नई दिल्ली. बिहार के शेल्टर होम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को भी लताड़ लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप सुप्रीम कोर्ट के आदेश से खेल रहे हैं. आपको पता नहीं कि आपने क्या किया है. कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि आपने 31 अक्तूबर को कहा था कि एके शर्मा जांच टीम के सीनियर मोस्ट अफसर होंगे. तो फिर जांच की निगरानी कर रहे एके शर्मा का ट्रांसफर क्यों किया गया?. सुप्रीम कोर्ट ने एके शर्मा को हटाए जाने से नाराजगी जताते हुए उस वक्त के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव को तलब किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नागेश्वर राव ने एके शर्मा का ट्रांसफर कर अवमानना की है. 12 फरवरी को नागेश्वर राव व अन्य अफसर पेश होंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिछले आदेश में हमनें कहा था कि जो सीबीआई की टीम जांच कर रही है, उसके सीनियर मोस्ट 'ए के शर्मा' ही होंगे. उनका ट्रांसफर नहीं किया जाएगा. ए के शर्मा जॉइंट डायरेक्टर सीबीआई थे और उन्हीं की निगरानी में शेल्टर होम की जांच चल रही थी. आगे सीजेआई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि 17 जनवरी 2019 को कैबिनेट कमिटी की स्वीकृति के बाद उनका ट्रान्सफर किया गया. उनको सीआरपीएफ में एडिशनल डायरेक्टर बनाया गया.
सीबीआई के वकील ने कोर्ट को जानकारी दी कि एम. नागेश्वर राव सहित दो अधिकारी मुज़फ़्फ़रपुर शेल्टर होम कांड के जांच अधिकारी एके शर्मा का स्थानांतरण करने में शामिल थे, तो देश के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा, "हम इसे बहुत-बहुत गंभीरता से लेने वाले हैं... आपने सुप्रीम कोर्ट के आदेश से खिलवाड़ किया है... भगवान ही आपकी सहायता करें... सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कभी खिलवाड़ नहीं करना..."
बता दें कि इससे पहले बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई थी. गुरुवार की सुबह मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने बिहार के नीतीश सरकार को फटकार लगाई और कहा कि आप दुर्भाग्यशाली बच्चों के साथ इस तरह बर्ताव करते हैं. आप इस तरीके की चीजों की इजाजत नहीं दे सकते. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने बिहार सरकार से दो बजे सारे सवालों के जवाब देने को कहा था. बिहार सरकार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि हम सरकार नहीं चला रहे है लेकिन हम ये जानना चाहते हैं कि आप कैसे सरकार चला रहे हैं? इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले का ट्रायल दिल्ली ट्रांसफर कर दिया. अब दिल्ली की साकेत कोर्ट में इसका ट्रायल होगा. कोर्ट ने कहा कि दो हफ्ते में सारे रिकॉर्ड ट्रांसफर हो जाएं और ट्रायल छह महीने में पूरा हो जाना चाहिए. अब साकेत की POCSO कोर्ट में मामला चलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्याय के हित में ट्रायल का ट्रांसफर किया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम की निगरानी कर रहे ज्वाइंट डायरेक्टर एके शर्मा के ट्रांसफर पर कड़ी नाराजगी जताई. चीफ जस्टिस ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बिना अनुमति के उनका ट्रांसफर नहीं होगा तो यह ट्रांसफर क्यों किया गया. क्या कैबिनेट कमेटी को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसफर ना करने के आदेश दिए हैं? अब केंद्र इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब देगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिछले आदेश में हमनें कहा था कि जो सीबीआई की टीम जांच कर रही है, उसके सीनियर मोस्ट 'ए के शर्मा' ही होंगे. उनका ट्रांसफर नहीं किया जाएगा. ए के शर्मा जॉइंट डायरेक्टर सीबीआई थे और उन्हीं की निगरानी में शेल्टर होम की जांच चल रही थी. आगे सीजेआई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि 17 जनवरी 2019 को कैबिनेट कमिटी की स्वीकृति के बाद उनका ट्रान्सफर किया गया. उनको सीआरपीएफ में एडिशनल डायरेक्टर बनाया गया.
सीबीआई के वकील ने कोर्ट को जानकारी दी कि एम. नागेश्वर राव सहित दो अधिकारी मुज़फ़्फ़रपुर शेल्टर होम कांड के जांच अधिकारी एके शर्मा का स्थानांतरण करने में शामिल थे, तो देश के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा, "हम इसे बहुत-बहुत गंभीरता से लेने वाले हैं... आपने सुप्रीम कोर्ट के आदेश से खिलवाड़ किया है... भगवान ही आपकी सहायता करें... सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कभी खिलवाड़ नहीं करना..."
बता दें कि इससे पहले बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई थी. गुरुवार की सुबह मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने बिहार के नीतीश सरकार को फटकार लगाई और कहा कि आप दुर्भाग्यशाली बच्चों के साथ इस तरह बर्ताव करते हैं. आप इस तरीके की चीजों की इजाजत नहीं दे सकते. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने बिहार सरकार से दो बजे सारे सवालों के जवाब देने को कहा था. बिहार सरकार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि हम सरकार नहीं चला रहे है लेकिन हम ये जानना चाहते हैं कि आप कैसे सरकार चला रहे हैं? इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले का ट्रायल दिल्ली ट्रांसफर कर दिया. अब दिल्ली की साकेत कोर्ट में इसका ट्रायल होगा. कोर्ट ने कहा कि दो हफ्ते में सारे रिकॉर्ड ट्रांसफर हो जाएं और ट्रायल छह महीने में पूरा हो जाना चाहिए. अब साकेत की POCSO कोर्ट में मामला चलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्याय के हित में ट्रायल का ट्रांसफर किया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम की निगरानी कर रहे ज्वाइंट डायरेक्टर एके शर्मा के ट्रांसफर पर कड़ी नाराजगी जताई. चीफ जस्टिस ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बिना अनुमति के उनका ट्रांसफर नहीं होगा तो यह ट्रांसफर क्यों किया गया. क्या कैबिनेट कमेटी को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसफर ना करने के आदेश दिए हैं? अब केंद्र इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब देगा.