नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले डॉक्टर कफील खान की गिरफ्तारी का मामला अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर हो गया है। गोरखपुर के बाल रोग विशेषज्ञ कफील को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। इस कार्रवाई के खिलाफ कफील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कफील की याचिका पर सुनवाई करते हुए केस को इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर कर दिया है। अदालत में अर्जी दाखिल करते हुए मामले में सुनवाई करने और कफील की जल्द रिहाई की मांग की गई थी। डॉक्टर कफील अभी न्यायिक हिरासत में हैं।
कफील पर आरोप है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में भड़काऊ भाषण दिया था। पुलिस के मुताबिक डॉक्टर कफील के भाषण से ही प्रेरित होकर वहां के छात्रों ने 15 दिसंबर को उग्र प्रदर्शन और तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया था।
इसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया और 29 जनवरी को मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया। पहले अलीगढ़ के चीफ जुडिशल मैजिस्ट्रेट (सीजेएम) की कोर्ट में पेश किया गया और फिर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसके कुछ घंटों में ही उनके अलीगढ़ कारागार में रहने से जिले में अशांति पैदा होने की संभावना के चलते उन्हें मथुरा जिला जेल में भेज दिया गया था। डॉ. कफील राष्ट्रीय सुरक्षा कानन (एनएसए) में आरोपी हैं। मथुरा की जिला जेल में बंद कफील को मंगलवार को लखनऊ लाया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कफील की याचिका पर सुनवाई करते हुए केस को इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर कर दिया है। अदालत में अर्जी दाखिल करते हुए मामले में सुनवाई करने और कफील की जल्द रिहाई की मांग की गई थी। डॉक्टर कफील अभी न्यायिक हिरासत में हैं।
कफील पर आरोप है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में भड़काऊ भाषण दिया था। पुलिस के मुताबिक डॉक्टर कफील के भाषण से ही प्रेरित होकर वहां के छात्रों ने 15 दिसंबर को उग्र प्रदर्शन और तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया था।
इसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया और 29 जनवरी को मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया। पहले अलीगढ़ के चीफ जुडिशल मैजिस्ट्रेट (सीजेएम) की कोर्ट में पेश किया गया और फिर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसके कुछ घंटों में ही उनके अलीगढ़ कारागार में रहने से जिले में अशांति पैदा होने की संभावना के चलते उन्हें मथुरा जिला जेल में भेज दिया गया था। डॉ. कफील राष्ट्रीय सुरक्षा कानन (एनएसए) में आरोपी हैं। मथुरा की जिला जेल में बंद कफील को मंगलवार को लखनऊ लाया गया।