केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पारित हालिया तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। पंजाब के किसान नेताओं के मुताबिक वे आज की बैठक में आगे की रणनीति के बार में चर्चा करेंगे। किसान आंदोलन का आज तीसरा दिन है। दूसरे दिन भी किसानों ने तमाम बैरीकेडों को तोड़ा और आगे बढ़े। इस दौरान कुछ जगहों पर उनपर लाठीचार्ज भी हुआ, कहीं आसू गैस के गोले भी छोड़े गए। हालांकि सरकार को किसानों को दिल्ली के बुराड़ी मैदान में आने की अनुमति आखिरकार देनी पड़ी।
भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) के अध्यक्ष बूटा सिंह बर्जगिल ने शुक्रवार को कहा, 'कई किसान नेता अब भी दिल्ली के रास्ते में हैं। हम कल बैठक करेंगे और आगे के कदमों के बारे में फैसला लेंगे।'
वहीं क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि वे बुराड़ी जाने के पक्ष में हैं क्योंकि उन्होंने ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया था। उन्होंने आगे कहा कि इस प्रदर्शन का लक्ष्य दिल्ली पहुंचना और केंद्र सरकार पर इन तीन कृषि कानूनों को लेकर दबाव बनाना है।
पाल ने कहा कि बुराड़ी के मैदान में पंजाब, हरियाणा और अन्य स्थानों से आए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी भर सकते हैं। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों को मैदान में प्रदर्शन की अनुमति दे दी।
इस बीच कई किसान हरियाणा के सोनीपत जिले से लगती दिल्ली की सीमा पर जमा हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को केंद्र सरकार की ओर से किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश देने और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन की अनुमति का स्वागत किया।
गौरतलब है किसान केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। विरोध करने के लिये किसान 'दिल्ली चलो' विरोध मार्च के तहत दिल्ली आ रहे हैं।
भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) के अध्यक्ष बूटा सिंह बर्जगिल ने शुक्रवार को कहा, 'कई किसान नेता अब भी दिल्ली के रास्ते में हैं। हम कल बैठक करेंगे और आगे के कदमों के बारे में फैसला लेंगे।'
वहीं क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि वे बुराड़ी जाने के पक्ष में हैं क्योंकि उन्होंने ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया था। उन्होंने आगे कहा कि इस प्रदर्शन का लक्ष्य दिल्ली पहुंचना और केंद्र सरकार पर इन तीन कृषि कानूनों को लेकर दबाव बनाना है।
पाल ने कहा कि बुराड़ी के मैदान में पंजाब, हरियाणा और अन्य स्थानों से आए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी भर सकते हैं। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों को मैदान में प्रदर्शन की अनुमति दे दी।
इस बीच कई किसान हरियाणा के सोनीपत जिले से लगती दिल्ली की सीमा पर जमा हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को केंद्र सरकार की ओर से किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश देने और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन की अनुमति का स्वागत किया।
गौरतलब है किसान केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। विरोध करने के लिये किसान 'दिल्ली चलो' विरोध मार्च के तहत दिल्ली आ रहे हैं।