कानून का बोलबाला

November 4, 2025
हालांकि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने पीईएसए अधिनियम (PESA Act) के तहत ग्राम सभा को “जबरन धर्मांतरण रोकने” के अधिकार मान्यता दी है, लेकिन यह निर्णय धार्मिक स्वतंत्रता की सीमाओं, सबूतों पर आधारित तर्क और भारत के आदिवासी इलाकों में संवैधानिक धर्मनिरपेक्षता की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। भारत में धार्मिक स्वतंत्रता से जुड़े संवैधानिक वादे के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण...
November 1, 2025
कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले के छह नागरिकों को बांग्लादेश से वापस लाने का आदेश दिए जाने के बावजूद, केंद्र सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। वहीं, बांग्लादेश की एक अदालत और कई आधिकारिक दस्तावेज़ों ने पहले ही पुष्टि कर दी है कि ये सभी लोग भारतीय नागरिक हैं, न कि बांग्लादेशी। गंभीर प्रक्रियागत चूक और न्यायिक अधिकार की अवहेलना को उजागर करने वाले एक...
November 1, 2025
आदिवासियों और वनवासियों के अधिकार एक बार फिर खतरे में हैं, क्योंकि भारत का सर्वोच्च न्यायालय संसद द्वारा किए गए वन संरक्षण कानून (2023) में व्यापक बदलावों के प्रभाव पर विचार कर रहा है।     सर्वोच्च न्यायालय वन अधिकार अधिनियम 2006 (एफआरए) और संशोधित वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 (एफसीए, 2023) के बीच के टकराव में एक महत्वपूर्ण विरोधाभास पर विचार कर रहा है जो कि 2023 में एफसीए के...
October 17, 2025
इस समिति की अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति आशा मेनन करेंगी। न्यायमूर्ति जे.बी. पादरीवाला और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि इस फैसले से थर्ड जेंडर समुदाय के भविष्य को सुरक्षित करने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों को सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने एक विशेष समिति का गठन किया है, जिसकी जिम्मेदारी एक सेवानिवृत्त उच्च...
October 15, 2025
एडीआर ने स्पष्ट किया कि सर्वोच्च न्यायालय में कोई झूठा हलफनामा दायर नहीं किया गया था। संस्था ने सत्यापित मतदाता आंकड़ों के आधार पर ईसीआई के वकील के दावों का खंडन किया, तथ्यात्मक सटीकता और गैर-पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, और हालिया अदालती कार्यवाही के बाद संबंधित मतदाता के साथ किए गए व्यवहार पर चिंता जताई। सुप्रीम कोर्ट में 10 अक्टूबर 2025 को पेश किए गए एक...
October 14, 2025
एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में बांग्लादेश की एक अदालत ने फैसला सुनाया है कि जिन दो परिवारों को दिल्ली से "अवैध बांग्लादेशी" बताकर जबरन देश से निकाला गया था, वे असल में भारतीय नागरिक हैं। इन लोगों में पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले की एक गर्भवती महिला भी शामिल है। भारत में प्रवासी विरोधी कार्रवाई के खतरों को उजागर करने वाले एक बड़े उलटफेर में, बांग्लादेश की एक अदालत ने भारतीय...
October 10, 2025
आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी में देरी पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, CBI से पूछा — आदेश के बावजूद कार्रवाई में लापरवाही क्यों? सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से यह स्पष्ट करने को कहा कि मध्य प्रदेश में एक 26 वर्षीय दलित युवक की कथित हिरासत में मौत के मामले में दो पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी में चार महीने से अधिक की देरी क्यों हुई। द मूकनायक की रिपोर्ट के...
October 9, 2025
जुलाई 2024 में विमुक्त पारधी जनजाति के 24 वर्षीय देवा पारधी की चोरी के एक मामले में गिरफ्तारी के बाद हिरासत में हुई मौत से संबंधित यह मामला है। उनके चाचा अभी भी हिरासत में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों को बचाने को लेकर कई बार मध्य प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई है और उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 8 अक्टूबर को 24 वर्षीय युवक की...
September 30, 2025
वकीलों का मानना है कि संजीव सान्याल द्वारा देश की न्यायिक प्रणाली और कानूनी ढांचे को विकसित भारत की राह में "सबसे बड़ी बाधा" बताने के लिए उन्हें फटकार लगाई जानी चाहिए। साभार : आईटीजी (फाइल फोटो) सुप्रीम कोर्ट के दो वकीलों ने भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी से अनुरोध किया है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल के खिलाफ अवमानना...
September 30, 2025
न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और रीतोब्रतो कुमार मित्रा ने दो महत्वपूर्ण फैसलों में दिल्ली पुलिस और एफआरआरओ अधिकारियों को “जल्दबाजी में” काम करने और अनुच्छेद 14, 20 (3) और 21 का उल्लंघन करने को लेकर फटकार लगाई और केंद्र को चार सप्ताह के भीतर निर्वासित नागरिकों को वापस लाने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति रीतोब्रतो कुमार मित्रा ने दो अहम फैसलों में...