पत्नी RTI के तहत मांग सकती है पति की आय के बारे में जानकारी - केंद्रीय सूचना आयोग

Written by sabrang india | Published on: November 21, 2020
केंद्रीय सूचना आयोग यानि सीआईसी ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण आदेश में एक महिला की उस अपील को स्वीकार कर लिया है जिसमें उसने सूचना के अधिकार के तहत पति की आय के बारे में जानकारी मांगी थी। 



लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सूचना आयुक्त नीरज कुमार गुप्ता ने इस मामले में हाईकोर्ट के कुछ आदेशों पर भरोसा किया है, जिनमें माना गया था कि एक पत्नी यह जानने की हकदार है कि उसके पति को क्या पारिश्रमिक मिल रहा है? वहीं आयकर अधिकारी को निर्देश दिया है कि अपीलकर्ता को उसके पति की नेट इनकम के 'सामान्य विवरण' उसे प्रदान करें।

आयोग ने सुनीता जैन बनाम पवन कुमार जैन व अन्य के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले पर भी भरोसा किया, जहां इसे इस तरह से परिभाषित किया गया था- ''अधिनियम की धारा 8 (1) (जे) पर विचार समय, हम इस तथ्य से नहीं चूक सकते हैं कि अपीलकर्ता और प्रतिवादी नंबर 1 पति और पत्नी हैं और एक पत्नी के रूप में वह यह जानने की हकदार है कि प्रतिवादी नंबर 1 को क्या पारिश्रमिक मिल रहा है?''

ऐसा मानते समय हाईकोर्ट ने उक्त मामले को गिरीश रामचंद्र देशपांडे बनाम सीआईसी व अन्य के मामले से अलग किया था, जिसके तहत सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि किसी व्यक्ति द्वारा अपने आयकर रिटर्न में बताए गए विवरण ''व्यक्तिगत जानकारी'' हैं, जिनको आरटीआई अधिनियम की धारा 8 (1) के खंड (जे) के तहत छूट प्राप्त है,बशर्ते जब तक कि एक बड़ा सार्वजनिक हित शामिल न हो।

राजेश रामचंद्र किडिल बनाम महाराष्ट्र एसआईसी व अन्य के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच के द्वारा दिए गए एक फैसले का भी हवाला दिया गया, जहां एक पूर्ण रूप से अजनबी को किसी व्यक्ति की आय की जानकारी देने से इनकार करते हुए कोर्ट ने यह भी कहा था कि एक मुकदमेबाजी, जिसमें पत्नी के भरण पोषण का मामला शामिल हो, वहां पति व पत्नी के वेतन विवरण से संबंधित जानकारी व्यक्तिगत जानकारी की श्रेणी तक सीमित नहीं रहती है, जो पति के लिए उपलब्ध है, उस तक पत्नी की भी पहुंच है।

इसके मद्देनजर आयोग ने इस प्रकार आदेश दिया है। आयोग ने प्रतिवादी को निर्देश दिया है कि वह अपीलकर्ता को उसके पति की आयकर योग्य कुल आय/सकल आय के सामान्य विवरण प्रदान करें, जो वर्ष 2017-2018 की अवधि के संबंध में सार्वजनिक प्राधिकरण के पास उपलब्ध हैं। यह जानकारी 15 कार्य दिवसों के भीतर दे दी जाए। हालांकि आयोग ने अपीलकर्ता की उस मांग को अस्वीकार कर दिया जिसमें उसने पति द्वारा दायर आयकर रिटर्न की फोटोकॉपी मांगी थी।

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