राजस्थान में भाजपा के नेता और मंत्री सरकारी जमीन पर कब्जा करने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं। ऐसा दूरदराज के जिलों में भी हो रहा है और राजधानी जयपुर में भी।

जहां नगर निगम और जेडीए गरीबों की दुकानें और बस्तियां अतिक्रमण के नाम पर हटाने में रत्ती भर भी संकोच नहीं करते, वहीं भाजपा के नेताओं और मंत्रियों की बात आने पर सरेआम अवैध कब्जों की भी अनदेखी किए रहते हैं।
ताजा मामला जयपुर में भाजपा नेता और राजस्थान युवा बोर्ड के चेयरमैन भूपेंद्र सैनी के विनायक विहार कॉलोनी में पार्क में अवैध तरीके से गेट बना लेने का है।
भूपेंद्र सैनी का मानसरोवर में विनायक विहार कॉलोनी में मकान बन रहा है, लेकिन उन्होंने मकान की दीवार भी कॉलोनी के पार्क की चहारदीवारी से सटाकर बना ली है और उसमें से गेट भी बना लिया है।
दूसरी ओर स्थिति ये है कि कॉलोनी की विकास समिति उस पार्क में किसी भी परिवार को ऐसे नहीं आने देती है। पार्क में आने के लिए 2100 रुपए विकास शुल्क देना होता है, साथ ही मेंटेनेंस चार्ज भी 100 रुपए महीने देना होता है, तब पार्क और उसमें बने मंदिर में लोग आ पाते हैं।
फिलहाल स्थिति ये है कि ज़ोन और प्रवर्तन विंग के अफसर ने भूपेंद्र सैनी के बन रहे बंगले के बिल्डिंग बायलॉज तक की जांच करने की हिम्मत नहीं की है। उन्होंने केवल गार्डन विंग के कर्मचारियों को मौके पर भेजकर जांच करवाने की औपचारिकता निभाई है।
दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार, जेडीए के डीएफओ संजय प्रकाश भादू का कहना है कि एसीएफ कन्हैयालाल शर्मा के मौका निरीक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट अभी तक दी ही नहीं है।
जेडीए की गार्डन विंग ने पार्क के मेंटेनेंस का काम ठेकेदार को दे रखा है और हर साल उसका भुगतान भी किया जाता है, लेकिन विकास समिति की जबरन वसूली पर जेडीए चुप्पी साधे हुए है।
भाजपा के नेताओं द्वारा सार्वजनिक जमीन पर कब्जे का यह कोई इकलौता मामला नहीं है। भिवाड़ी जिले में बहरोड़ के विधायक और श्रम तथा नियोजन मंत्री डॉ जसवंत यादव भी रीको हिलटॉप पहाड़ी की
करोड़ों की जमीन पर कब्जा कर चुके हैं और पहाड़ी से जाने वाला बाबा भैयाजी के मंदिर का रास्ता तक बंद कर चुके हैं। मीडिया में कई बार खबरें आने के बाद भी उन्होंने पहाड़ी से कब्जा नहीं हटाया है।
जेडीए केवल वहीं चुस्ती-फुर्ती दिखाता है जहां गरीब लोगों द्वारा अतिक्रमण का मामला बनता है। पिछले दिनों ही सिद्धार्थ नगर की बंजारा झुग्गी बस्ती में 20 सालों से रह रहे लोगों की झुग्गियां जेडीए के अधिकारियों ने बुलडोजर से गिरवा दी थीं और यहां तक कि एक सो रहे बुजुर्ग के ऊपर भी जेसीबी मशीन चढ़ा दी थी। बुजुर्ग बुरी तरह से घायल भी हो गया था। इसके बाद स्थानीय लोग जब भड़क उठे तब जेडीए के दस्ते को भागना पड़ गया था।

जहां नगर निगम और जेडीए गरीबों की दुकानें और बस्तियां अतिक्रमण के नाम पर हटाने में रत्ती भर भी संकोच नहीं करते, वहीं भाजपा के नेताओं और मंत्रियों की बात आने पर सरेआम अवैध कब्जों की भी अनदेखी किए रहते हैं।
ताजा मामला जयपुर में भाजपा नेता और राजस्थान युवा बोर्ड के चेयरमैन भूपेंद्र सैनी के विनायक विहार कॉलोनी में पार्क में अवैध तरीके से गेट बना लेने का है।
भूपेंद्र सैनी का मानसरोवर में विनायक विहार कॉलोनी में मकान बन रहा है, लेकिन उन्होंने मकान की दीवार भी कॉलोनी के पार्क की चहारदीवारी से सटाकर बना ली है और उसमें से गेट भी बना लिया है।
दूसरी ओर स्थिति ये है कि कॉलोनी की विकास समिति उस पार्क में किसी भी परिवार को ऐसे नहीं आने देती है। पार्क में आने के लिए 2100 रुपए विकास शुल्क देना होता है, साथ ही मेंटेनेंस चार्ज भी 100 रुपए महीने देना होता है, तब पार्क और उसमें बने मंदिर में लोग आ पाते हैं।
फिलहाल स्थिति ये है कि ज़ोन और प्रवर्तन विंग के अफसर ने भूपेंद्र सैनी के बन रहे बंगले के बिल्डिंग बायलॉज तक की जांच करने की हिम्मत नहीं की है। उन्होंने केवल गार्डन विंग के कर्मचारियों को मौके पर भेजकर जांच करवाने की औपचारिकता निभाई है।
दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार, जेडीए के डीएफओ संजय प्रकाश भादू का कहना है कि एसीएफ कन्हैयालाल शर्मा के मौका निरीक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट अभी तक दी ही नहीं है।
जेडीए की गार्डन विंग ने पार्क के मेंटेनेंस का काम ठेकेदार को दे रखा है और हर साल उसका भुगतान भी किया जाता है, लेकिन विकास समिति की जबरन वसूली पर जेडीए चुप्पी साधे हुए है।
भाजपा के नेताओं द्वारा सार्वजनिक जमीन पर कब्जे का यह कोई इकलौता मामला नहीं है। भिवाड़ी जिले में बहरोड़ के विधायक और श्रम तथा नियोजन मंत्री डॉ जसवंत यादव भी रीको हिलटॉप पहाड़ी की
करोड़ों की जमीन पर कब्जा कर चुके हैं और पहाड़ी से जाने वाला बाबा भैयाजी के मंदिर का रास्ता तक बंद कर चुके हैं। मीडिया में कई बार खबरें आने के बाद भी उन्होंने पहाड़ी से कब्जा नहीं हटाया है।
जेडीए केवल वहीं चुस्ती-फुर्ती दिखाता है जहां गरीब लोगों द्वारा अतिक्रमण का मामला बनता है। पिछले दिनों ही सिद्धार्थ नगर की बंजारा झुग्गी बस्ती में 20 सालों से रह रहे लोगों की झुग्गियां जेडीए के अधिकारियों ने बुलडोजर से गिरवा दी थीं और यहां तक कि एक सो रहे बुजुर्ग के ऊपर भी जेसीबी मशीन चढ़ा दी थी। बुजुर्ग बुरी तरह से घायल भी हो गया था। इसके बाद स्थानीय लोग जब भड़क उठे तब जेडीए के दस्ते को भागना पड़ गया था।