नई दिल्ली। हावर्ड, कैंब्रिज, लंदन स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स, येल और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी सहित दुनिया के कई अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों के करीब 400 से ज्यादा शिक्षाविदों ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के कुलपति एम. जगदीश कुमार को पत्र लिखकर यूनिवर्सिटी में हाल की घटनाओं पर चिंता जताई है।
शिक्षाविदों ने कुमार को लिखे एक खुले पत्र पर अपने दस्तखत किए हैं। पत्र में उन्होंने कहा कि ‘अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से सहयोग का आधार तैयार करने वाली अकादमिक संस्कृति और संदर्भ गंभीर खतरे में है।’
पत्र में कहा गया है कि ‘आपके संस्थान में हो रही घटनाओं से हम बेहद चिंतित और स्तब्ध हैं और जिम्मेदार अधिकारियों से अपील करते हैं कि अकादमिक उत्कृष्टता के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित जेएनयू, जिसने बेहतरीन शोधकर्ता, विद्वान और अन्य पेशेवरों की कई पीढ़ियां दी है, के भविष्य की रक्षा के लिए निर्णायक कदम उठाएं।
शिक्षाविदों ने पत्र में कहा कि यह ‘स्तब्ध करने वाला’ है कि अकादमिक आजादी और स्वायत्ता के लिए मशहूर यूनिवर्सिटी को अब ‘जानबूझकर बर्बाद किया जा रहा है।’ गौरतलब है कि जेएनयू पिछले करीब एक साल से नकारात्मक वजहों से सुखिर्यों में है।
बता दें कि पिछले साल फरवरी में जेएनयू के कुछ छात्रों पर कथित तौर पर ‘देश विरोधी’ नारे लगाने के आरोप लगे थे, जिसके बाद उनपर ‘राजद्रोह’का मामला दर्ज किया गया था। इस घटना के बाद से विभिन्न मुद्दों को लेकर छात्र संघ और शिक्षक संघ का टकराव जेएनयू प्रशासन से होता रहा है।
हाल ही में दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में एबीवीपी-आईसा के छात्रों के बीच हुई झड़प में भी यूनिवर्सिटी का नाम आया था।
Courtesy: Janta Ka Reporter
शिक्षाविदों ने कुमार को लिखे एक खुले पत्र पर अपने दस्तखत किए हैं। पत्र में उन्होंने कहा कि ‘अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से सहयोग का आधार तैयार करने वाली अकादमिक संस्कृति और संदर्भ गंभीर खतरे में है।’
शिक्षाविदों ने पत्र में कहा कि यह ‘स्तब्ध करने वाला’ है कि अकादमिक आजादी और स्वायत्ता के लिए मशहूर यूनिवर्सिटी को अब ‘जानबूझकर बर्बाद किया जा रहा है।’ गौरतलब है कि जेएनयू पिछले करीब एक साल से नकारात्मक वजहों से सुखिर्यों में है।
हाल ही में दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में एबीवीपी-आईसा के छात्रों के बीच हुई झड़प में भी यूनिवर्सिटी का नाम आया था।
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