केरल के पत्रकार को पिछले साल यूपी पुलिस ने उस समय अरेस्ट कर लिया था जब वह हाथरस कांड के पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे। फिलहाल वह कोरोना पॉजिटिव हैं और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को आदेश दिया है कि वह पिछले साल हाथरस जा रहे केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को प्रदेश से बाहर इलाज कराने की इजाजत दे। इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट यूपी सरकार से कप्पन के मेडिकल रिकॉर्ड जमा करने को कहा था। पिछले साल हाथरस में एक दलित युवती के कथित गैंगरेप के बाद हत्या का मामला चर्चित हुआ था। कप्पन को यूपी पुलिस ने हाथरस के रास्ते में अरेस्ट किया था।
केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट ने आरोप लगाया था कि कप्पन को अस्पताल में चरपाई के साथ चेन से बांधा हुआ है। कप्पन बाथरूम में फिसल कर गिर गए थे जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल लाया गया जहां पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव हैं। यूपी सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया था।
पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को 5 अक्टूबर को हाथरस जाते समय रास्ते में गिरफ्तार किया गया था। वह हाथरस में सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई दलित युवती के घर जा रहे थे। इस युवती की बाद में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी।
चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ के समक्ष उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस आरोप को गलत बताया। हालांकि पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को मंगलवार शाम तक कप्पन का मेडिकल रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने यह भी कहा कि यह याचिका विचारयोग्य नहीं है। यह हैबियस कॉरपस याचिका में दाखिल किया गया आवेदन है। कप्पन ट्रायल कोर्ट के आदेश के तहत न्यायिक हिरासत में हैं।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को आदेश दिया है कि वह पिछले साल हाथरस जा रहे केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को प्रदेश से बाहर इलाज कराने की इजाजत दे। इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट यूपी सरकार से कप्पन के मेडिकल रिकॉर्ड जमा करने को कहा था। पिछले साल हाथरस में एक दलित युवती के कथित गैंगरेप के बाद हत्या का मामला चर्चित हुआ था। कप्पन को यूपी पुलिस ने हाथरस के रास्ते में अरेस्ट किया था।
केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट ने आरोप लगाया था कि कप्पन को अस्पताल में चरपाई के साथ चेन से बांधा हुआ है। कप्पन बाथरूम में फिसल कर गिर गए थे जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल लाया गया जहां पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव हैं। यूपी सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया था।
पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को 5 अक्टूबर को हाथरस जाते समय रास्ते में गिरफ्तार किया गया था। वह हाथरस में सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई दलित युवती के घर जा रहे थे। इस युवती की बाद में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी।
चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ के समक्ष उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस आरोप को गलत बताया। हालांकि पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को मंगलवार शाम तक कप्पन का मेडिकल रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने यह भी कहा कि यह याचिका विचारयोग्य नहीं है। यह हैबियस कॉरपस याचिका में दाखिल किया गया आवेदन है। कप्पन ट्रायल कोर्ट के आदेश के तहत न्यायिक हिरासत में हैं।