नागरिकता सशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एनआरसी) को वापस लेने की मांग को लेकर इलाहाबाद के रोशन बाग़ में भी महिलाओं का अनिश्चितकालीन धरना / प्रदर्शन चल रहा है। इन महिलाओं का प्रदर्शन भी दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर चल रहा है। हज़ारों की तादाद मे सभी धर्म व जाति ( विशेषकर मुस्लिम समुदाय ) की महिलाए इस काले कानून के खिलाफ पिछले 15 जनवरी से रोशन बाग़ मे डटी हुई हैं।
साल भर की छोटी बच्ची से लेकर अस्सी साल तक की महिलाए धरना स्थल पर मौजूद हैं। प्रदर्शन कारी महिलाओ ने बताया की उनका आंदोलन तब तक चलता रहेगा जबतक सरकार CAA व NRC को वापस नहीं ले लेती है। हमने देखा कि मंच से मुस्लिम छात्रा अपनी बात रखते हुए कह रही है, कि वो रानी लक्ष्मी बाई की तरह लड़ेगी और देश बचाने के लिए जंग जारी रखेगी। महिलाओं का ये जज़्बा एक नया इतिहास लिखता नज़र आ रहा है।
अहिंसात्मक तरीक़े से चल रहे इस प्रदर्शन मे व्यवस्था भी पूरी तरह से स्थानीय लोगो ने संभाल रखी है । पीने के पानी ,खाने, नाश्ते से लेकर दवा तक का इंतज़ाम धरना स्थल पर देखने को मिलता है । प्रदर्शन कारी शहनाज ने बताया की मोहल्ले के सभी लोगो का समर्थन है और आस पास के घर वालों ने प्रदर्शन कारी महिलाओ के लिए अपने घर खोल रखे हैं। किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो तो वहां से मदद मिलती है।
बुजुर्ग औरतों को कुछ देर आराम की जरूरत पड़ती है तो वो पड़ोस के घर जाकर आराम कर लेती हैं और कुछ देर बाद फिर धरने पर आ जाती हैं। अगर महिलाओं को टॉयलेट का इस्तेमाल करना है तो किसी के भी घर जा सकती हैं, यहां तक की लोगों ने घरों में सेनेट्री पैड्स का भी अतिरिक्त इंतज़ाम कर रखा है जिससे युवा छात्राओं व महिलाओं को दिक़्क़त का सामना न करना पड़े।
महिलाओं द्वारा आयोजित महिलाओं का ये प्रदर्शन जो सरकार के काले कानून के खिलाफ़ चल रहा है वो महिलाओं की अंदरुनी प्रतिभाओं को भी बाहर ला रहा है। छोटी /युवा/ बड़ी सभी उम्र की महिलाएं गीत /ग़ज़ल /कहानी चित्रकारी के जरिये अपनी बातें रख रही हैं। प्रदर्शन के दौरान लिए गए कुछ महिलाओं की तस्वीरें नीचे देख सकते हैं।
साल भर की छोटी बच्ची से लेकर अस्सी साल तक की महिलाए धरना स्थल पर मौजूद हैं। प्रदर्शन कारी महिलाओ ने बताया की उनका आंदोलन तब तक चलता रहेगा जबतक सरकार CAA व NRC को वापस नहीं ले लेती है। हमने देखा कि मंच से मुस्लिम छात्रा अपनी बात रखते हुए कह रही है, कि वो रानी लक्ष्मी बाई की तरह लड़ेगी और देश बचाने के लिए जंग जारी रखेगी। महिलाओं का ये जज़्बा एक नया इतिहास लिखता नज़र आ रहा है।
अहिंसात्मक तरीक़े से चल रहे इस प्रदर्शन मे व्यवस्था भी पूरी तरह से स्थानीय लोगो ने संभाल रखी है । पीने के पानी ,खाने, नाश्ते से लेकर दवा तक का इंतज़ाम धरना स्थल पर देखने को मिलता है । प्रदर्शन कारी शहनाज ने बताया की मोहल्ले के सभी लोगो का समर्थन है और आस पास के घर वालों ने प्रदर्शन कारी महिलाओ के लिए अपने घर खोल रखे हैं। किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो तो वहां से मदद मिलती है।
बुजुर्ग औरतों को कुछ देर आराम की जरूरत पड़ती है तो वो पड़ोस के घर जाकर आराम कर लेती हैं और कुछ देर बाद फिर धरने पर आ जाती हैं। अगर महिलाओं को टॉयलेट का इस्तेमाल करना है तो किसी के भी घर जा सकती हैं, यहां तक की लोगों ने घरों में सेनेट्री पैड्स का भी अतिरिक्त इंतज़ाम कर रखा है जिससे युवा छात्राओं व महिलाओं को दिक़्क़त का सामना न करना पड़े।
महिलाओं द्वारा आयोजित महिलाओं का ये प्रदर्शन जो सरकार के काले कानून के खिलाफ़ चल रहा है वो महिलाओं की अंदरुनी प्रतिभाओं को भी बाहर ला रहा है। छोटी /युवा/ बड़ी सभी उम्र की महिलाएं गीत /ग़ज़ल /कहानी चित्रकारी के जरिये अपनी बातें रख रही हैं। प्रदर्शन के दौरान लिए गए कुछ महिलाओं की तस्वीरें नीचे देख सकते हैं।