प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रयागराज आगमन पर सपा कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। सपाईयों ने जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया और काले झंडे लहराए। झूंसी में जनसभा के दौरान तो सपा नेत्री प्रधानमंत्री के मंच के सामने तक पहुंच गई। जैसे ही प्रधानमंत्री ने बोलना शुरू किया वैसे ही वह अपने पहने हुए कपड़े के अंदर छिपाए गए काले झंड़े को हाथ में लेकर लहराने लगी। जनसभा में हड़कंप मचा तो पुलिस ने किसी तरह लोगों की भीड़ से बचाकर सपा नेत्री को जनसभा से बाहर निकाला और थाने ले गई, जबकि समाजवादी छात्रसभा से जुड़े दो छात्रों ने कुंभ मेला क्षेत्र में जबरन बैरिकेडिंग क्रॉस कर फ्लीट के सामने कूद गए और काला झंडा लहराने लगे। सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है और मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
पीएम मोदी की रैली को लेकर सपा प्रवक्ता ऋचा सिंह ने कहा, ''मोदी जी के इलाहाबाद दौरे में 2019 कई हार का डर साफ़ नज़र आ रहा था। इलाहाबाद में मोदी का दौरा था। बतौर प्रधानमंत्री मोदी जी ने पूरे इलाहाबाद और उत्तर प्रदेश को बेहद निराश किया। प्रधानमंत्री के मंच से भाषण को सुनकार लगा की 2019 के आम चुनावों से पहले वह अपनी हार मान चुके हैं।
पीएम मोदी ने इलाहाबादी और पूरे उत्तर प्रदेश की जनता, नौजवान, किसान, महिलाएं, सरकारी कर्मचारी, आम आदमी का ज़िक्र तक नहीं किया। पूरे समय वह अपने भाषण में चौपाइयों, स्वछता, सफाई, पूजा- अर्चना जैसे शब्दों से ही अपने 4 सालों से ज़्यादा की नाकामी छिपाने में ही लगे रहे, परिणामतः जनता मोदी जी का भाषण ख़त्म होने से पहले ही वापस लौटने लगी और मोदी जी ने आनन- फानन में अपने भाषण को समेट दिया।
कार्यकर्ताओं में भी अजीब से निराशा थी, वो अपने नेता को देखकर उत्साहित नहीं थे। इलाहाबाद जो पढ़ने-लिखने, नौकरी की तैयारियों को करने वाले, सिविल परीक्षा की तैयारी का गढ़ है वहां के नौजवानों को प्रधानमंत्री के आगमन से सिर्फ निराशा हाथ लगी, यह वहीं इलाहाबाद है जहां से पिछली बार युवा तरूणाई को भाजपा को जिताने की अपील की थी पर इस बार नौजवानों से आह्वान करने का साहस प्रधानमंत्री जी नहीं जुटा सके।
2 करोड़ रोज़गार, 15 लाख, काला धन, गंगा की सफ़ाई, महिलाओं की सुरक्षा पर कुछ भी नहीं था प्रधानमंत्री के पास कहने के लिये। और न ही 2019 का कोई एजेंडा।
देश और हम नौजवान हमेशा आपको "बिना विज़न" वाले प्रधानमंत्री के रूप में 2019 के बाद याद करेंगे।''
पीएम मोदी की रैली को लेकर सपा प्रवक्ता ऋचा सिंह ने कहा, ''मोदी जी के इलाहाबाद दौरे में 2019 कई हार का डर साफ़ नज़र आ रहा था। इलाहाबाद में मोदी का दौरा था। बतौर प्रधानमंत्री मोदी जी ने पूरे इलाहाबाद और उत्तर प्रदेश को बेहद निराश किया। प्रधानमंत्री के मंच से भाषण को सुनकार लगा की 2019 के आम चुनावों से पहले वह अपनी हार मान चुके हैं।
पीएम मोदी ने इलाहाबादी और पूरे उत्तर प्रदेश की जनता, नौजवान, किसान, महिलाएं, सरकारी कर्मचारी, आम आदमी का ज़िक्र तक नहीं किया। पूरे समय वह अपने भाषण में चौपाइयों, स्वछता, सफाई, पूजा- अर्चना जैसे शब्दों से ही अपने 4 सालों से ज़्यादा की नाकामी छिपाने में ही लगे रहे, परिणामतः जनता मोदी जी का भाषण ख़त्म होने से पहले ही वापस लौटने लगी और मोदी जी ने आनन- फानन में अपने भाषण को समेट दिया।
कार्यकर्ताओं में भी अजीब से निराशा थी, वो अपने नेता को देखकर उत्साहित नहीं थे। इलाहाबाद जो पढ़ने-लिखने, नौकरी की तैयारियों को करने वाले, सिविल परीक्षा की तैयारी का गढ़ है वहां के नौजवानों को प्रधानमंत्री के आगमन से सिर्फ निराशा हाथ लगी, यह वहीं इलाहाबाद है जहां से पिछली बार युवा तरूणाई को भाजपा को जिताने की अपील की थी पर इस बार नौजवानों से आह्वान करने का साहस प्रधानमंत्री जी नहीं जुटा सके।
2 करोड़ रोज़गार, 15 लाख, काला धन, गंगा की सफ़ाई, महिलाओं की सुरक्षा पर कुछ भी नहीं था प्रधानमंत्री के पास कहने के लिये। और न ही 2019 का कोई एजेंडा।
देश और हम नौजवान हमेशा आपको "बिना विज़न" वाले प्रधानमंत्री के रूप में 2019 के बाद याद करेंगे।''