इंदौर शहर के लोगों को अब डेंगू के साथ-साथ स्वाइन फ्लू का भी खतरा हो गया है। पुणे में स्वाइन फ्लू से एक मरीज की मौत के बाद इंदौर में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है, क्योंकि इंदौर से पुणे के बीच बस और ट्रेन के जरिए सीधी कनेक्टिविटी है।
नोडल अधिकारी डॉ आशा पंडित के हवाले से नईदुनिया ने बताया है कि इस वर्ष अब तक जांच के लिए भेजे गए 176 सैंपल में दो में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इनमें एक की मौत हो चुकी है, जबकि लालबाग क्षेत्र निवासी दूसरे मरीज को हालत में सुधार के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।
(Courtesy:The Himalayan Times)
स्वास्थ्य विभाग ने अपील की है कि सर्दी-जुकाम को हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टरों से भी कहा गया है कि वे संदिग्ध मरीज के स्वाब सैंपल जांच के लिए भेजें।
इस बीच इंदौर में डेंगू के मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। निजी अस्पतालों में डेंगू के लक्षणों वाले कई मरीज इलाज करवा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अब तक डेंगू के खतरे को स्वीकार नहीं किया है, जबकि मरीजों में लगातार डेंगू की पुष्टि होती जा रही है। अब तक 157 लोगों में मेडिकल कॉलेज से मिली रिपोर्ट में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। गुरुवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज की लैब में तीन नए मरीजों में बीमारी की पुष्टि की। सभी अलग-अलग आयु वर्ग के हैं। इनमें दो एयरपोर्ट रोड के हैं।
डेंगू से एक आयकर अधिकारी गोविंद मोटवानी की भी मौत हो चुकी है। 28 अगस्त को गोविंद मोटवानी देपालपुर में सर्वे के लिए गए थे।वहीं पर उनकी तबीयत खराब होने लगी। इसके बाद रविवार को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सेहत में सुधार नहीं होने पर सोमवार को दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया। आईसीयू में रखने के बावदूज मंगलवार सुबह उऩकी मौत हो गई। उनका इलाज करने वाले डॉ पराग अग्रवाल ने बताया था कि मोटवानी को शाक सिंड्रोम डेंगू हो गया था, इसमें शरीर के अंदर ब्लीडिंग होने लगती है, इससे ऑर्गन फेल हो जाते हैं।
नोडल अधिकारी डॉ आशा पंडित के हवाले से नईदुनिया ने बताया है कि इस वर्ष अब तक जांच के लिए भेजे गए 176 सैंपल में दो में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इनमें एक की मौत हो चुकी है, जबकि लालबाग क्षेत्र निवासी दूसरे मरीज को हालत में सुधार के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।
(Courtesy:The Himalayan Times)
स्वास्थ्य विभाग ने अपील की है कि सर्दी-जुकाम को हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टरों से भी कहा गया है कि वे संदिग्ध मरीज के स्वाब सैंपल जांच के लिए भेजें।
इस बीच इंदौर में डेंगू के मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। निजी अस्पतालों में डेंगू के लक्षणों वाले कई मरीज इलाज करवा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अब तक डेंगू के खतरे को स्वीकार नहीं किया है, जबकि मरीजों में लगातार डेंगू की पुष्टि होती जा रही है। अब तक 157 लोगों में मेडिकल कॉलेज से मिली रिपोर्ट में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। गुरुवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज की लैब में तीन नए मरीजों में बीमारी की पुष्टि की। सभी अलग-अलग आयु वर्ग के हैं। इनमें दो एयरपोर्ट रोड के हैं।
डेंगू से एक आयकर अधिकारी गोविंद मोटवानी की भी मौत हो चुकी है। 28 अगस्त को गोविंद मोटवानी देपालपुर में सर्वे के लिए गए थे।वहीं पर उनकी तबीयत खराब होने लगी। इसके बाद रविवार को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सेहत में सुधार नहीं होने पर सोमवार को दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया। आईसीयू में रखने के बावदूज मंगलवार सुबह उऩकी मौत हो गई। उनका इलाज करने वाले डॉ पराग अग्रवाल ने बताया था कि मोटवानी को शाक सिंड्रोम डेंगू हो गया था, इसमें शरीर के अंदर ब्लीडिंग होने लगती है, इससे ऑर्गन फेल हो जाते हैं।