अमेरिकी इंटेलिजेंस चीफ ने चेताया: चुनाव से पहले बीजेपी के इस कदम से भड़क सकते हैं सांप्रदायिक दंगे

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 31, 2019
नई दिल्ली। अमेरिका के खुफिया प्रमुख ने अपने सांसदों को बताया है कि भारत को मई में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले सांप्रदायिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। नैशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर डैन कोट्स ने अमेरिकी सेनेट सिलेक्ट कमिटी को लिखित बयान जारी किया है जिसमें बताया है, 'बीजेपी अगर राष्ट्रवादी विषयों पर जोर देती है तो भारत में संसदीय चुनावों से पहले सांप्रदायिक हिंसा भड़क सकती है।' 
 
कोट्स का यह बयान अमेरिकी खुफिया समुदाय की उस रिपोर्ट में शामिल है जिसे साल 2019 के लिए दुनियाभर में खतरों के आकलन के तौर पर तैयार किया गया है। कोट्स दुनियाभर में खतरे की संभावना पर अपनी रिपोर्ट को प्रस्तुत करने के लिए सिलेक्ट कमिटी के समक्ष पेश हुए थे। सेनेट की मीटिंग में भारत की यात्रा से लौटीं CIA की निदेशक गीना हैस्पेल भी मौजूद थीं। 

कोट्स ने समिति को बताया, 'मोदी के कार्यकाल के दौरान BJP की नीतियों ने कुछ पार्टी शासित राज्यों में सांप्रदायिक तनाव गहरा कर दिया है। हिंदू राष्ट्रवादी कैंपेन देखने को मिल सकता है। अपने समर्थकों को उत्तेजित करने के लिए निम्न स्तर पर हिंसा भड़काई जा सकती है।' कोट्स ने आगाह किया कि सांप्रदायिक संघर्ष बढ़ने से भारतीय मुसलमानों को अलग-थलग होना पड़ सकता है। इससे इस्लामिक आतंकी समूहों को भारत में अपना प्रभाव बढ़ाने का मौका मिल जाएगा। 

जब से मोदी ने सत्ता संभाली है तब से विभिन्न रूपों में हिन्दू प्रमुखता वाली हिंसा देखी गई है, जिसमें मॉब लिंचिंग भी शामिल है जो अक्सर अफवाहों पर आधारित होती है। इतना ही नहीं, भाजपा को अक्सर ऐसी हिंसा से लाभान्वित होते दिखाया जाता है। क्वार्ट्ज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, येल पॉलिटिकल साइंटिस्ट के 2014 के एक अध्ययन से पता चला है कि भाजपा ने "चुनाव से पहले वर्ष में एक दंगे के बाद उसके वोट शेयर में 0.8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।"

उन्होंने यह भी कहा कि कम से कम चुनाव होने तक सीमापार आतंकवाद और संबंधों में तनाव जारी रह सकता है। कोट्स ने आगे कहा, 'हमारा अनुमान है कि कम से कम मई 2019 तक सीमापार आतंकवाद, नियंत्रण रेखा के पार से गोलीबारी, विभाजनकारी आम चुनाव और इस्लामाबाद का अमेरिका और भारत को लेकर पर्सेप्शन दोनों पड़ोसी देशों के तनाव को बढ़ाने में योगदान करेगा।' 

चीन से संबंधों पर कोट्स ने कहा, '2017 में सीमा पर तनाव के बाद से दोनों पक्षों की तरफ से जारी प्रयासों के बावजूद भारत और चीन के संबंध तनावपूर्ण बने रह सकते हैं।' 
 

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