हरिद्वार। दुष्कर्म के मामले में शांतिकुंज प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या के खिलाफ दिल्ली के विवेक विहार पुलिस स्टेशन में जीरो नंबर एफआईआर दर्ज की गई है। पंड्या के खिलाफ छत्तीसगढ़ की युवती ने यह आरोप लगाया है।
जनज्वार डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक हरिद्वार एसएसपी के प्रवक्ता हरिओम चौहान ने बताया कि अभी एफआईआर की कापी उन्हें नहीं मिली है। एक बार दिल्ली से एफआईआर आ जाये, इसके बाद ही बता पायेंगे कि मामला है क्या? इधर विवेक विहार पुलिस स्टेशन से जब संपर्क किया गया तो वहां से बताया गया कि एसएचो छुट्टी पर है। उनके आने के बाद ही कुछ बता पायेंगे।
आरोपों में युवती ने बताया कि 2010 से 2014 तक वह शांतिकुंज आश्रम की खाना बनाने की टीम की सदस्य थी। तब वह नाबालिग थी। इसी दौरान उसके साथ एक दिन जब वह डॉक्टर प्रणव पांडया के कमरे में गयी तो वहां उसके साथ बलात्कार किया गया। उसने यह भी आरोप लगाया कि तब उसे धमकाया गया। इस वजह से वह चुप रही। उसका कई बार बलात्कार हुआ।
यह वही प्रणव पांड्या हैं जिन्होंने अमित शाह से अपने रिश्तों को इकबाल और राहुल गांधी को लेकर अपनी राय का ऐलान खुलेआम किया था। बाकायदा प्रेस को कहा था, ‘अमित शाह की तरह उन्हें हम रीसिव नहीं करेंगे। वो आएं तो आएं। हमें उसकी शक्ल अच्छी नहीं लगती। यह बात पांड्या ने 24 जून 2018 को अमित शाह से मुलाकात के बाद कही थी। उसी के बाद वैश्श्विक स्तर पर फैले गायत्री परिवार के सदस्यों से भाजपा को वोट देने की भी अपील पांड्या ने की थी।
डॉक्टर प्रणव पांडया द्वारा कथित तौर पर बलात्कार किये जाने की यह घटना क्योंकि हरिद्वार की है, इसलिए दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जीरो एफआईआर दर्ज की है। इसके बाद मामला जांच के लिए उत्तरांखड भेजा जायेगा। वहां से इस पर जांच होगी।
दूसरी ओर संस्था के प्रमुख व्यक्ति हेमंत के माध्यम से इस मामले में जनज्वार ने डॉक्टर पांडया का पक्ष जानने की कोशिश की तो उन्होंने बताया कि वह अभी कुछ देर में बात कराते हैं। इसके बाद उन्होंने फोन नहीं उठाया। इधर संस्था की ओर से एक प्रेस नोट जारी कर सारे मामले को गलत ठहराया है। बिना हस्ताक्षर के अंग्रेजी के इस प्रेस नोट में दावा किया गया कि संस्था की छवि को खराब करने की कोशिश हो रही है।
प्रेसनोट के मुताबिक डॉ. पांड्या जी एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक वैज्ञानिक, एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और अंतरराष्ट्रीय ख्याति के सम्मानित व्यक्तित्व हैं। वह डीएसवीवी के चांसलर भी हैं। इसमें सवाल उठाया गया कि घटना के 10 साल बाद शिकायत दर्ज कराना और एफआईआर दर्ज कराना अपने आप में एक बड़ी बात है।
प्रेसनोट में हालांकि दावा किया गया कि हम किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं और आपका स्वागत है। लेकिन इसके विपरीत जब संस्थान से संपर्क कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की तो वहां से जनज्वार को कोई सहयोग नहीं किया गया।
गौरतलब है कि शांतिकुंज की स्थापना पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने हरिद्वार में की थी। ‘युगतीर्थ’ कहे जाने वाले इस आश्रम में व्यक्ति-निर्माण, परिवार-निर्माण एवं समाज निर्माण की अनेक प्रभावशाली गतिविधियाँ नियमित रूप से चलती रहती हैं। यहाँ यज्ञशाला, गायत्री माता का मन्दिर, अखण्ड दीप, देवात्मा हिमालय मन्दिर, ज्ञान मंदिर (साहित्य विक्रय केन्द्र), ऋषियों के मन्दिर, हरीतिमा देवालय, देव संस्कृति दिग्दर्शन प्रदर्शनी, अस्पताल एवं चिकित्सा-केन्द्र आदि मुख्य स्थापनाएँ हैं। यहाँ वैज्ञानिक अध्यात्म पर अनुसंधान होता है तथा तरह-तरह के शिविर संचालित किए जाते हैं।
जनज्वार डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक हरिद्वार एसएसपी के प्रवक्ता हरिओम चौहान ने बताया कि अभी एफआईआर की कापी उन्हें नहीं मिली है। एक बार दिल्ली से एफआईआर आ जाये, इसके बाद ही बता पायेंगे कि मामला है क्या? इधर विवेक विहार पुलिस स्टेशन से जब संपर्क किया गया तो वहां से बताया गया कि एसएचो छुट्टी पर है। उनके आने के बाद ही कुछ बता पायेंगे।
आरोपों में युवती ने बताया कि 2010 से 2014 तक वह शांतिकुंज आश्रम की खाना बनाने की टीम की सदस्य थी। तब वह नाबालिग थी। इसी दौरान उसके साथ एक दिन जब वह डॉक्टर प्रणव पांडया के कमरे में गयी तो वहां उसके साथ बलात्कार किया गया। उसने यह भी आरोप लगाया कि तब उसे धमकाया गया। इस वजह से वह चुप रही। उसका कई बार बलात्कार हुआ।
यह वही प्रणव पांड्या हैं जिन्होंने अमित शाह से अपने रिश्तों को इकबाल और राहुल गांधी को लेकर अपनी राय का ऐलान खुलेआम किया था। बाकायदा प्रेस को कहा था, ‘अमित शाह की तरह उन्हें हम रीसिव नहीं करेंगे। वो आएं तो आएं। हमें उसकी शक्ल अच्छी नहीं लगती। यह बात पांड्या ने 24 जून 2018 को अमित शाह से मुलाकात के बाद कही थी। उसी के बाद वैश्श्विक स्तर पर फैले गायत्री परिवार के सदस्यों से भाजपा को वोट देने की भी अपील पांड्या ने की थी।
डॉक्टर प्रणव पांडया द्वारा कथित तौर पर बलात्कार किये जाने की यह घटना क्योंकि हरिद्वार की है, इसलिए दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जीरो एफआईआर दर्ज की है। इसके बाद मामला जांच के लिए उत्तरांखड भेजा जायेगा। वहां से इस पर जांच होगी।
दूसरी ओर संस्था के प्रमुख व्यक्ति हेमंत के माध्यम से इस मामले में जनज्वार ने डॉक्टर पांडया का पक्ष जानने की कोशिश की तो उन्होंने बताया कि वह अभी कुछ देर में बात कराते हैं। इसके बाद उन्होंने फोन नहीं उठाया। इधर संस्था की ओर से एक प्रेस नोट जारी कर सारे मामले को गलत ठहराया है। बिना हस्ताक्षर के अंग्रेजी के इस प्रेस नोट में दावा किया गया कि संस्था की छवि को खराब करने की कोशिश हो रही है।
प्रेसनोट के मुताबिक डॉ. पांड्या जी एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक वैज्ञानिक, एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और अंतरराष्ट्रीय ख्याति के सम्मानित व्यक्तित्व हैं। वह डीएसवीवी के चांसलर भी हैं। इसमें सवाल उठाया गया कि घटना के 10 साल बाद शिकायत दर्ज कराना और एफआईआर दर्ज कराना अपने आप में एक बड़ी बात है।
प्रेसनोट में हालांकि दावा किया गया कि हम किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं और आपका स्वागत है। लेकिन इसके विपरीत जब संस्थान से संपर्क कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की तो वहां से जनज्वार को कोई सहयोग नहीं किया गया।
गौरतलब है कि शांतिकुंज की स्थापना पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने हरिद्वार में की थी। ‘युगतीर्थ’ कहे जाने वाले इस आश्रम में व्यक्ति-निर्माण, परिवार-निर्माण एवं समाज निर्माण की अनेक प्रभावशाली गतिविधियाँ नियमित रूप से चलती रहती हैं। यहाँ यज्ञशाला, गायत्री माता का मन्दिर, अखण्ड दीप, देवात्मा हिमालय मन्दिर, ज्ञान मंदिर (साहित्य विक्रय केन्द्र), ऋषियों के मन्दिर, हरीतिमा देवालय, देव संस्कृति दिग्दर्शन प्रदर्शनी, अस्पताल एवं चिकित्सा-केन्द्र आदि मुख्य स्थापनाएँ हैं। यहाँ वैज्ञानिक अध्यात्म पर अनुसंधान होता है तथा तरह-तरह के शिविर संचालित किए जाते हैं।