
अगर आरएसएस के नए सदस्यों को पता नहीं है तो पुराने सदस्यों से पूछ लें। तब मैं तुम लोगों की ओर से लहराए जाने वाला चाकुओं को बीच चलता था। तुम्हारी खिंची तलवारों के बीच रहता था। जब उस वक्त तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाए तो अब क्या करोगे?’
- पी. विजयन, मुख्यमंत्री- केरलकेरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने बीजेपी, संघ और विश्व हिंदू परिषद को ललकारा है। मंगलौर में सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने लिए आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने संघ परिवार पर जोरदार हमले किए। संघ, बीजेपी और आरएसएस के लोगों ने धमकी दी थी कि वे उन्हें इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होने देंगे। लेकिन संघ के लोग उन्हें कार्यक्रम में शामिल होने से नहीं रोक सके। विजयन ने ऐसे लोगों के खिलाफ दहाड़ते हुए चुनौती दी और संघ परिवार के इतिहास की ओर याद दिलाया। उन्होंने याद दिलाया कि किस तरह ये लोग ब्रिटिश शासकों के जूते चाट रहे थे और नाजियों की पूजा कर रहा था। विजयन ने जिस साहस के साथ संघ परिवार को चुनौती देते हुए उनकी खिंचाई की उसकी हर ओर तारीफ हो रही है। केरल से बाहर के लोग भी इसकी तारीफ कर रहे है। यहां तक कि राज्य कांग्रेस भी उनके इस भाषण के समर्थन में आगे आई है।
विजयन ने कहा- मुझे आरएसएस और इनकी जैसी सांप्रदायिक ताकतों ने चुनौती दी है। मैं इन लोगों को बता देना चाहता हूं- मै पिनारायी विजयन कोई आसमान से सीधे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं टपका हूं। मैं आरएसएस को अच्छी तरह जानता हूं। अपनी पूरी राजनीतिक यात्रा के दौरान मैं अब तक आरएसएस को ही समझता रहा हूं। मैं आज पुलिस के हथियारों की सुरक्षा में चल रहा हूं। लेकिन एक वक्त था जब मैं ब्रेनेन कॉलेज, थेलासरी से पढ़ाई खत्म करके निकला ही था। और बाहर काम करना शुरू किया था। अगर आरएसएस के नए सदस्यों को पता नहीं है तो पुराने सदस्यों से पूछ लें। तब मैं तुम लोगों की ओर से लहराए जाने वाला चाकुओं को बीच चलता था। तुम्हारी खिंची तलवारों के बीच रहता था। जब उस वक्त तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाए तो अब क्या करोगे?
विजयन की इस दहाड़ का वहां मौजूद लोगों ने जबरदस्त प्रतिक्रिया व्यक्त कर स्वागत किया। बड़ी संख्या में लोग विजयन का यह भाषण सुनने जुटे थे। पी विजयन को कुछ सप्ताह पहले मध्य प्रदेश का अपना दौरा रद्द करना पड़ा था क्योंकि संघ के संगठनों ने विजयन को धमकी दी थी।
विजयन ने आरएसएस को चुनौती देते हुए कहा, संघ के लोग मेरी मध्य प्रदेश यात्रा को रोक कर बेहद खुश हैं। लेकिन मौजूदा मुख्यमंत्री होने के नाते एक सामान्य शिष्टाचार है कि मैं, जिस राज्य की यात्रा पर जाऊं अगर वहां के मुख्यमंत्री मुझे कुछ सलाह देते हैं तो मैं मानूं। और मध्य प्रदेश के सीएम ने मुझे सलाह दी कि मैं उनके प्रदेश में न आऊं। मैंने उनकी सलाह मान ली। लेकिन, अगर मैं पिनारायी विजयन, सीएम नहीं होता तो इंद्र या चंद्र भी मुझे मध्य प्रदेश जाने से नहीं रोक सकते थे।
(पी विजयन का पूरा भाषण यहां पढ़ सकते हैं speech may be read here.)
विजयन ने अपने भाषण की शुरुआत उनकी हिफाजत के इंतजाम करने के लिए कर्नाटक सरकार को धन्यवाद देकर की। उन्होंने कहा कि दक्षिणपंथी संगठनों की ओर से मिल रही धमकियों को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने उनकी सुरक्षा के जो बंदोबस्त किए उसके लिए सीएम और सरकार का धन्यवाद। उन्होंने कहा कि कुछ मीडिया हाउस बड़े कॉरपोरेट हितों को बढ़ावा देने में जुटे हैं।
केरल के सीएम ने अपने भाषण में आरएसएस को आड़े हाथ लिया और कहा कि संघियों का नाजियों से प्रेरणा लेने का लंबा इतिहास रहा है।
विजयन ने कहा कि आरएसएस मुसोलिनी के फासिस्ट आंदोलन से प्रेरित था। आरएसएस के संस्थापक ने खुद मुसोलिनी से मुलाकात की थी। जब हिटलर जर्मनी में अल्पसंख्यकों को खत्म कर रहा था तो आरएसएस एक मात्र संगठन था, जो नाजी पार्टी की तारीफ कर रहा था। आरएसएस भारत में भी नाजियों की नीति लागू करना चाहता है। भारत में मुस्लिम, दलित और कम्यूनिस्ट उनके निशाने पर रहे हैं। गोलवलकर भी नाजी पार्टी की यहूदी विरोध जैसी नीति की समर्थक रहे हैं। बीजेपी की ओर से कराया गए हर दंगे का एक ही पैटर्न रहा है। समाज को बांटाने वाला जहर उगलो। आरएसएस के मुखपत्र में 17 जून 1947 को एक लेख प्रकाशित हुआ था, जिसमें भगवा ध्वज को राष्ट्रीय झंडा बनाने की मांग की गई थी। विजयन ने कहा- आरएसएस हमेशा से सेक्यूलर भारत के विचार के खिलाफ रहा है।
विजयन न कहा कि केरल और कर्नाटक के समाज में धर्मनिरपेक्ष मानसिकता तैयार करने में श्रीनारायण गुरु ने बड़ी भूमिका निभाई।
आरएसएस के नेताओं ने धमकी दी थी कि वह केरल के मुख्यमंत्री को कर्नाटक में भाषण नहीं देने देंगे। संघ परिवार के संगठनों ने विजयन के खिलाफ हड़ताल की घोषणा की थी। लेकिन हजारों लोगों ने रैली में हिस्सा लेकर इसे सफल बनाया।
(यह स्टोरी ऐसे फेसबुक पोस्ट से ली गई है, जिसके लेखक ने खुद को बीफ जनता पार्टी करार दिया।)