सुबह से टीवी चैनल अटल बिहारी वाजपेयी की चला चली की बेला दिखा दिखा कर जो वास्तविक खबरे है उसे छिपाए जा रहे हैं........
कल रात को कुछ चैनलों पर लगातार मध्यप्रदेश के मोहना में स्थित सुल्तानगढ़ पोल पर पिकनिक मनाने आए 45 से 55 लोगो की नदी के तेज बहाव में फंस जाने की खबरे दिखाई तो थी लेकिन सुबह से अटल बिहारी की नासाज़ तबियत और शाम को उनकी मृत्यु ने सारा माहौल एकतरफा कर दिया,
अभी खबर ये बताई जा रही है कि बीच चट्टान में फंसे 45 लोगो को रेस्क्यू ऑपरेशन में बचा लिया गया है यानी सारा जोर इस पर दिया जा रहा है कि हमने 45 लोग बचाए है लेकिन उन 10 से 12 लोगो का क्या हुआ जो बह गए हैं ?
मध्यप्रदेश की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने रेस्क्यू ऑपरेशन पर कहा, 'हमें नहीं पता कि कितने लोग बह गए हैं। मैं प्रशासन को तेजी से कार्रवाई और लोगों को बचाने के लिए बधाई देती हूं।'
कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने जो ट्वीट किया है उसे जरा समझे 'ग्वालियर शिवपुरी क्षेत्र के सुल्तानगढ़ फाल्स पर बॉंध से पानी छाड़े जाने से ११ युवकों के बह जाने की दुखद ख़बर है और कई लोग फँसे हुए हैं। बिना सूचना के पानी छोड़ना अपराधिक कृत्य है'
अगर इस बात में जरा सी भी सच्चाई हैं कि ये पानी बाँध से छोड़ा गया है तो यह एक तरह से अधिकारियों की घोर लापरवाही को दर्शाता है मध्यप्रदेश में ऐसे हादसे होते रहते हैं 2005 में हुआ धाराजी की घटना भी इसी तरह की थी जिसमे अधिकारियों की लापरवाही से अमावस्या में नर्मदा नहाने आये सैकड़ो लोग बह गए थे उस समय भी मीडिया ने उनकी कोई सुध नही ली और वही आलम आज भी है.
कल रात को कुछ चैनलों पर लगातार मध्यप्रदेश के मोहना में स्थित सुल्तानगढ़ पोल पर पिकनिक मनाने आए 45 से 55 लोगो की नदी के तेज बहाव में फंस जाने की खबरे दिखाई तो थी लेकिन सुबह से अटल बिहारी की नासाज़ तबियत और शाम को उनकी मृत्यु ने सारा माहौल एकतरफा कर दिया,
अभी खबर ये बताई जा रही है कि बीच चट्टान में फंसे 45 लोगो को रेस्क्यू ऑपरेशन में बचा लिया गया है यानी सारा जोर इस पर दिया जा रहा है कि हमने 45 लोग बचाए है लेकिन उन 10 से 12 लोगो का क्या हुआ जो बह गए हैं ?
मध्यप्रदेश की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने रेस्क्यू ऑपरेशन पर कहा, 'हमें नहीं पता कि कितने लोग बह गए हैं। मैं प्रशासन को तेजी से कार्रवाई और लोगों को बचाने के लिए बधाई देती हूं।'
कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने जो ट्वीट किया है उसे जरा समझे 'ग्वालियर शिवपुरी क्षेत्र के सुल्तानगढ़ फाल्स पर बॉंध से पानी छाड़े जाने से ११ युवकों के बह जाने की दुखद ख़बर है और कई लोग फँसे हुए हैं। बिना सूचना के पानी छोड़ना अपराधिक कृत्य है'
अगर इस बात में जरा सी भी सच्चाई हैं कि ये पानी बाँध से छोड़ा गया है तो यह एक तरह से अधिकारियों की घोर लापरवाही को दर्शाता है मध्यप्रदेश में ऐसे हादसे होते रहते हैं 2005 में हुआ धाराजी की घटना भी इसी तरह की थी जिसमे अधिकारियों की लापरवाही से अमावस्या में नर्मदा नहाने आये सैकड़ो लोग बह गए थे उस समय भी मीडिया ने उनकी कोई सुध नही ली और वही आलम आज भी है.