पश्चिमी UP: बाजार खुले लेकिन हाइवे जाम रहे, विपक्ष के ज्यादातर नेता नजरबंद

Written by Navnish Kumar | Published on: December 8, 2020
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विपक्ष के अधिकांश नेताओं की नजरबंदी के बीच मंगलवार को किसान संगठनों के भारत बंद का मिला जुला असर दिखाई दिया। सहारनपुर शहर में साप्ताहिक बंदी को छोड़ दें तो ज्यादातर शहरों व कस्बो में बाजार खुले रहे लेकिन सभी प्रमुख हाइवे जाम रहे। वेस्ट यूपी के सभी जिलों में सपा के साथ मंगलवार को कांग्रेस, बसपा व रालोद के अधिकतर नेताओं को सुबह से ही उनको घरों में नजरबंद कर दिया गया। पुलिस प्रशासन ने जिलों और शहरों को जोन में बांटकर रणनीति तैयार की थी तो सभी नेताओं के घरों के बाहर सुबह से ही फोर्स लगा दी गई थी। 


नागल सहारनपुर में भाकियू ने सहारनपुर मुजफ्फरनगर हाइवे जाम किया

सहारनपुर में भाकियू टिकैत के बैनर तले किसानों ने नागल कस्बे में सहारनपुर मुजफ्फरनगर स्टेट हाइवे को जाम कर दिया। सरसावा में रुड़की अंबाला नेशनल हाइवे पर भाकियू कार्यकर्ताओं का कब्जा रहा तो रामपुर में भाकियू नेताओ ने दिल्ली सहारनपुर हाइवे पूरी तरह जाम रखा। इसके अतिरिक्त भाकियू तोमर गुट ने तल्हेड़ी, भाकियू भानु गुट ने सहारनपुर, भारतीय किसान संगठन ने नानौता में हाइवे पर प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपे। भाकियू लोक शक्ति ने मिर्जापुर मेंमॉर्च निकाला तो भाकियू अखंड ने गावों में जुलूस निकाले। कम्युनिस्ट पार्टी व ट्रेड यूनियनों द्वारा महाराजा अग्रसेन चौक पर धरना प्रदर्शन किया गया।

दूसरी ओर विपक्ष के ज्यादातर नेता घरों में नजरबंद रहे। समाजवादी पार्टी के नगर विधायक व सपा व्यापार सभा के प्रदेश अध्यक्ष संजय गर्ग, जिलाध्यक्ष चौ रुद्रसेन, जसबीर वाल्मीकि आदि नेता दूसरे दिन भी नजरबंद रहे। सपा जिलाध्यक्ष चौ रुद्रसेन के घर पीएसी लगा दी गई। सपा नेताओं ने संजय गर्ग के घर पर ही प्रदर्शन किया। 

बसपा जिलाध्यक्ष योगेश कुमार और बसपा सांसद हाजी फजलुर्रहमान को उनके घरों से नहीं निकलने दिया तो कांग्रेस के नेता इमरान मसूद, जिलाध्यक्ष चौ मुजफ्फर अली, विधायक मसूद अख्तर, नरेश सैनी, पूर्व जिलाध्यक्ष शशि वालिया तथा रालोद नेता राव कैसर सलीम व हाजी सलीम कुरैशी आदि को उनके घरों में ही नजरबंद किए रखा गया। कांग्रेस नेताओं ने घंटाघर पर धरना देने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने टेंट ही लेकर चली गई।


भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर को छुटमलपुर सहारनपुर स्थित घर पर नजरबंद किया गया

भीम आर्मी व आजाद समाज पार्टी चीफ चंद्रशेखर आजाद को भी उनके छुटमलपुर, सहारनपुर स्थित आवास पर ही सुबह से नजरबंद रखा गया। उनके घर पर सुबह से भारी पुलिस फोर्स तैनात रहा। चंद्रशेखर ने नजरबंदी को अघोषित आपातकाल करार दिया। यही आलम वेस्ट यूपी के अधिकतर जिलों का रहा। सभी जगह हाइवे जाम रहे लेकिन बाजार खुले रहे और विपक्ष दलों के नेता नजरबंद रहे।


सपा विधायक संजय गर्ग के घर पर ही कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करते सपा नेता

मेरठ जिले में किसान संगठनों ने जगह-जगह हाईवे पर सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक जाम लगाया। वहीं, मेरठ में किसान बंद के समर्थन सुबह ही सपा नेता पवन गुर्जर को उनके नूर नगर आवास से पुलिस ने गिरफ़्तार किया। वहीं, किसानों ने दिल्ली-देहरादून नेशनल हाइवे जाम किया, ट्रैक्टर-ट्रॉली से नेशनल हाइवे पर किया कब्जा, परतापुर इलाके में भी पूरी तरह जाम लगाया। इस बीच वाहनों की लगीं लम्बी-लंबी कतारें लग गईं, भारी पुलिस बल मौके पर तैनात है। पुलिस अधिकारी किसानों को समझाने में जुटे, किसानों ने जाम खोलने से इंकार कर दिया।


सहारनपुर में कम्युनिस्ट पार्टी व सीटू कार्यकर्ताओं ने अग्रसेन चौक पर किया धरना प्रदर्शन

बड़ौत में रालोद जिलाध्यक्ष सुखबीर सिंह गठीना को उनके घर पर नजर बंद कर दिया गया है। बड़ौत में रालोद के पूर्व विधायक वीरपाल राठी, डॉ अजय तोमर को भी उनके घरों में नजरबंद किया गया है। 

शामली जनपद में पुलिस ने रालोद जिलाध्यक्ष योगेंद्र चेयरमैन को उनके आवास पर नजरबंद किया है। कांधला, झिंझाना, थानाभवन, कैराना में भी बाजार सामान्य दिनों की तरह ही खुल रहा है। अजंता चौक पर धरना देने पहुंचे रालोद कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। मुजफ्फरनगर में शहर में साप्ताहिक बंदी होने के कारण बाजार बंद है। जबकि नई मंडी द्वारकापुरी गांधी कॉलोनी के बाजार रोजाना की भांति खुले हैं। सभी प्रमुख नेता नजरबंद रहे।

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