देश में बेकाबू हुई कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर जारी है। देश में कोरोना संक्रमण का कहर इस कदर बरपा है कि श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए कई कई घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है। इस बीच, गुजरात के वडोदरा से शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। भाजपा और संघ ने इस कदर सांप्रदायिक जहर बो दिया है कि वडोदरा के भाजपा नेता शहर के खसवाडी श्मशान घाट में मुस्लिम स्वयंसेवक की मौजूदगी देख भड़क गए। वहीं वडोदरा के मेयर और पार्टी के अन्य नेताओं ने भाजपा नेता के इस रुख को शर्मनाक बताया है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के समय में धार्मिक एकता बेहद अहम है।
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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ नेता 16 अप्रैल को पार्टी के एक नेता के अंतिम संस्कार में शामिल होने खसवाडी श्मशान घाट में पहुंचे थे। इस दौरान श्मशान घाट पर एक मुस्लिम स्वयंसेवक भी मौजूद था, जो शवों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी और गोबर के उपले के साथ चिता तैयार करने में मदद कर रहा था। यह देखकर भाजपा नेता भड़क गए और उन्होंने मुस्लिम स्वयंसेवक के चिता तैयार करने पर भारी आपत्ति जताई।
मुस्लिम स्वयंसेवक की मौजूदगी से नाराज भाजपा नेता वडोदरा नगर निगम में इस संबंध में शिकायत की, लेकिन भाजपा नेताओं की आपत्तियों को निगम ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया। महापौर केयूर रोकड़िया ने कहा कि महामारी के समय सभी समुदायों को एक साथ काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस वक्त परिवार वाले भी शव छोड़ जाते हैं, ऐसे में ये स्वयंसेवक अपनी जान की परवाह किए बिना अंतिम संस्कार में मदद के लिए आगे आ रहे हैं। श्मशान घाट पर अगर मुस्लिम स्वयंसेवक काम कर रहे हैं, तो इसे एकता की नजर से देखने की जरूरत है।
श्मशान घाट में जाने वाले नेताओं के समूह में शहर अध्यक्ष डॉ. विजय शाह भी शामिल थे। शाह ने वडोदरा नगर निगम को यह सुनिश्चिम करने के लिए कहा कि मुस्लिमों को श्मशान में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। वडोदरा नगर निगम के मेयर ने इससे साफ इनकार कर दिया। वडोदरा नगर निगम में शामिल एक अन्य भाजपा नेता ने कहा, पार्टी के नेताओं की ओर से लिया गया यह रुख बेहद शर्मनाक है। इस समय जब पूरा शहर एक संकट से गुजर रहा है, उस वक्त धार्मिक विचारधाराओं पर बात करना कतई सही नहीं है। हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते हैं कि वड़ोदरा में मुस्लिम समूहों ने पिछले वर्ष के दौरान नगर निगम के साथ मिलकर काम किया है।
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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ नेता 16 अप्रैल को पार्टी के एक नेता के अंतिम संस्कार में शामिल होने खसवाडी श्मशान घाट में पहुंचे थे। इस दौरान श्मशान घाट पर एक मुस्लिम स्वयंसेवक भी मौजूद था, जो शवों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी और गोबर के उपले के साथ चिता तैयार करने में मदद कर रहा था। यह देखकर भाजपा नेता भड़क गए और उन्होंने मुस्लिम स्वयंसेवक के चिता तैयार करने पर भारी आपत्ति जताई।
मुस्लिम स्वयंसेवक की मौजूदगी से नाराज भाजपा नेता वडोदरा नगर निगम में इस संबंध में शिकायत की, लेकिन भाजपा नेताओं की आपत्तियों को निगम ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया। महापौर केयूर रोकड़िया ने कहा कि महामारी के समय सभी समुदायों को एक साथ काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस वक्त परिवार वाले भी शव छोड़ जाते हैं, ऐसे में ये स्वयंसेवक अपनी जान की परवाह किए बिना अंतिम संस्कार में मदद के लिए आगे आ रहे हैं। श्मशान घाट पर अगर मुस्लिम स्वयंसेवक काम कर रहे हैं, तो इसे एकता की नजर से देखने की जरूरत है।
श्मशान घाट में जाने वाले नेताओं के समूह में शहर अध्यक्ष डॉ. विजय शाह भी शामिल थे। शाह ने वडोदरा नगर निगम को यह सुनिश्चिम करने के लिए कहा कि मुस्लिमों को श्मशान में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। वडोदरा नगर निगम के मेयर ने इससे साफ इनकार कर दिया। वडोदरा नगर निगम में शामिल एक अन्य भाजपा नेता ने कहा, पार्टी के नेताओं की ओर से लिया गया यह रुख बेहद शर्मनाक है। इस समय जब पूरा शहर एक संकट से गुजर रहा है, उस वक्त धार्मिक विचारधाराओं पर बात करना कतई सही नहीं है। हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते हैं कि वड़ोदरा में मुस्लिम समूहों ने पिछले वर्ष के दौरान नगर निगम के साथ मिलकर काम किया है।