भोपाल। कुछ राज्यों में दलितों की शादी को लेकर दलित समुदाय में एक तरह का डर बना रहता है। शादी को लेकर कहीं जातिवादी गुंडे शादी में किसी तरह का बवाल ना खड़ा कर दें। लेकिन मध्य प्रदेश के एक गांव में पहली बार किसी दलित परिवार की शादी में बैंड बजा है और दूल्हा घोड़ी चढ़ा है। इस शादी को कराने के लिए तीन-तीन पुलिस थानों की फोर्स लगानी पड़ी। इतना ही नहीं पुलिस बल लाठियों, बंदूकों और आंसू गैस के गोलों से लैस था।

बता दें कि मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले के माणा गांव में इस पुलिस बल को शादी कराने के लिए इतनी मशक्कत करनी पड़ी। ये तैयारी इसलिए की गई ताकि गांव के दलित चन्दर की बेटी ममता के हाथ गाजे-बाजे के साथ पीले हो सकें।
बताया जा रहा था कि गांव के गुर्जरों ने परंपरा बना रखी थी कि दलित की शादी में बैंड बाजा नहीं बज सकता। लेकिन चन्दर मेघवाल ने इस सड़ी-गली परंपरा को चुनौती दे डाली। पुलिस और प्रशासन ने भी सुबह से ही तीन थानों के पूरे बल के साथ यहां डेरा डाल दिया।
वहीं, पुलिस की तैनाती के बीच बैंड बाजे के साथ गंगा पूजन का कार्यक्रम भी हुआ। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से ऐसी खबरें कई बार आती रहती हैं।
संपादन- भवेंद्र प्रकाश
Courtesy: National Dastak

बता दें कि मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले के माणा गांव में इस पुलिस बल को शादी कराने के लिए इतनी मशक्कत करनी पड़ी। ये तैयारी इसलिए की गई ताकि गांव के दलित चन्दर की बेटी ममता के हाथ गाजे-बाजे के साथ पीले हो सकें।
बताया जा रहा था कि गांव के गुर्जरों ने परंपरा बना रखी थी कि दलित की शादी में बैंड बाजा नहीं बज सकता। लेकिन चन्दर मेघवाल ने इस सड़ी-गली परंपरा को चुनौती दे डाली। पुलिस और प्रशासन ने भी सुबह से ही तीन थानों के पूरे बल के साथ यहां डेरा डाल दिया।
वहीं, पुलिस की तैनाती के बीच बैंड बाजे के साथ गंगा पूजन का कार्यक्रम भी हुआ। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से ऐसी खबरें कई बार आती रहती हैं।
संपादन- भवेंद्र प्रकाश
Courtesy: National Dastak