सोनभद्र। तात्कालिक तौर पर भाजपाई राहत की सांस ले रहे हों, पर राफेल में देश की सुरक्षा और सार्वजनिक संपदा को नुकसान पहुंचाने वाले मोदी इसकी आंच से नहीं बचेंगे। उन्हें भ्रष्टाचार की जनता सजा देगी। यह बातें रविवार को दुद्धी तहसील के बधाडू गावं में हुई आदिवासी वनवासी महासभा की बैठक में स्वराज अभियान की राज्य समिति के सदस्य दिनकर कपूर ने कहीं।
दिनकर कपूर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में बंद लिफाफे में मोदी सरकार ने सीएजी रिपोर्ट का गलत तथ्य पेश किया है। सच्चाई यह है कि सरकार ने देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है और देश की संपदा अपने चहेते पूंजी घरानों को दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस देश में विकल्प नहीं है, क्योकि उसका हाथ भी भ्रष्टाचार में लिप्त रहा है। इस देश में नए राजनीतिक विकल्प की जरूरत है जिसे समाज को पूरा करना होगा।
उन्होंने कहा कि लिलासी वनभूमि विवाद की पूरी घटना आरएसएस के इशारे पर की गयी है और इसके सच से वह जल्द ही एसपी से मिलकर उन्हें अवगत करायेंगे। बैठक में प्रशासन और सरकार से दुद्धी तहसील में वनाधिकार कानून के तहत सभी अस्वीकृत दावों का पुनरीक्षण करने की मांग की गयी और प्रस्ताव लेकर मूरता के आदिवासी प्रधान डॉ. चंद्रदेव गोंड़ को हत्यारोपी की शिकायत पर प्रधान का चार्ज जिला प्रशासन द्वारा न देने की कड़ी निंदा की गयी।
बैठक की अध्यक्षता आदिवासी वनवासी महासभा के पूर्व बीडीसी राम दास गोड़ व संचालन डॉ. मूरता प्रधान चंद्रदेव गोड़ ने किया। बैठक में राम प्रसाद पनिका, कृपाशंकर पनिका, मंगरू प्रसाद, श्याम, भगवान सिंह गोड़, राम चंद्र गोड़, पार्वती गोंड़, राम किशुन खरवार, राम प्रसाद, गुरू जी, राजाराम मौजूद रहे।
साभार- अमर उजाला
दिनकर कपूर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में बंद लिफाफे में मोदी सरकार ने सीएजी रिपोर्ट का गलत तथ्य पेश किया है। सच्चाई यह है कि सरकार ने देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है और देश की संपदा अपने चहेते पूंजी घरानों को दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस देश में विकल्प नहीं है, क्योकि उसका हाथ भी भ्रष्टाचार में लिप्त रहा है। इस देश में नए राजनीतिक विकल्प की जरूरत है जिसे समाज को पूरा करना होगा।
उन्होंने कहा कि लिलासी वनभूमि विवाद की पूरी घटना आरएसएस के इशारे पर की गयी है और इसके सच से वह जल्द ही एसपी से मिलकर उन्हें अवगत करायेंगे। बैठक में प्रशासन और सरकार से दुद्धी तहसील में वनाधिकार कानून के तहत सभी अस्वीकृत दावों का पुनरीक्षण करने की मांग की गयी और प्रस्ताव लेकर मूरता के आदिवासी प्रधान डॉ. चंद्रदेव गोंड़ को हत्यारोपी की शिकायत पर प्रधान का चार्ज जिला प्रशासन द्वारा न देने की कड़ी निंदा की गयी।
बैठक की अध्यक्षता आदिवासी वनवासी महासभा के पूर्व बीडीसी राम दास गोड़ व संचालन डॉ. मूरता प्रधान चंद्रदेव गोड़ ने किया। बैठक में राम प्रसाद पनिका, कृपाशंकर पनिका, मंगरू प्रसाद, श्याम, भगवान सिंह गोड़, राम चंद्र गोड़, पार्वती गोंड़, राम किशुन खरवार, राम प्रसाद, गुरू जी, राजाराम मौजूद रहे।
साभार- अमर उजाला