रेवाड़ी। देश में दलितों पर अत्याचार की खबरें लगातार आती रही हैं। दलितों को सदियों से जात-पात, भेदभाव, छुआछूत आदि झेलना पड़ा है। कुछ लोग आज भी समाज में जातिवाद का जहर घोल रहे हैं और दलितों पर अत्याचार करने में अपनी खुशी समझते हैं। लेकिन हरियाणा में एक दलित लड़की ने जात-पात को तोड़कर इन लोगों को करारा जवाब दिया है।
जाति-पाति का जहर घोलने वाले लोगों को सबक सिखाने की पहल रेवाड़ी की एक दलित परिवार की बेटी ने की है। अजय नगर निवासी उर्मिला की शादी में कुछ उसने ऐसा किया की जिले में चर्चा विषय बना हुआ है। उर्मिला ने अपनी शादी में घोड़ी पर बैठकर दलितों को घोड़ी पर न बैठने देने वालों को आईना दिखाया है।
आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से हरियाणा में दलितों के घोड़ी पर बैठने पर हमले की खबरें आई थीं। करनाल और नारायणगढ़ में दलितों को घोड़ी पर नहीं बैठने दिया गया था। जिसके बाद सरकार को आलोचना झेलनी पड़ी थी।
उर्मिला ने करनाल और नारायणगढ़ में दलित दूल्हों को घोड़ी पर नहीं बैठने वाली खबर को जबसे देखा है तबसे उसके मन में एक ही सवाल बार-बार आता है कि आज हम 21वीं सदी में जी रहे है। फिर भी कुछ दबंग लोग समाज में जातिवाद का जहर घोल रहे हैं।
दुल्हन उर्मिला ने समाज में एक मिसाल कायम की है। उसने कहा कि मैं भी अपनी शादी में लड़कों की तरह से घोड़ी पर बैठूंगी। उसने कहा कि मेरे लिए जात-पात कोई मायने नहीं रखती। घोड़ी पर बैठकर मैं इसे खत्म करना चाहती हूं। उर्मिला एक महिला NGO से भी जुड़ी हैं, जिसमें महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया जाता है, ताकि महिला दूसरों के सहारे की बजाय अपने पैरों पर खड़ी हो सके।
संपादन- भवेंद्र प्रकाश
Courtesy: National Dastak
जाति-पाति का जहर घोलने वाले लोगों को सबक सिखाने की पहल रेवाड़ी की एक दलित परिवार की बेटी ने की है। अजय नगर निवासी उर्मिला की शादी में कुछ उसने ऐसा किया की जिले में चर्चा विषय बना हुआ है। उर्मिला ने अपनी शादी में घोड़ी पर बैठकर दलितों को घोड़ी पर न बैठने देने वालों को आईना दिखाया है।
आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से हरियाणा में दलितों के घोड़ी पर बैठने पर हमले की खबरें आई थीं। करनाल और नारायणगढ़ में दलितों को घोड़ी पर नहीं बैठने दिया गया था। जिसके बाद सरकार को आलोचना झेलनी पड़ी थी।
उर्मिला ने करनाल और नारायणगढ़ में दलित दूल्हों को घोड़ी पर नहीं बैठने वाली खबर को जबसे देखा है तबसे उसके मन में एक ही सवाल बार-बार आता है कि आज हम 21वीं सदी में जी रहे है। फिर भी कुछ दबंग लोग समाज में जातिवाद का जहर घोल रहे हैं।
दुल्हन उर्मिला ने समाज में एक मिसाल कायम की है। उसने कहा कि मैं भी अपनी शादी में लड़कों की तरह से घोड़ी पर बैठूंगी। उसने कहा कि मेरे लिए जात-पात कोई मायने नहीं रखती। घोड़ी पर बैठकर मैं इसे खत्म करना चाहती हूं। उर्मिला एक महिला NGO से भी जुड़ी हैं, जिसमें महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया जाता है, ताकि महिला दूसरों के सहारे की बजाय अपने पैरों पर खड़ी हो सके।
संपादन- भवेंद्र प्रकाश
Courtesy: National Dastak