छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों ने जिस तरह से लूट मचाई है, और जनता की गाढ़ी कमाई हड़पी है, उसके खिलाफ पूरे राज्य में आंदोलन तेजी से फैलने लगा है।

हालात ये हो गई है कि कभी राजनांदगांव से शुरू हुआ ये आंदोलन अब प्रदेश के 15 जिलों में फैल चुका है, और बाकी जिलों में भी तेजी से फैलता जा रहा है। 31 जुलाई को राज्य के सारे जिला मुख्यालयों पर एक साथ प्रदर्शन करने की घोषणा भी आंदोलनकारी कर चुके हैं।
पत्रिका की खबर के अनुसार, प्रदेश के 15 जिलों में आंदोलनकारी बिना भुगतान नहीं होगा मतदान के नारे दीवारों पर लिख रहे हैं, और सरकार को चेतावनी दे रहे हैं कि अगर उनका भुगतान नहीं कराया गया तो वे मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे।
छत्तीसगढ़ नागरिक अधिकार समिति ने ऐलान किया है कि 31 जुलाई को सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया जाएगा और कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। प्रदर्शन में चिटफंड कंपनियों के कर्मचारी और ठगे गए निवेशक हिस्सा लेंगे।
आंदोलन की तैयारी के लिए बिलासपुर, कोरबा, कांकेर, रायपुर, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, गरियाबंद और सरगुजा समेत प्रदेश के 15 जिलों में दीवारों पर नारे लिखे जा रहे हैं और पर्चे बांटे जा रहे हैं।
अब तक सोई रही सरकार अब मतदान के बहिष्कार का नारा उठने के बाद निवेशकों को समझाने की कोशिश कर रही है, लेकिन ठगे गए निवेशक अपनी गाढ़ी कमाई की रकम वापस लिए बिना मानने को तैयार नहीं हैं।
छत्तीसगढ़ नागरिक समिति का कहना है कि प्रदेश भर में करीब 50 से अधिक लोग चिटफंड कंपनियों की ठगी से परेशान होकर आत्महत्या कर चुके हैं, और राज्य के 70 फीसदी लोगों की रकम किसी न किसी रूप में इन कंपनियों ने हड़पा है।
लोगों की नाराजगी चिटफंड कंपनियों के साथ-साथ सरकार से भी है जो उनकी समस्याओं पर बिलकुल ध्यान नहीं दे रही है, और उसी की जानकारी में चिटफंड कंपनियां अपनी गतिविधियां चलाती रहती हैं।

हालात ये हो गई है कि कभी राजनांदगांव से शुरू हुआ ये आंदोलन अब प्रदेश के 15 जिलों में फैल चुका है, और बाकी जिलों में भी तेजी से फैलता जा रहा है। 31 जुलाई को राज्य के सारे जिला मुख्यालयों पर एक साथ प्रदर्शन करने की घोषणा भी आंदोलनकारी कर चुके हैं।
पत्रिका की खबर के अनुसार, प्रदेश के 15 जिलों में आंदोलनकारी बिना भुगतान नहीं होगा मतदान के नारे दीवारों पर लिख रहे हैं, और सरकार को चेतावनी दे रहे हैं कि अगर उनका भुगतान नहीं कराया गया तो वे मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे।
छत्तीसगढ़ नागरिक अधिकार समिति ने ऐलान किया है कि 31 जुलाई को सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया जाएगा और कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। प्रदर्शन में चिटफंड कंपनियों के कर्मचारी और ठगे गए निवेशक हिस्सा लेंगे।
आंदोलन की तैयारी के लिए बिलासपुर, कोरबा, कांकेर, रायपुर, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, गरियाबंद और सरगुजा समेत प्रदेश के 15 जिलों में दीवारों पर नारे लिखे जा रहे हैं और पर्चे बांटे जा रहे हैं।
अब तक सोई रही सरकार अब मतदान के बहिष्कार का नारा उठने के बाद निवेशकों को समझाने की कोशिश कर रही है, लेकिन ठगे गए निवेशक अपनी गाढ़ी कमाई की रकम वापस लिए बिना मानने को तैयार नहीं हैं।
छत्तीसगढ़ नागरिक समिति का कहना है कि प्रदेश भर में करीब 50 से अधिक लोग चिटफंड कंपनियों की ठगी से परेशान होकर आत्महत्या कर चुके हैं, और राज्य के 70 फीसदी लोगों की रकम किसी न किसी रूप में इन कंपनियों ने हड़पा है।
लोगों की नाराजगी चिटफंड कंपनियों के साथ-साथ सरकार से भी है जो उनकी समस्याओं पर बिलकुल ध्यान नहीं दे रही है, और उसी की जानकारी में चिटफंड कंपनियां अपनी गतिविधियां चलाती रहती हैं।