अंतर्जातीय विवाह के बाद नवदंपति को मिल रही धमकियां, एडीजी से मांगी सुरक्षा

Written by Sabrangindia Staff | Published on: May 17, 2019
देश का संविधान सर्वधर्म समभाव की बात करता है लेकिन आज भी यहां धर्म और जाति के नाम पर लोग बंटे हुए हैं। आज भी अंतर्जातीय विवाह को अपनाया नहीं जाता है। तीन तलाक पीड़िता ने जब बुधवार को धर्म परिवर्तन कर हिन्दू लड़के से मंदिर में शादी कर ली तो नवदंपति को धमकियां मिलना शुरु हो गई। युवक व युवती ने एडीजी दफ्तर में पत्र देकर सुरक्षा मांगी है। एडीजी के पीआरओ ने बताया कि नवदंपति आएंगे तो उनकी सुरक्षा को लेकर संबंधित पुलिस थाना में निर्देश दिए जाएंगे।     



रेशमा ने तलाक के बाद कांशीराम कॉलोनी के ही निवासी दीपक राठोर से धर्म परिवर्तन कर मंदिर में विवाह कर लिया है। खबरों के अनुसार रेशमा दीपक से सात महीने पहले ही मिली थी। रेशमा ने धर्म परिवर्तन कर अपना नाम रानी रख लिया है। विवाह के बाद दोनों को धमकियां मिल रही है  जिससे उनकी जान को खतरा है। दोनों का विवाह कराने वाले अखिल भारतीय हिंदू महासभा के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित केशव शंखधार ने बताया कि रेशमा परेशान थी और दीपक ने उसे सहारा दिया है।      

पीलीभीत शहर के मोहम्मद इस्लाम की बेटी रेशमा का निगाह कांशीराम कॉलोनी ईदगाह निवासी मोहम्मद रईस से तीन साल पूर्व हुआ था। रईस पर आरोप है कि निगाह के बाद से ही वो रेशमा को प्रताड़ित करने लगा था और 5 अप्रैल 2019 को उसने रेशमा को तीन तलाक दे दिया। वहीं रेशमा को तलाक देने के बाद रईस के घर पर ताला लगा मिला। पड़ोसियों ने बताया कि दो दिन पहले ही रईस अपने बच्चों के साथ कहीं चला गया है। वह बरेली में कबाड़ का काम करता है शायद वहीं गया हो। इसके साथ ही पड़ोसी रेशमा-रईस के तीन तलाक की पुष्टि नहीं कर पाए।     

दीपक के पिता लालाराम ने बताया कि वह रिक्शा चलाकर परिवार का भरण पोषण करते हैं। उनके छह लड़के और एक बेटी रोशनी है। दीपक तीसरे नंबर का लड़का है। वह बेकरी में काम करता है। वहीं दीपक की मां चंद्रादेवी ने बताया कि उन्हें दीपक के प्रेम संबंध के बारे में पता था लेकिन समझाने के बाद भी वह नहीं माना। उनकी शादी से हम नाराज थे पर उन्होंने आपसी सहमति से यह निर्णय लिया है। वह हमारे पास आते हैं, तो हम दोनों को स्वीकार कर लेंगे।

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