विदेशी मुद्रा भंडार से कई गुना ज्यादा बाहरी देनदारी, RBI की अंतरिम कमेटी करेगी आकलन

Written by sabrang india | Published on: September 10, 2019
इकनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क लागू करने के बाद अब भारत का केन्द्रीय बैंक (RBI) देश के विदेशी मुद्रा भंडार को जरुरी स्तर तक ले जाने की कोशिशों पर विचार कर रहा है। बता दें कि इस समय देश की देनदारियां हमारे विदेशी मुद्रा भंडार से काफी ज्यादा हैं, ऐसे में पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार होना देश की मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए बेहद जरुरी है।



आरबीआई की एक अंतरिम कमेटी फिलहाल एक ऐसी प्रक्रिया बनाने पर विचार कर रही है, जिसकी मदद से आकलन किया जा सकेगा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Reserves) पर्याप्त है या नहीं। इसके लिए आरबीआई का पैनल अर्थव्यवस्था के विभिन्न खतरों का अध्ययन करेगा। इकनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क पर पूर्व आरबीआई गवर्नर बिमल जालान द्वारा बीते माह एक रिपोर्ट पेश की गई है।

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2008 में हमारा विदेशी मुद्रा भंडार हमारे बाहरी कर्जों के मुकाबले ज्यादा था, लेकिन अब साल 2019 में स्थिति पूरी तरह से बदल गई है। बिमल जालान कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि मौजूदा वक्त में, विदेशी मुद्रा भंडार (जो कि 400 बिलियन डॉलर से ज्यादा है), देश पर बाहरी देनदारियों (करीब 1 ट्रिलियन डॉलर), यहां तक कि बाहरी कर्ज (500 बिलियन डॉलर), से भी कम है।

रिपोर्ट के अनुसार, देश के बाहरी खतरों का आकलन कर इस बात पर ध्यान दिए जाने की जरुरत है। संभव है कि आरबीआई को अपनी बैलेंस शीट, रिस्क और वांछित आर्थिक पूंजी के बदलावों से निपटने के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोत्तरी करने की जरुरत होगी। इसके साथ ही आर्थिक मंदी के दौर में बाहरी स्थायित्व को बरकरार रखने के लिए भी विदेशी मुद्रा भंडार की पर्याप्तता जरुरी है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि रिजर्व बैंक अपने फॉरेन रिजर्व की पर्याप्तता के मुद्दे पर सरकार के साथ मिलकर समीक्षा कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, रिजर्व बैंक मैनेजमेंट को दो उद्देश्य हैं और वो हैं सुरक्षा और तरलता। उल्लेखनीय है कि 31 मार्च, 2019 के आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 412 बिलियन डॉलर है, जो कि 9.6 महीने के आयात के लिए काफी है।

16 अगस्त 2019 के आंकड़ों के अनुसार, देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 430 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है और मार्च के अंत से लेकर अब तक विदेशी मुद्रा भंडार में 17.6 बिलियन डॉलर की बढ़ोत्तरी हुई है। बता दें कि भारत द्वारा अपने विदेशी मुद्रा भंडार की पर्याप्तता को लेकर समीक्षा ऐसे वक्त में की जा रही है, जब वित्त मंत्रालय ने अन्तरराष्ट्रीय बाजार में अपने सोवेरिन बॉन्ड जारी कर पैसा जुटाने का ऐलान किया है। केन्द्र सरकार को इससे करीब 10 बिलियन डॉलर मिलने की उम्मीद है।

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