मारे गए सिमी सदस्यों के पास हथियार नहीं थे- एटीएस चीफ संजीव शमी

Written by महेंद्र नारायण सिंह यादव | Published on: November 4, 2016
भोपाल सेंट्रल जेल से फरार हुए 8 सिमी सदस्यों के एनकाउंटर का मामले के फेक होने के पक्ष में एक और सबूत सामने आ रहा है।  मामले की जाँच कर रहे मध्य प्रदेश एटीएस चीफ संजीव शमी ने कहा है कि जिन 8 सिमी सदस्यों को स्पेशल टास्क फोर्स ने मुठभेड़ में मारा था उनके पास कोई हथियार नहीं था। 

Bhopal Encounter

इससे पहले भोपाल पुलिस के आईजी योगेश चौधरी ने कहा था कि मारे गए लोगों के पास चार देसी पिस्तौलें थीं और वे पुलिस पर फायरिंग कर रहे थे। खास बात ये भी है कि संजीव शमी के टीम के सदस्य भी एनकाउंटर करने वाली टीम के करीब थे। एनडीटीवी की खबर के मुताबिक शामी ने कहा, “मैं अपने बयान पर कायम हूं और सिर्फ तथ्यों पर बात करता हूं।”

मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार और केंद्र सरकार ने भी यही बयान दिए थे कि विचाराधीन सिमी आतंकियों को इसलिए मारा गया क्योंकि वे पुलिस पर फायरिंग कर रहे थे। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने दावा किया था कि जेल से फरार हुए सिमी के सदस्य एक बड़े आतंकी हमले की फिराक में थे।

म.प्र. की भाजपा सरकार खुलकर तो स्वीकार नहीं कर सकती लेकिन जनता के बीच यही इंप्रेशन देना चाहती है कि उसने ही जान-बूझकर सिमी आतंकियों को मारा है। ऐसा करके उसे उम्मीद है कि उसे उसी तरह का फायदा होगा जिस तरह का फायदा गुजरात में नरेंद्र मोदी लेते रहे हैं। हालाँकि भाजपा की पूरी प्लानिंग में दिक्कत हेड गार्ड रमाशंकर की हत्या से सामने आ रही है।

अगर फर्जी एनकाउंटर साबित होता है तो भाजपा राजनीतिक फायदा तो उठाने की कोशिश कर लेगी, लेकिन फिर रमाशंकर यादव की हत्या का आरोप जेल अधिकारियों और सरकार पर आ जाएगा।

Source: newslive24.in
 

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