बी इस ऍफ़ की नौकरी के ख़ारिज होने के दुसरे दिन ही तेज बहादुर ने यह बयान दिया। जनवरी के ९ तारिख को यह जवान ने एक वीडियो में प्रकाशित बयान से सेना के अंदर के भरष्टाचार, जवानों के रहन सहन, खाने पीने की लापरवाही ने मामले को गरमाया था. जिन बातों और समस्यायों के बारे में उनके बयान ने ध्यान दिया , उस पर गौर करने के बजाय सर्कार और केंद्र मंत्रालय ने तेज बहादुर के खिलाफ inquiry बैठा कर उन्हें निलंबित किया था. अब नौकरी से ही खारिज हो गए यह जवान। मगर हिम्मत नहीं हारें है, दिल्ली हाई कोर्ट में जाने का फैसला है।

बी इस ऍफ़ के कानून के मुताबिक तीन महीने के अंदर यह order के खिलाफ अपील या पेटिशन दाखिल कर सकते है। तेज बहादुर २९ बटालियन सीमा सुरक्षा दल में भर्ती थे। उन्हें summary security force कोर्ट के आर्डर से नौकरी से ख़ारिज किया गया। कल order जारी होते ही उनको अपने पूरे सामान समेत बैरक्स से अपना सामान खाली करना पड़ा. जनवरी में जैसे ही वीडियो social मीडिया के you tube के ज़रिये प्रकाशित हुआ, वैसे ही कही दिनों के लिए तेज बहादुर लापत्ता थे उनकी बीवी ने उस वक़्त बयान दिया था की उन्हें गैरकानूनी रूपसे कब्जेमें रखा जा रहा है. मोदी सरकार जो एक आक्रमणक राष्ट्रवाद फैलाने में सफल रही है, यह अपने भारतीय जवानो की समस्यायों को नज़रअंदाज़ करना कठिन सवाल उठवा सकता है.