यूपी: मुस्लिम महिलाओं से रेप की धमकी देने वाला महंत बजरंग मुनि गिरफ्तार

Written by Sabrangindia Staff | Published on: April 13, 2022
उत्तर प्रदेश पुलिस ने बजरंग मुनि द्वारा हेट स्पीच के मामले में छह दिन बार एफआईआर दर्ज की थी। महंत की हेट स्‍पीच के वायरल वीडियो को लेकर नाराजगी सामने आने के बाद यह एफआईआर दर्ज की गई थी। 



सीतापुर जिले में मुस्लिम महिलाओं को रेप की धमकी देने वाले महंत बजरंग मुनि को यूपी में गिरफ्तार कर लिया गया है। यूपी पुलिस ने महंत को सीतापुर में अरेस्‍ट किया। यूपी पुलिस ने इस मामले में छह दिन बार एफआईआर दर्ज की थी। महंत की हेट स्‍पीच के वायरल वीडियो को लेकर लोगों की नाराजगी के बाद यह एफआईआर दर्ज की गई थी। 

हेट स्पीच मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया था। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और महंत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पत्र लिखा था।



गौरतलब है कि यूपी के सीतापुर में महंत द्वारा दी गई एक हेट स्पीच का वीडियो पिछले दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में सीतापुर जिले में एक मस्जिद के बाहर सभा को संबोधित करते हुए यह महंत कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं के अपहरण और रेप की धमकी देते हुए दिखा था। वह कह रहा था कि अगर कोई मुस्लिम इलाके में किसी लड़की को परेशान करता है तो वह मुस्लिम महिलाओं का अपहरण कर लेगा और सार्वजनिक रूप से उनका रेप करेगा। हेट स्पीच वाले इस वीडियो में दो पुलिसकर्मी भी बैकग्राउंड में दिख रहे थे जो उसी की कार में गार्ड के तौर पर तैनात थे।

बताया जाता है कि नफरती भाषण वाला दो मिनट का वीडियो दो अप्रैल को रिकॉर्ड किया गया था, जब खैराबाद कस्बे के महर्षि श्री लक्ष्मण दास उदासीन आश्रम के महंत बजरंग मुनि दास के तौर पर पहचाने गए व्यक्ति ने नवरात्रि और हिंदू नववर्ष के अवसर पर एक जुलूस निकाला था। आरोप है कि जब जुलूस एक मस्जिद के पास पहुंचा तो उसने लाउडस्पीकर पर नफरती भाषण देना शुरू कर दिया था।

ऐसे मामलों में कानून क्या कहता है?
ऐसे अपराधों से निपटने के लिए कानून में स्पष्ट धाराएं हैं। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 महिला का शील भंग करने से संबंधित है। यह धारा "किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी कार्य को दंडित करती है जो किसी महिला के खिलाफ आपराधिक बल का प्रयोग करता है। इसके लिए "या तो 2 साल तक की साधारण या कठोर कारावास, या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।"
 
धारा 376 यौन उत्पीड़न की सजा से संबंधित है। अपराधी को किसी भी प्रकार के कारावास से दंडित किया जा सकता है, जिसकी अवधि सात वर्ष से कम नहीं होगी, लेकिन जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
 
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, जो साइबर अपराधों से संबंधित है, और आईटी नियम, घृणित सोशल मीडिया पोस्ट पर भी लागू होते हैं, क्योंकि इंटरनेट पर वायरल हो रही हेट स्पीच और घृणास्पद वीडियो कहीं भी अपराध को उकसा सकते हैं।
 
इनमें से कुछ साइबर अपराध हैं, जैसा कि टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक राय में बताया गया है, और इसमें ऑनलाइन यौन उत्पीड़न और पीछा करना भी शामिल है। रिपोर्ट आईटी अधिनियम के महत्वपूर्ण वर्गों को भी स्पष्ट करती है, जो ऐसे मामलों में लागू हो सकते हैं जहां महिलाओं को जघन्य अपराधों की धमकी दी जाती है:
 
धारा 66ई - निजी क्षेत्रों की तस्वीरें लेना, किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उन्हें प्रकाशित करना या प्रसारित करना इस धारा के तहत दंडनीय है। इसके लिए तीन साल तक की कैद या 2 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
 
धारा 67 - इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सूचना का प्रकाशन। पांच साल तक की कैद और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

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