किसानों और सरकार के बीच छठे दौर की बैठक से नतीजे की कितनी उम्मीद?

Written by sabrang india | Published on: December 30, 2020
नई दिल्ली। किसान आंदोलन को एक महीने से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है लेकिन सरकार अभी तक झुकने को तैयार नहीं है। तीन नए कानूनों को लेकर आज एक बार फिर सरकार और किसान संगठन छठे दौर की वार्ता करेंगे। इस बैठक में चालीस किसान संगठनों के नेता शामिल होंगे। किसानों ने बैठक चार शर्तें रखी थी लेकिन सरकार  कानून को वापस लेने के मूड में नहीं दिख रही है। ऐसे में आज होने वाली बैठक पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। 



संयुक्त किसान मोर्चा ने बुधवार को बैठक से पूर्व मंगलवार को सरकार को पत्र लिखकर तीन कृषि कानूनों को रद्द करने समेत अपनी कई मांगों को दोहराया है।

सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर आज आयोजित किसान मोर्चा की बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल को पत्र लिखकर बुधवार बैठक का स्वागत करते हुए भारत सरकार से मांग की है कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए। किसानों की फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की गारंटी दी जाए। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश-2020 में ऐसे संशोधन किए जाएं जो अध्यादेश किसानों को दंड प्रावधानों से बाहर रखें। विद्युत संशोधन विधेयक-2020 मसौदे को वापस लिया जाए।

संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि कल की बैठक इस एजेंडे पर चले ताकि कोई सार्थक परिणाम निकल सकें।

किसान नेता शिवकुमार काका ने कहा कि किसान बैठक को लेकर पूरी तरह से तैयार है और उम्मीद करते हैं कि कल की बैठक में उनकी मांगों को मान लिया जाएगा। भारी संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर हाड कंपकंपा देने वाली ठंड में धरना दे रहे हैं। अब समय आ गया है कि किसानों की मांगे मान कर इस मसले का जल्द हल निकाला जाए।

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