10% आरक्षण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को भेजा नोटिस

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 25, 2019
नई दिल्ली। सामान्य वर्ग के लोगों को रोजगार और शिक्षा में 10% आरक्षण पर रोक के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इस व्यवस्था पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने सरकार को इस मुद्दे में नोटिस जारी किया है। तत्काल रोक से इनकार करते हुए कहा कि हम मुद्दे पर अपने स्तर पर निरीक्षण करेंगे। कोर्ट इस मामले क लेकर दाखिल याचिकाओं पर चार हफ्तों में सुनवाई करेगा। 

सुप्रीम कोर्ट में संविधान संशोधन के जरिए आर्थिक आधार पर 10% आरक्षण पर रोक लगाने के लिए जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में तत्काल इस पर रोक लगाने की भी मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब देने का आदेश दिया है। 

10 फीसदी आरक्षण देने के लिए केंद्र सरकार के नए ऐक्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है। तहसीन पूनावाला की ओर से अर्जी दाखिल कर कहा गया है कि यह संविधान की मौलिक भावना के साथ छेड़छाड़ है साथ ही आरक्षण के लिए अधिकतम सीमा 50 फीसदी तय की गई है जिसका उल्लंघन किया गया है। इस मामले में पहले ही एक अन्य एनजीओ की ओर से डॉक्टर कौशल कांत मिश्रा ने भी अर्जी दाखिल की हुई है। 

पूनावाला की ओर से इस मामले में भारत सरकार और अन्य को प्रतिवादी बनाया है। अर्जी में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद-16 में सामाजिक पिछड़ेपन के आधार पर रिजर्वेशन देने की बात है। केंद्र सरकार ने संविधान में संशोधन कर उसमें आर्थिक आधार भी जोड़ा है जबकि आर्थिक आधार पर रिजर्वेशन का प्रावधान संविधान में नहीं है। 

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