नमाज पढ़ने की इजाजत मांगी, कंपनी ने नौकरी से निकाला

Written by Twocircles | Published on: March 22, 2017
पहली नजर में यह धार्मिक  असहिष्णुता का मामला लगता है। ग्लोकल यूनिवर्सिटी के दो छात्रों को एक निजी कंपनी ने नौकरी दी। लेकिन दफ्तर की इमारत में नमाज पढ़ने के आरोप में दोनों की एक ही महीने के अंदर छुट्टी कर दी।

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बीटेक  (सिविल) के छात्रों, मोहम्मद कासिफ ओर शमशेर को स्पेशियल जियोटेक प्राइवेट लिमिटेड ने ट्रेनी के तौर पर नौकरी दी। इन्हें कंपनी के नोएडा स्थित दफ्तर में तैनात किया गया। 22 साल के कासिफ ने टु सर्किल्स.नेट को बताया कि जब उन्होंने कंपनी में काम शुरू किया, उस समय दो और मुस्लिम कर्मचारी पहले से वहां थे। कासिफ कहते हैं, हमने उनसे पूछा कि वे नमाज कहां पढ़ते हैं। इस पर उन्होंने कहा हम यहां नमाज नहीं पढ़ते। इस पर हम चारों अपने बॉस अन्नू गुप्ता के पास पहुंचे और उनसे पूछा कि क्या शुक्रवार की दोपहर को हम जुमे की नमाज पढ़ने के लिए थोड़ा वक्त ले सकते हैं। हमने उनसे कहा कि नमाज पढ़ने में लगे वक्त की हम भरपाई कर देंगे। इसके बावजूद उन्होंने हमें इजाजत देने से साफ इनकार कर दिया।
 
जब नमाज पढ़ने के लिए बाहर जाने की इजाजत नहीं दी गई तो चारों ने दफ्तर परिसर में ही नमाज पढ़ने का फैसला किया। कंपनी प्रबंधन को इस पर आपत्ति थी। लिहाजा गुप्ता ने चारों को बुलाकर दफ्तर के माहौल में खलल न डालने की चेतावनी दी। कासिफ कहते हैं, उस समय हमें यह नहीं पता था कि वह दफ्तर परिसर में हमारे नमाज पढ़ने पर आपत्ति कर रही थीं। अगले सप्ताह जब उन लोगों ने फिर नमाज पढ़ी तो कासिफ और शमशेर को गुप्ता ने अपने दफ्तर में बुलाया। उन्होंने इन दोनों को वह वीडियो दिखाई, जिसमें वे नमाज पढ़ते हुए दिख रहे हैं।

कासिफ बताते हैं,  हमें दफ्तर में इंतजार करने को कहा गया और शाम तक हमें अपने कॉलेज के प्लेसमेंट से पता चला कि हम दोनों की नौकरी खत्म कर दी गई है। कासिफ ने कहा, हमें पूरा यकीन है कि नमाज पढ़ने की वजह से ही हमारे साथ ऐसा हुआ। हम दोनों को टर्मिनेशन लेटर भी नहीं दिया गया। जब हमने कंपनी से ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ भी मांगा तो भी इनकार कर दिया गया।
 
ग्लोकल यूनिविर्सटी प्लेसमेंट दफ्तर ने दोनों को नौकरी से निकाले जाने की पुष्टि की है। लेकिन उन्हें बताया गया है कि दोनों का काम ठीक न होने की वजह से निकाला गया। धार्मिक आधार पर नहीं। फोन पर हमारी उनसे बातचीत के दौरान नमाज पढ़ने का मुद्दा उठा। इस पर अन्नू गुप्ता और रिक्रूटिंग कंस्लटेंट अर्जुन मिश्रा ने कहा- नमाज पढ़ना दफ्तर के माहौल के अनुकूल नहीं है। हालांकि प्रदर्शन खराब होने की वजह से नौकरी से हटाने की बात पर विश्वास नहीं होता। क्योंकि दोनों को काम शुरू किए तीन सप्ताह ही हुए थे। साफ है कंपनी को दोनों का नमाज पढ़ना रास नहीं आया था।

जब टू सर्किल्स.नेट ने अन्नू गुप्ता से बात की तो उन्होंने कहा कि कंपनी का जवाब यूनिवर्सिटी को भेज दिया गया है। उन्होंने इस पर और कुछ कहने से मना कर दिया। रिक्रूटमेंट एजेंट ने धार्मिक भेदभाव की बात से साफ इनकार किया और कहा कि काम में दोनों का प्रदर्शन ठीक नहीं था। यही वजह है कि हमने प्लेसमेंट डिवीजन से और स्टूडेंट्स भेजने को कहा है। एजेंट ने कहा कि प्लेसमेंट टीम को तीन बार उनके खराब प्रदर्शन के बारे में बताया गया है। हालांकि प्लेसमेंट ऑफिसर ने ऐसी किसी बात से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें कंपनी की ओर से दोनों के बारे में ऐसा कोई लिखित संदेश नहीं मिला था। दोनों के खराब प्रदर्शन के बारे में हमें पहले कभी नहीं बताया गया था। यही सही बात है कि हमसे और स्टूडेंट मांगे गए हैं। लेकिन इसलिए नहीं कि कासिफ और उसके दोस्त की परफॉरमेंस खराब रही है।

सबसे चौंकाने वाली बात यह यह है कि मिश्रा की ओर से प्लेसमेंट सेल को भेजी गई चिट्ठी में दोनों स्टूडेंट्स पर काम के दौरान नशे की हालत में होने का आरोप लगाया गया है। चिट्ठी में कहा गया है- दुर्भाग्य से तमाम काउंसिलिंग और सीखने का पर्याप्त समय देने के बावजूद दोनों के प्रदर्शन में कोई सुधार नहीं हुआ। वे काम के लिए इस कदर अनफिट थे कि उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता था।
 
कासिफ ने इन सभी आरोपों का खंडन किया है। और कहा है कि उन्होंने कभी भी अल्कोहल नहीं छुआ। यह उनके और उनके धर्म का अपमान है। उन्होंने रोष जताते हुए कहा - पहली बार मुझे इस तरह की बातें सुनने को मिल रही है। मैं यह सपने में सोच नहीं सकता था कि हमारे ऊपर इस तरह के आरोप लगाए जाएंगे। हमने उनसे नमाज अता करने का लिए कुछ वक्त मांगा था और उन्होंने हमें ड्यूटी के दौरान शराब पीने का आरोप लगा दिया।

इस दौरान भारी तनाव में रहे दोनों छात्रों ने अब दूसरी जगह नौकरी तलाशनी शुरू की है। हालांकि दोनों ने कहा कि इस घटना से उन्हें गहरा सदमा लगा है। मैं मनाता हूं कि किसी दूसरे को ऐसी प्रताड़ना से न गुजरना पड़े। कासिफ के एक रिश्ते के भाई ने कहा कि वे सिर्फ अपने धर्म का पालन करते हुए नमाज पढ़ने की इजाजत मांग रहे थे। उसी वक्त से उनके खिलाफ साजिश शुरू हो गई।
 
साभार – टु सर्किल्स.नेट
 
 
 

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