नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी औऱ समाजवादी पार्टी के बीच हुए गठबंधन को भीम आर्मी का भी साथ मिल गया है। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखऱ आजाद ने कहा कि 'मैं कोई चुनाव नही लड़ने वाला हूँ और पूरी तरह गठबंधन के साथ हूँ 2019 में बीजेपी को हराना ही हमारा एकमात्र लक्ष्य है इसलिए सभी संविधान बचाने की लड़ाई लड़ने वाले दलों को एक साथ आने की जरूरत है तभी बीजेपी को हराना आसान होगा इसलिए सपा बसपा गठबंधन में रालोद को भी साथ लेना चाहिए था।'
चंद्रशेखर आजाद और भीम आर्मी के रुख को लेकर काफी समय से सवाल उठाए जा रहे थे। ऐसे में चंद्रशेखर आजाद ने साफ कर दिया है कि भाजपा को हराने के लिए भीम आर्मी गठबंधन का साथ देगी। हालांकि उन्होंने इस गठबंधन में रालोद को भी जगह देने की सलाह दी है।
सपा बसपा ने इस गठबंधन में कांग्रेस को कोई जगह नहीं दी है। सपा बसपा 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। यूपी में लोकसभा की 80 सीटों में से इस गठबंधन ने रायबरेली और अमेठी को कांग्रेस के लिए छोड़ दिया है यहां यह गठबंधन अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगा। इसके साथ ही दो सीटें किसी और क्षेत्रीय दल के साथ आने के लिए छोड़ी गई हैं।
सपा बसपा के इस गठबंधन को भाजपा ने गलत बताया है। दोनों ही पार्टियों का यूपी में अच्छा होल्ड है ऐसे में कांग्रेस औऱ खासतौर पर भाजपा के लिए चिंता का विषय माना जा रहा है। दोनों पार्टियां उपचुनाव में सीएम योगी आदित्यनाथ औऱ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की सीटों गोरखपुर फूलपुर और कैराना में भाजपा को चित कर चुका है। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में भी यह गठबंधन भाजपा को बुरी तरह धूल चटा सकता है।
चंद्रशेखर आजाद और भीम आर्मी के रुख को लेकर काफी समय से सवाल उठाए जा रहे थे। ऐसे में चंद्रशेखर आजाद ने साफ कर दिया है कि भाजपा को हराने के लिए भीम आर्मी गठबंधन का साथ देगी। हालांकि उन्होंने इस गठबंधन में रालोद को भी जगह देने की सलाह दी है।
सपा बसपा ने इस गठबंधन में कांग्रेस को कोई जगह नहीं दी है। सपा बसपा 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। यूपी में लोकसभा की 80 सीटों में से इस गठबंधन ने रायबरेली और अमेठी को कांग्रेस के लिए छोड़ दिया है यहां यह गठबंधन अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगा। इसके साथ ही दो सीटें किसी और क्षेत्रीय दल के साथ आने के लिए छोड़ी गई हैं।
सपा बसपा के इस गठबंधन को भाजपा ने गलत बताया है। दोनों ही पार्टियों का यूपी में अच्छा होल्ड है ऐसे में कांग्रेस औऱ खासतौर पर भाजपा के लिए चिंता का विषय माना जा रहा है। दोनों पार्टियां उपचुनाव में सीएम योगी आदित्यनाथ औऱ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की सीटों गोरखपुर फूलपुर और कैराना में भाजपा को चित कर चुका है। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में भी यह गठबंधन भाजपा को बुरी तरह धूल चटा सकता है।