फेक न्यूज रोकने की तकनीक को लेकर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र सरकार व ट्विटर को नोटिस

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 12, 2021
नई दिल्ली। फेक न्यूज, हेट खबर और राजद्रोह वाले पोस्ट के लिए मैकेनिज्म बनाए जाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने ट्विटर और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। मामले को एक अन्य याचिका के साथ जोड़ा गया है। दरअसल, ट्विटर पर निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट में मई 2020 में एक याचिका दायर की गई थी। जनहित याचिका में टि्वटर कंटेंट को चेक करने के लिए मैकेनिज्म बनाए जाने की मांग की गई है।



याचिका में कहा गया है कि बोगस अकाउंट से फर्जी खबरें और भड़काऊ संदेश के जरिये समाज में नफरत फैलाई जा रही है। ये याचिका भाजपा नेता विनीत गोयनका ने दायर की है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि मशहूर लोगों और गणमान्य व्यक्तियों के नाम पर सैकड़ों फर्जी ट्विटर हैंडल और बोगस फेसबुक अकाउंट हैं। 

याचिका में ये भी कहा गया है कि इन फर्जी ट्विटर हैंडल और फेसबुक अकाउंट में संवैधानिक अधिकारियों और मशहूर नागरिकों की वास्तविक तस्वीरों का इस्तेमाल किया जाता है। यही कारण है कि आम आदमी ऐसे ट्विटर हैंडल और फेसबुक अकाउंट से जारी संदेशों पर विश्वास कर लेते हैं।

फर्जी अकाउंट जातिवाद और हिंसा भड़काने में इस्तेमाल किए जाते हैं जो देश की एकता के लिए खतरा पैदा करते हैं। फेक न्यूज के जरिये देश में नफरत फैलाई जा रही है। फर्जी एकाउंट के जरिये नेगेटिव खबरें भी प्रसारित की जा रही हैं, जिसे चेक करने के लिए मैकेनिज्म की जरूरत है। 

याचिका में यह भी मांग की गई है कि ट्विटर, फेसबुक सहित सभी सोशल मीडिया अकॉउंट होल्डर्स का KYC किये जाने की जरूरत है, जिससे सोशल मीडिया पर भड़काऊ और नफरत फैलाने वाले पोस्ट शेयर करने वालों की आसानी से पहचान की जा सके। 

याचिका में कहा गया है कि वर्तमान में करीब 3.5 करोड़ ट्विटर हैंडल हैं। फेसबुक अकाउंट की संख्या 35 करोड़ है। विशेषज्ञों का मानना है कि इनमें से करीब 10 फीसदी (35 लाख) ट्विटर हैंडल और 10 फीसदी फेसबुक अकाउंट (3.5 करोड़) नकली-बोगस-फर्जी हैं।

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