमने भी नहीं सोचा था)
अबतक देश अँधेरे में था, हमने पूरे देश को बिजली से जोड़ा, भगवान सूर्य देव टेंशन में आ गये!
पगडंडी तक नहीं थी, हाइवे से जोड़ा!
स्कूल तक नहीं था, दुनिया के विद्यार्थी भारत पढ़ने आ रहे हैं!
मामूली इलाज के लिए भी विदेश जाना पड़ता था, आज दुनिया भर के अमीर इलाज के लिए भारत आ रहे हैं!
मामूली रोजगार के लिए विदेशों का मुंह देखना पड़ता था, आज विदेशी रोजगार के लिए भारत आ रहे हैं!
पहले भारत का नाम दुनिया के सबसे निचले पायदान पर था, आज हम अमेरिका और चीन को चुनौती दे रहे हैं!
आम आदमी को दो जून की रोटी के लिए एडियाँ रगड़नी पड़ती थी, आज सबके बैंक अकाउंट खुल गए!
देश की बाहर गयी प्रतिभाएं स्वदेश लौट आयीं, अपराधियों का देश से भागने का सिलसिला जारी है!
कुल मिलाकर देश का ऐसा विकास किया है, जैसा किसी ने सोचा तक नहीं था!
देश की जनता अब निर्भय है और आगे के पांच साल नहीं अगले सात जन्मों तक हमें ही देश की सत्ता सौंपेगी.
वाह! कमाल कर दिया !!!
संसद चल रही थी कि दक्षिण भारतीय फिल्म का कोई सीन, जिसमें कादर खान संवाद बोल रहे थे।
चुटीले व्यंग्य लिखने वाले असीम तिवारी लिखते हैं
'इंडियन आइडल का फिर वही रोना, गरीब का बेटा हूँ बचपन में स्पॉन्ज बॉब को ढोकला समझता था.. मीठे में टूथपेस्ट चाट लेते थे, मैलोडी ईएमआई में खरीदता था.. कबूतर ही मेरे घर के आगे कटोरे में खाना रख जाते थे..
राजीव रंजन ने कहा
'जब बोल के पीछे का विश्वास डिग जाए तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या बोल रहे हैं ।
नितिन ठाकुर बोले
'मोदी जी कांग्रेस मुक्त भारत को गांधी का सपना बता रहे हैं। कह रहे हैं वही पूरा कर रहा हूं। बापू तो सांप्रदायिक शक्तियों से मुक्त भारत भी चाहते थे। वो सपना पूरा करने के लिए उन्हें खुद देश छोड़ना पड़ेगा!!'
उज्ज्वल भट्टाचार्य ने खरी खरी सुना दी
'तुम पांच साल के लिये चुने गये थे।
पांच साल का हिसाब दो।
बकवास बन्द करो।