उरी हमले के शहीद रवि का परिवार हो रहा जातिगत भेदभाव का शिकार, नहीं मिल रही प्रतिमा और सड़क की जमीन

Published on: June 10, 2017

उरी हमले के शहीद हवालदार रवि पाल का परिवार इन दिनों जातिगत भेदभाव का शिकार बन गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गांव वाले न तो गांव के मुख्य प्रवेश द्वार पर शहीद के प्रतिमा की स्थापना की अनुमति दे रहे हैं और न ही रवि के घर तक जाने के लिए सड़क की जमीन का एक छोटा टुकड़ा दे रहे हैं।



Image Courtesy: Indian Express

विडंबना यह है कि उनके शहीद होने के बाद बंपी लिंक रोड का नाम "शहीद रवि पाल मार्ग" रख दिया गया लेकिन गांव वाले रवि के घर तक जाने के लिए 10 फीट चौड़ी सड़क बनान के लिए जमीन नहीं दे रहे हैं। 
उच्च जाति-वर्चस्व वाला सरवा गांव स्वखांमोर-चांग रोड और विजयपुर-रामगढ़ रोड के बीच स्थित है। इस गांव में 120 परिवार है जिसमें करीब दो दर्जन परिवार ही पिछड़े वर्ग और दलित जाति के हैं। रवि का परिवार पिछड़े वर्ग से संबंध रखता है इसलिए उसे जातिगत भेदभाव का शिकार होना पड़ रहा है। 

हालांकि रवि की पत्नी ने जातिगत भेदभाव की बातों से इनकार किया है वहीं उनके भाई राजकुमार ने भेदभाव की बीत को स्वीकार किया है। राज ने घर तक सड़क के निर्माण और शहीद रवि की प्रतिमा न लगाए जाने के मामले मीडिया को बताया कि मेरे भाई के शहीद होने के बाद जब वादा नहीं पूरा किया जा रहा है और इसमें रूकावट पैदा है रही है तो इसका सीधा मतलब जातिगत भेदभाव ही है। 

रवी के परिवार को हैरानी हो रही है कि जहां उरी आतंकवादी हमले के दौरान शहीद हुए सैनिकों के प्रति सम्मान हुआ है वहीं स्थानीय प्रशासन इसके प्रति उदासीन है। 

19 सितंबर 2015 को रवि के अंतिम संस्कार के दौरान सरकार द्वारा वादा किया गया था कि उनकी मूर्ति गांव के मुख्य प्रवेश द्वार पर स्थापित की जाएगी। मंत्रियों, नौकरशाहों और अन्य वीआईपी को शहीद रवि के घर तक पहुंचने में जिस तरह पानी भरे क्षेत्र से गुजारना पड़ा था तो ये वादा किया गया था कि रवि के घर तक जाने के लिए सड़क का निर्माण किया जाएगा। 

गीता देवी ने मीडिया को बताया कि 6 महीने तक वादा पूरा किए जाने के लिए अधिकारियों से मुलाकात करती रही लेकिन इस बाबत कुछ नहीं हुआ। पता चला कि जो लोग इस निर्माण में रूकावट पैदा कर रहे हैं वह ज्यादा ताकतवर लोग हैं। गीता ने आगे कहा कि स्थानीय बीजेपी विधायक चंद्र प्रकाश, जो कि मंत्री भी हैं, ने वादा किया था कि रवि की प्रतिमा लगाई जाएगी और सड़क निर्माण किया जाएगा लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ। गीता देवी ने कहा कि हम अपने खर्चे से शहीद रवि की प्रतिमा लगवाने को तैयार हैं लेकिन उचित जमीन देने के लिए अधिकारी लोगों को समझाने में नाकाम हैं। 

इस मामले को सामने आने के बाद रामगढ़के तहसीलदार रमण चलोत्रा ने कहा कि हम इस मामले की जांच करेंगे और शहीद के परिवार को सभी संभव मदद मुहैय्या कराई जाएगी।

उधर शहीद रवि के परिवार के प्रति बीजेपी भी उदासीन दिख रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शहीद रवि के घर से मात्र दो किलोमीटर डोर-टू-डोर प्रचार कर रहे हैं लेकिन उन्हें शहीद के परिवार को हो रही परेशानियों का हाल जानने के लिए उनके पार्टी के किसी स्थानीय नेता उन्हें इस बाबत कुछ नहीं बताया।  
 

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