लड़कियों के लिए ‘लक्ष्मण रेखा’ वाले बयान पर घिरीं मेनका गांधी, सोशल मीडिया पर लोगों का फूटा गुस्सा

Published on: March 8, 2017
नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों के बाहर रहने की समय सीमा तय किए जाने का समर्थन किया है। मेनका गांधी ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि जब आप 16-17 साल के होते हैं तो हॉर्मोन में हो रहे बदलावों के चलते बहुत ही चुनौतीपूर्ण स्थिति में होते हैं। इन हार्मोन परिवर्तनों से आपकी सुरक्षा के लिए, शायद एक लक्ष्मण रेखा जरूरी है।
 
फाइल फोटो।
 
मेनका ने कहा कि एक अभिभावक के तौर पर जो भी अपनी बेटी या बेटे को कॉलेज भेजता है, मैं उसकी सुरक्षा की उम्मीद करती हूं। ऐसे में सुरक्षा के कुछ नियम उनके खिलाफ भी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब आप 16-17 साल की उम्र में होते हैं तो हार्मोंस काफी असर करते हैं। हार्मोंस के इस विस्फोट की वजह से होने वाली किसी भी गलती से खुद को रोकने के लिए एक लक्ष्मण रेखा खींचे जाने की जरूरत है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि बवाल बढ़ने के बाद मेनका ने अपनी सफाई में कहा कि ‘अगर आप वीडियो देखेंगे तो मैंने कहा है कि लड़के और लड़कियों दोनों को छह बजे के बाद घूमने नहीं दिया जाना चाहिए।’ सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री की इस बयान का जमकर विरोध हो रहा है।
 
मशहूर लेखिका शोभा डे ने ट्वीट किया, ‘लगता है कि मेनका गांधी खुद हॉर्मोंस का विस्फोट महसूस कर रही हैं। क्या वाकई उन्होंने ऐसा कहा है? हैपी इंटरनैशनल विमिन डे।’

वहीं, आस्था वर्मा ने ट्वीट किया, ‘तो मेनका गांधी लड़कियों के हॉर्मोनल गलतियों के लिए हॉस्टल कर्फ्यू की वकालत कर रही हैं। तब तो उनका यह भी विजन होगा कि सारे रेप महिलाएं ही कराती हैं।’
 
पढ़ें, कैसे मेनका गांधी को विरोध झेलना पड़ रहा है…








 

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