राजस्थान में बेरोजगारों के साथ 100 करोड़ की ठगी

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: November 19, 2018
केंद्र और राजस्थान की भाजपा सरकारों ने युवाओं को रोजगार और नौकरी के लुभावने वादे करके जो वादाखिलाफी की, उसकी मार इन बेरोजगारों पर दोहरे तरीके से पड़ रही है।


Job Fraud

एक तरफ तो युवा नौकरी के लिए तरसते रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी इस हालत का फायदा उठाकर ठगों ने फर्जी नौकरियां बांटने के संगठित गिरोह चलाने शुरू कर दिए।

ऐसा ही एक ताजा मामला राजस्थान के उदयपुर जिले में सामने आया है जहां विश्व बैंक से अनुदान प्राप्त संस्था साईं मैन पावर प्रगति मिशन निर्माण फाउंडेशन ने नौकरी के नाम पर राज्य के करीब 25 हजार युवाओं से 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी कर डाली।

साईं मैन पावर प्रगति मिशन निर्माण फाउंडेशन ने युवाओं को बताया कि उसे विश्व बैंक से 210 मिलियन डॉलर का अनुदान मिला है। इस तरह से नौकरी के आवेदन के साथ वेरीफिकेशन और अन्य खर्चों के नाम पर पांच-पांच हजार रुपए संस्था ने लिए।

संस्था ने युवाओं को नियुक्ति पत्र भी दिए और अथॉरिटी लेटर देकर दो महीने तक उनसे काम भी कराया, लेकिन जब ये युवा वेतन लेने पहुंचे तो संस्था का कार्यालय खाली मिला।

शिकायतकर्ताओं ने बताया कि इस संस्था ने प्रदेश भर के 24 हजार 900 बेरोजगारों का साक्षात्कार लिए था, जिनमें उदयपुर के साढ़े आठ सौ बेरोजगार युवा शामिल हैं। भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदकों से एजुकेशनल सहित अन्य सर्टिफिकेट के साथ पुलिस वेरिफेशन रिपोर्ट के साथ साक्षात्कार के लिए 5000 रुपये मांगे थे।

पत्रिका के अनुसार, ठगी के शिकार 127 युवाओं ने उदयपुर पुलिस अधीक्षक से अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत की है। इन लोगों ने बताया कि संस्था ने पिंक कॉलोनी सेक्टर 14 में ज़ोनल और सूरजपोल स्थित अप्सरा होटल में प्रशासनिक कार्यालय खोले थे और अखबारों में नौकरी के विज्ञापन दिए थे।

संस्था ने आवेदकों से कहा था कि चयनित शिक्षक राजस्थान में प्रगति मिशन योजना के तहत स्कूल ड्रॉप आउट बच्चों को शिक्षा देंगे और उनका वेतन साढ़े 12 हजार रुपए प्रति माह होगा।
इस मामले में पुलिस ने संस्था के जनरल मैनेजर आरिफ पठान, उसके भाई वसीम पठान, सीताराम बोला, उसकी पत्नी सुखविंदर कौर सहित 15 के विरुद्ध मामला दर्ज किया है।


 
 

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