वाराणसी में नामांकन के अंतिम दिन सपा बसपा गठबंधन ने अपना प्रत्याशी बदल दिया है। इस सीट पर सपा के सिंबल पर शालिनी यादव के बजाय बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव चुनाव लड़ेंगे। हालांकि शालिनी यादव ने भी डमी प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किया है। अगर तेज बहादुर यादव का नामांकन खारिज होता है तो ही शालिनी यादव चुनाव लड़ेंगी वरना अपना पर्चा वापस ले लेंगी।

सपा शासन में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे मनोज राय धूपचंडी बीएसएफ के बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर को लेकर नामांकन स्थल पर पहुंचे। इस सम्बन्ध में तेज बहादुर यादव के प्रतिनिधि रणधीर यादव ने बताया कि तेज बहादुर यादव को समाजवादी पार्टी की ओर से सिम्बल दिया गया है।
बता दें कि इससे पहले का घटनाक्रम काफी रोचक रहा था। तेज बहादुर यादव ने दो दिन पहले ही सेना के कई बर्खास्त जवानों के साथ नामांकन पैदल रोडशो किया था। उन्होंने कहा था कि देश की सत्ता में नकली चौकीदार घुस आए हैं हम असली चौकीदार हैं और उनको खदेड़ देंगे।
बता दें कि बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेजबहादुर इसके पहले भी नामांकन कर चुके हैं लेकिन सूत्रों के मुताबिक उनका पर्चा किसी वजह से खारिज हो गया था। यह भी कहा जा रहा है कि उन्होंने टिकट के लिए एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात भी की है। सूत्रों के मुताबिक तेज बहादुर का पर्चा स्वीकार होते ही दो मई को नाम वापसी के आखिरी दिन से पहले शालिनी अपना नाम वापस ले लेंगी।
इससे पहले गठबंधन पर आरोप लग रहे थे कि सपा ने शालिनी यादव को टिकट देकर मोदी को वॉकओवर दे दिया है। लेकिन ऐन समय पर सपा ने तेजबहादुर यादव को टिकट देकर बीजेपी को निश्चित तौर पर चिंतित करने का काम किया है। तेज बहादुर यादव बीएसएफ के पूर्व जवान हैं जिन्हें खाने की क्वालिटी की शिकायत को लेकर बर्खास्त कर दिया गया था।

सपा शासन में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे मनोज राय धूपचंडी बीएसएफ के बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर को लेकर नामांकन स्थल पर पहुंचे। इस सम्बन्ध में तेज बहादुर यादव के प्रतिनिधि रणधीर यादव ने बताया कि तेज बहादुर यादव को समाजवादी पार्टी की ओर से सिम्बल दिया गया है।
बता दें कि इससे पहले का घटनाक्रम काफी रोचक रहा था। तेज बहादुर यादव ने दो दिन पहले ही सेना के कई बर्खास्त जवानों के साथ नामांकन पैदल रोडशो किया था। उन्होंने कहा था कि देश की सत्ता में नकली चौकीदार घुस आए हैं हम असली चौकीदार हैं और उनको खदेड़ देंगे।
बता दें कि बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेजबहादुर इसके पहले भी नामांकन कर चुके हैं लेकिन सूत्रों के मुताबिक उनका पर्चा किसी वजह से खारिज हो गया था। यह भी कहा जा रहा है कि उन्होंने टिकट के लिए एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात भी की है। सूत्रों के मुताबिक तेज बहादुर का पर्चा स्वीकार होते ही दो मई को नाम वापसी के आखिरी दिन से पहले शालिनी अपना नाम वापस ले लेंगी।
इससे पहले गठबंधन पर आरोप लग रहे थे कि सपा ने शालिनी यादव को टिकट देकर मोदी को वॉकओवर दे दिया है। लेकिन ऐन समय पर सपा ने तेजबहादुर यादव को टिकट देकर बीजेपी को निश्चित तौर पर चिंतित करने का काम किया है। तेज बहादुर यादव बीएसएफ के पूर्व जवान हैं जिन्हें खाने की क्वालिटी की शिकायत को लेकर बर्खास्त कर दिया गया था।