Re-Plug: 22 दिनों में 28 विरोध प्रदर्शन! नये अपडेट्स लेकर आया 'क्रांति का नक्शा'

Written by sabrang india | Published on: January 4, 2021
2020 के आखिरी 22 दिनों में किसानों के संघर्ष ने भारत के नक्शे पर 28 जगह पर अपना नाम दर्ज कराया। किसान भारत की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर एक महीने से ज्यादा समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस देशव्यापी विरोध का निर्माण हुए महीनों में हुआ है।



भारत के किसानों ने इतिहास में पहली बार एक संगठनात्मक रूप से शासन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ आंदोलन किया है। याद रखें कि तीनों कानूनों को संसद में बिना बहस और किसानों की सहमति के पारित किया गया था। किसानों के आंदोलन को खालिस्तानी आतंकियों से लेकर राजनीतिक पार्टी द्वारा प्रायोजित, माओवादी घुसपैठ से लेकर केवल कुछ लोगों का विरोध बताकर उनका अपमान किया गया। लेकिन भारत के अन्नदाता ने अपने आंदोलन की मजबूती बनाए रखी है। 

19 दिसंबर को सबरंग इंडिया सबसे पहले आपके सामने नक्शा लाया था। इस अपडेटेट नक्शे में सितंबर माह के किसानों के प्रदर्शनों को नीले, नवंबर माह के प्रदर्शनकों को लाल, दिसंबर के प्रदर्शन को हरे और जनवरी के प्रदर्शनों को गहरे हरे रंग से दर्शाया गया है। इस तरह नक्शे में किसानों के बीच अशांति और बड़े होते आंदोलन को दिखाया गया है। 

सॉलिडैरिटी स्टेटमेंट्स (स्टार चिह्नित), 8 दिसंबर भारत बंद (सर्कल), वर्कर्स फॉर फार्मर्स (ग्रीन स्टार चिह्नित) की अलग कैटगरी एक अनूठा दृष्टिकोण प्रदान करते हैं कि कैसे भारतीय समाज के गैर कृषि तत्व किसानों के साथ संघर्ष में खड़े हुए हैं। 

व्यापक जत्थों के मार्गों को भी नक्शे में दिखाया गया है। 

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