तेज बहादुर यादव ने नया वीडियो जारी कर लगाया मानसिक प्रताड़ना का आरोप

Published on: March 3, 2017
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर खराब खाने की शिकायत करने वाले बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव ने एक और वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया है। जारी किए वीडियो में तेज बहादुर ने अधिकारियों पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इससे पहले जनवरी में बीएसएफ जवान तेजबहादुर यादव ने भारतीय सेना के अफसरों पर खराब खाना दिए जाने की शिकायत की थी। जिसके बाद सेना और सरकार की पूरे देश में कड़ी आलोचना की गई थी। 

Tej bahadur
 
सोशल मीडिया पर डाले गए दूसरे वीडियो में तेज बहादुर यादव ने कहा है, "10 जनवरी 2017 से मेरा मोबाइल जमा हो गया था, उसके बाद से मुझे जानकारी मिली है कि शायद मेरे मोबाइल अकाउंट से कुछ छेड़खानी की गई, जिसमें पाकिस्तान से मेरे कुछ दोस्त पाए गए, इसलिए आप उन झूठी अफवाहों पर विश्वास न करें, जब तक मेरा खुद का अपना कोई वीडियो आपके सामने न हो। मैं आपके माध्यम से आदरणीय प्रधानमंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि मैंने जो बीएसएफ का खाना दिखाया था, वह बिलकुल सत्य था, लेकिन उसके बावजूद भी किसी प्रकार की कोई जांच नहीं हुई और मुझे मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है।"
 
बीएसएफ जवान ने आगे लिखा, "मेरे साथ ऐसा क्यों किया जा रहा है? मैंने सिर्फ यही किया था कि प्रधानमंत्री खुद चाहते थे कि देश से भ्रष्टाचार खत्म हो, मैंने भी यही उम्मीद करके अपने डिपार्टमेंट का भ्रष्टाचार दिखाया था, क्या भ्रष्टाचार दिखाने का मुझे यही न्याय मिला? आप सभी से अनुरोध है कि पूरा देश प्रधानमंत्री से पूछें कि एक जवान ने खाने का भ्रष्टाचार दिखाया, क्या उसका न्याय उसे यही दिया जाता है कि उसे ही टॉर्चर किया जाए। मेरा वीआरएस भी रोक दिया गया है।"
 
जनवरी में बीएसएफ जवान ने खराब खाने शिकायत की थी तेजबहादुर यादव ने आला अफसरों पर जवानों दी जाने वाली वस्तुओं को बेचने का आरोप लगाया था। तेजबहादुर ने वीडियो में कहा था, "हम किसी सरकार के खिलाफ आरोप नहीं लगाना चाहते, सरकार हमें हर चीज उपलब्ध कराती है, मगर उच्‍च अधिकारी सब बेचकर खा जाते हैं, कई बार तो जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है, दोपहर के खाने की दाल में सिर्फ हल्‍दी और नमक होता है, रोटियां भी दिखाऊंगा, मैं फिर कहता हूं, भारत सरकार हमें सब मुहैया कराती है, मगर वह सब बाजार में चला जाता है, इसकी जांच होनी चाहिए।"

Courtesy: National Dastak
 

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