आंदोलन का प्रचार करने पर यूपी सरकार ने किसान नेताओं को थमाए 50-50 लाख के नोटिस

Written by Navnish Kumar | Published on: December 18, 2020
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राम मंदिर का निर्माण बर्दाश्त नहीं कर पा रहे विपक्ष के द्वारा गुमराह बताकर खारिज करने से नहीं चूक रहे हैं। तो वहीं, उनकी सरकार किसान नेताओं पर सीधा शिकंजा कसने में जुट गई है। इस कड़ी में किसान आंदोलन का प्रचार करने पर किसान नेताओं को 50-50 लाख रुपये का मुचलका नोटिस थमाते हुए पाबंद करना शुरू कर दिया गया है।



कृषि कानूनों के समर्थन में बरेली की एक रैली में योगी आदित्यनाथ ने किसानों के सामने सरकार का नजरिया पेश करते हुए कहा कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया है जो विपक्ष को बर्दाश्त नहीं है। इसलिए वो किसानों को गुमराह कर आंदोलन करवा रहा है।

वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार आंदोलन को रफ्तार दे रहे किसान नेताओं पर कानूनी शिकंजा कसने में जुट गई है। इसी कड़ी में सम्भल ज़िला प्रशासन ने छह किसान नेताओं को 50-50 लाख रुपये के निजी मुचलकों से पाबंद करने के लिए नोटिस जारी किए हैं। एसडीएम सम्भल, दीपेंद्र यादव ने भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 111 के तहत भाकियू असली के जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह के साथ किसान नेता जयवीर सिंह, सतेंद्र उर्फ गंगाफल, ब्रह्मचारी, वीर सिंह व रोहदास को 50-50 लाख रुपये के निजी मुचलके से पाबंद करने के लिए नोटिस जारी किया है। 

हयातनगर थाना पुलिस की आख्या को आधार बनाकर दिए नोटिसों में उप जिलाधिकारी ने कहा है कि यह लोग गांव-गांव जाकर दिल्ली व अन्य स्थानों पर चल रहे किसान आंदोलन का प्रचार कर रहे हैं। इससे शांतिभंग होने का खतरा है। इसलिए इन्हें 50-50 लाख रुपये के व्यक्तिगत मुचलके भरने और इतनी ही राशि की दो-दो जमानतें दाखिल कराने के लिए नोटिस दिया गया है। हालांकि बात बढ़ती देख, पुलिस अब अमाउंट में गलती होने की बात कह रही है।

दूसरी ओर किसान नेताओं ने नोटिसों को गलत ठहराते हुए मुचलके भरने से इनकार कर दिया है। भाकियू असली के जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह का कहना है कि प्रशासन की ओर जारी नोटिस गलत है। इसका कोई औचित्य उनकी नजर में नहीं है। इसलिए वह नोटिस मिलने पर भी मुचलका दाखिल नहीं करेंगे। जिला उपाध्यक्ष जयवीर सिंह ने कहा कि इस तरह के नोटिस जारी करने से लगता है कि सरकार आंदोलन का दमन करना चाहती है लेकिन हम डरने और दबने वाले नहीं हैं। न ही कोई मुचलका भरेंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भाकियू के युवा नेता ऋषभ चौधरी आदि को पांच-पांच लाख रुपये से पाबंद किए जाने का नोटिस जारी किया गया है। यही नहीं, भाकियू के पदाधिकारी कासमपुर निवासी महीदेव सिंह, भवानीपुर निवासी सुमित तेवतिया, किसान नेता बड़ा ताजुद्दीन निवासी राजवीर सिंह, भाकियू असली के मंडल महामंत्री संजीव गांधी और भदरौला निवासी भाकियू नेता अर्जुन सिंह को पांच-पांच लाख रुपये के मुचलके से पाबंद किया गया है। असमोली पुलिस ने मदाला के बाबू इसरार और रामपुर उर्फ यारपुर के रामवीर त्यागी को पांच-पांच लाख रुपये के मुचलके से पाबंद कराए जाने की संस्तुति की है।

कांग्रेस व रालोद जिलाध्यक्षों के नाम भी नोटिस जारी हुए हैं। राजनीतिक दलों के पदाधिकारी शांतिभंग के अंदेशे में पाबंद किए जा रहे हैं। उप जिलाधिकारी दीपेंद्र यादव ने कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विजय शर्मा को पांच लाख रुपये का निजी मुचलका दाखिल करने तथा इतनी ही धनराशि की दो जमानतें दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया है। राष्ट्रीय लोक दल के जिलाध्यक्ष अजयवीर सिंह के नाम पांच लाख रुपये का मुचलका भरने के लिए नोटिस जारी किया गया है।

यही नहीं, विपक्ष के नेताओ की तरह किसान नेताओं को भी आंदोलन में भाग लेने से रोकने को उनके घरों में नजरबंद करने का काम किया गया। सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत बड़ौत मेरठ आदि जिलों में कई भाकियू नेताओ के घरों पर सुबह ही पुलिस पहुंच गई थी। कई नेताओं को नजरबंद भी किया गया।

गुरुवार को वेस्ट यूपी में हाइवे पर दिन भर पुलिस व किसानों में घमासान व आंख मिचौली का खेल चला। मेरठ में समझाने बुझाने और नजरबंदी के बावजूद किसान दिल्ली गए। मेरठ में डीएम के बालाजी और एसपी देहात केशव कुमार ने भाकियू जिलाध्यक्ष के आवास पर पहुंचे। पंचायत में नहीं जाने का अनुरोध किया। डीएम-एसपी के समझाने और मोहिउद्दीनपुर में रोकने और नजरबंद किये जाने के बावजूद बड़ी संख्या में किसान यूपी गेट पर पहुंचे। मोहिउद्दीनपुर में तो कई जिलों से दिल्ली जा रहे किसानों को पुलिस द्वारा रोकने पर जमकर हंगामा और नोकझोंक भी भी हुई।

हापुड़ में पुलिस को चकमा देने के लिए अनेक किसान सूट-बूट पहनकर दिल्ली पहुंचे। बिजनौर में बैराज पर पुलिस ने किसानों को रोका तो गुस्साए किसानों ने जाम लगाकर धरना दिया। सहारनपुर से सवा सौ, बुलंदशहर से सौ किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली गए। 

मुजफ्फरनगर से पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार सिसौली से भाकियू के अध्यक्ष और बालियान खाप के चौधरी नरेश टिकैत के नेतृत्व में खाप चौधरी गाड़ियों के काफिले में दिल्ली रवाना हुए। किसानों ने जब हाईवे से दिल्ली कूच का प्रयास किया तो पुलिस ने रोकने की कोशिश की। किसानों ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया और दिल्ली की ओर रवाना हो गए। 

शामली से खाप चौधरियों व किसानों के दिल्ली कूच को लेकर पुलिस-प्रशासन दिन निकलते ही एडीएम और एएसपी खाप चौधरियों के आवास पर पहुंचे और वार्ता की। इसके अलावा किसान संगठन के कई नेताओं को घर में ही नजरबंद किया गया।

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