अम्बेडकर इंटरनेशनल मिशन के संस्थापक राजू कांबले का वैंकुवर कनाडा में निधन

Written by Sabrangindia Staff | Published on: August 18, 2018
हम-आप जैसी बेहद सामान्य पृष्ठभूमि से आने वाले राजू काम्बले जी ने "शिक्षित हो, संघर्ष करो, संगठित हो" के नारे को आत्मसात कर बहुत संघर्ष कर प्रोफेशनल और सोशल लाइफ में बुलंदियों को छुआ।



वे आजीवन बाबासाहेब अम्बेडकर के विचारों को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के साथ-साथ अलग-अलग देशों में फैले दलितों को यूनिट के लिए उन्होंने आजीवन प्रयास किया। बहुत ऊंचाईयों पर पहुँचने पर भी वे कभी अपने समाज से नहीं कटे बल्कि समाज के लिए समर्पित रहे और ग्राउंड पर जाकर दलित एक्टिविज़्म के लिए कार्य किया।

उन्होंने भारत के हर एक राज्य से लेकर मध्य एशिया, दक्षिण एशिया , यूरोप, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका में बिज़नेस क्लास, सर्विस क्लास से लेकर इंडिया के अलग-अलग राज्यों से गये लेबर्स को भी अम्बेडकर मूवमेंट से जोड़ा।

राजू भाऊ अपनी जेब से एक्टिविस्म में पैसे लगाते थे। बाबासाहेब की किताबों को पढ़ने और पढ़ाने के लिए वे लगातार लोगों को किताबें उपलब्ध कराते रहे। वे हमेशा स्टूडेंट्स को विदेश जाकर पढ़ने और खुद को सक्षम बनाकर समाज के लिए कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करते थे। उनका पूरा जीवन समाज के लिए समर्पित रहा। वे आगे कई महत्वपूर्ण सोशल स्टेप लेने के लिए कार्य कर रहे थे पर अचानक इस घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया है।

राजू काम्बले जी का जीवन उदाहरण और प्रेरणा है हम सबके लिए की हमें किस तरह समाज के संघर्ष में अपना योगदान देने और निरंतर प्रयास करने की ज़रूरत है। राजू काम्बले जी का जाना अम्बेडकवादी मूवमेंट के लिए अपूरणीय क्षति है.

बाकी ख़बरें