ग्वालियर के स्नेहालय में रोंगटे खड़े कर देने वाले खुलासे हो रहे हैं। पहले तो ऐसा लगा था कि केवल आश्रम का एक कर्मचारी ही इन मूक-बधिर लड़कियों से बलात्कार करता है, लेकिन अब पता चल रहा है कि आश्रम का संचालक डॉ बीके शर्मा और उसकी कथित दूसरी पत्नी डॉ भावना तिवारी ही इन लड़कियों के शोषण में शामिल रहते थे।
विदेशों से आने वाले फंड से चलने वाली सामाजिक संस्था स्नेहालय में मूक-बधिर महिला से दुष्कर्म के बाद उसका गर्भपात कराकर भ्रूण को जलाने के मामले में पुलिस अब हरकत में आ रही है तो नित्य नए खुलासे हो रहे हैं। अब नईदुनिया ने खबर दी है कि पुलिस ने स्नेहालय में लगे सीसीटीवी कैमरों की हार्ड डिस्क भी जब्त कर ली है। पुलिस ने जलाए गए भ्रूण के अवशेष तलाशने के लिए गटर साफ कराया, लेकिन अंधेरा होने के कारण गटर पूरा साफ नहीं हो सका। भ्रूण को जलाने के बाद आरोपितों ने गटर में बहाने की बात कबूल की थी।
अडूपुरा स्थित स्नेहालय में रहने वाली मूक-बधिर महिला के साथ दुष्कर्म के बाद संचालकों और स्टाफ ने उसका दवा देकर गर्भपात कराने और भ्रूण को जलाने की जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को लगी थी जिसके बाद उसने जांच कराई थी। जांच में पुष्टि होने पर जानकारी बिलौआ पुलिस थाने को दी गई।
पुलिस ने चौकीदार साहब सिंह गुर्जर, संचालक डॉ बीके शर्मा और उसकी पत्नी भावना तिवारी सहित 9 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया। पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि पुष्पा मिश्रा फरार है।
आरोपियों ने पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद पहले दिन ही स्वीकार किया था कि पीड़िता की जान जोखिम में डालकर उसका गर्भपात करने के बाद भ्रूण को जलाया और स्नेहालय के गटर में बुधवार रात बहा दिया। पुलिस ने चौथे दिन नगर निगम के कर्मचारियों को बुलाकर गटर साफ कराया गया।
स्नेहालय में सीसीटीवी कैमरे लगे होने का पता पुलिस को मीडिया से लगा। सोमवार को पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की हार्ड डिस्क जब्त कर ली है। पुलिस अब हार्ड डिस्क में सेव रिकॉर्डिंग को देखेगी। पुलिस को उम्मीद है कि सीसीटीवी कैमरे से संस्था में चल रहीं अनैतिक गतिविधियों का खुलासा हो सकता है।
छात्रा ने कोर्ट में वही बयान दिए, जो पुलिस को दिए हैं। छात्रा का कहना है कि उसने चौकीदार साहिब सिंह गुर्जर को पीड़िता के साथ गलत काम करते देखा था। इसकी सूचना संस्था के संचालक डॉ बीके शर्मा को दी थी, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। उसके बाद पीड़िता के शरीर में धीरे-धीरे बदलाव होने की सूचना भी संचालकों को दी, लेकिन किसी ने उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया।
उसने यह भी बताया कि बुधवार को भावना शर्मा उसके रूम में आई थीं। उसने उन्हें रूम से निकलते हुए देखा था। उनके जाने के बाद ही पीड़िता की हालत बिगड़ी और ब्लीडिंग होना शुरू हो गई थी।
मूक-बधिर महिला के साथ दुष्कर्म के बाद उसे दवा देकर गर्भपात कराने और भ्रूण को जलाने जैसे घृणित मामले में स्नेहालय के संचालक डॉ. बीके शर्मा व भावना तिवारी सहित 8 लोगों के न्यायिक हिरासत में जाने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। ये सवाल डॉ शर्मा और भावना तिवारी के बीच रिश्तों को लेकर हैं। स्नेहालय में भावना तिवारी की एंट्री केयरटेकर के रूप में हुई थी, लेकिन कुछ ही समय में वो स्नेहालय की सर्वेसर्वा बन गई। उसकी बात को डॉ शर्मा भी नहीं बदल पाता था।
दोनों के रिश्ते को डॉक्टर के परिजन पहले से नापसंद करते थे। स्टाफ ने भी इनके खिलाफ खुली खिलाफत अगस्त में श्रीमद्भागवत कथा के दौरान की थी। इस धार्मिक आयोजन में डॉ बीके शर्मा ने सार्वजनिक रूप से भावना को पत्नी का दर्जा दिया था जबकि दोनों की शादी नहीं हुई है।
पिछले कुछ दिनों से संस्था का सारा काम भावना शर्मा ही देख रही थीं। वही निर्णय करती थीं कि आज बच्चों को खाने में क्या देना है, क्या नहीं? 10वीं की छात्रा ने खुलासा किया था कि पहले बच्चों के लिए 20 से 25 लीटर दूध प्रतिदिन आता था, लेकिन भावना के आदेश पर दूध बंद कर दिया गया।
संस्था में धूमधाम से श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया था, जिसमें मुख्य यजमान की हैसियत से डॉ बीके शर्मा बैठा था और उसने पत्नी के तौर पर भावना तिवारी को साथ बैठाया था। स्नेहालय की केयरटेकर प्रभा ने इस रिश्ते पर सार्वजनिक रूप से सवाल उठाते हुए कहा था कि जब तक दोनों की विधिवत शादी नहीं हो जाती, जब तक दोनों पति-पत्नी के रूप में धार्मिक आयोजन में नहीं बैठ सकते। उस समय डॉ शर्मा ने स्टाफ को यह कहकर शांत कर दिया था कि हम दोनों ने पुष्कर में शादी कर ली है। इस घोषणा के बाद भावना अपने विरोधियों को परेशान करने लगी थी।
विदेशों से आने वाले फंड से चलने वाली सामाजिक संस्था स्नेहालय में मूक-बधिर महिला से दुष्कर्म के बाद उसका गर्भपात कराकर भ्रूण को जलाने के मामले में पुलिस अब हरकत में आ रही है तो नित्य नए खुलासे हो रहे हैं। अब नईदुनिया ने खबर दी है कि पुलिस ने स्नेहालय में लगे सीसीटीवी कैमरों की हार्ड डिस्क भी जब्त कर ली है। पुलिस ने जलाए गए भ्रूण के अवशेष तलाशने के लिए गटर साफ कराया, लेकिन अंधेरा होने के कारण गटर पूरा साफ नहीं हो सका। भ्रूण को जलाने के बाद आरोपितों ने गटर में बहाने की बात कबूल की थी।
अडूपुरा स्थित स्नेहालय में रहने वाली मूक-बधिर महिला के साथ दुष्कर्म के बाद संचालकों और स्टाफ ने उसका दवा देकर गर्भपात कराने और भ्रूण को जलाने की जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को लगी थी जिसके बाद उसने जांच कराई थी। जांच में पुष्टि होने पर जानकारी बिलौआ पुलिस थाने को दी गई।
पुलिस ने चौकीदार साहब सिंह गुर्जर, संचालक डॉ बीके शर्मा और उसकी पत्नी भावना तिवारी सहित 9 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया। पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि पुष्पा मिश्रा फरार है।
आरोपियों ने पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद पहले दिन ही स्वीकार किया था कि पीड़िता की जान जोखिम में डालकर उसका गर्भपात करने के बाद भ्रूण को जलाया और स्नेहालय के गटर में बुधवार रात बहा दिया। पुलिस ने चौथे दिन नगर निगम के कर्मचारियों को बुलाकर गटर साफ कराया गया।
स्नेहालय में सीसीटीवी कैमरे लगे होने का पता पुलिस को मीडिया से लगा। सोमवार को पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की हार्ड डिस्क जब्त कर ली है। पुलिस अब हार्ड डिस्क में सेव रिकॉर्डिंग को देखेगी। पुलिस को उम्मीद है कि सीसीटीवी कैमरे से संस्था में चल रहीं अनैतिक गतिविधियों का खुलासा हो सकता है।
छात्रा ने कोर्ट में वही बयान दिए, जो पुलिस को दिए हैं। छात्रा का कहना है कि उसने चौकीदार साहिब सिंह गुर्जर को पीड़िता के साथ गलत काम करते देखा था। इसकी सूचना संस्था के संचालक डॉ बीके शर्मा को दी थी, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। उसके बाद पीड़िता के शरीर में धीरे-धीरे बदलाव होने की सूचना भी संचालकों को दी, लेकिन किसी ने उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया।
उसने यह भी बताया कि बुधवार को भावना शर्मा उसके रूम में आई थीं। उसने उन्हें रूम से निकलते हुए देखा था। उनके जाने के बाद ही पीड़िता की हालत बिगड़ी और ब्लीडिंग होना शुरू हो गई थी।
मूक-बधिर महिला के साथ दुष्कर्म के बाद उसे दवा देकर गर्भपात कराने और भ्रूण को जलाने जैसे घृणित मामले में स्नेहालय के संचालक डॉ. बीके शर्मा व भावना तिवारी सहित 8 लोगों के न्यायिक हिरासत में जाने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। ये सवाल डॉ शर्मा और भावना तिवारी के बीच रिश्तों को लेकर हैं। स्नेहालय में भावना तिवारी की एंट्री केयरटेकर के रूप में हुई थी, लेकिन कुछ ही समय में वो स्नेहालय की सर्वेसर्वा बन गई। उसकी बात को डॉ शर्मा भी नहीं बदल पाता था।
दोनों के रिश्ते को डॉक्टर के परिजन पहले से नापसंद करते थे। स्टाफ ने भी इनके खिलाफ खुली खिलाफत अगस्त में श्रीमद्भागवत कथा के दौरान की थी। इस धार्मिक आयोजन में डॉ बीके शर्मा ने सार्वजनिक रूप से भावना को पत्नी का दर्जा दिया था जबकि दोनों की शादी नहीं हुई है।
पिछले कुछ दिनों से संस्था का सारा काम भावना शर्मा ही देख रही थीं। वही निर्णय करती थीं कि आज बच्चों को खाने में क्या देना है, क्या नहीं? 10वीं की छात्रा ने खुलासा किया था कि पहले बच्चों के लिए 20 से 25 लीटर दूध प्रतिदिन आता था, लेकिन भावना के आदेश पर दूध बंद कर दिया गया।
संस्था में धूमधाम से श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया था, जिसमें मुख्य यजमान की हैसियत से डॉ बीके शर्मा बैठा था और उसने पत्नी के तौर पर भावना तिवारी को साथ बैठाया था। स्नेहालय की केयरटेकर प्रभा ने इस रिश्ते पर सार्वजनिक रूप से सवाल उठाते हुए कहा था कि जब तक दोनों की विधिवत शादी नहीं हो जाती, जब तक दोनों पति-पत्नी के रूप में धार्मिक आयोजन में नहीं बैठ सकते। उस समय डॉ शर्मा ने स्टाफ को यह कहकर शांत कर दिया था कि हम दोनों ने पुष्कर में शादी कर ली है। इस घोषणा के बाद भावना अपने विरोधियों को परेशान करने लगी थी।