दलित युवक ने मंदिर से लिया पानी तो पुजारी ने रॉड से फोड़ दिया सिर

Written by sabrang india | Published on: March 2, 2019
लखनऊ। दलित उत्पीड़न का सिलसिला बदस्तूर जारी है। धर्म के नाम पर पोंगापंथ करने वाले कुछ पुजारी दलितों से इस कदर घृणा करते हैं कि उनपर जानलेवा हमला करने से भी नहीं चूकते। दलितों को कई मंदिरों में घुसने पर पाबंदी है, आए दिन दलित दूल्हों को घोड़ी से उतारकर पीटा जाता है इतना ही नहीं दलितों के लिए श्मशान में अंतिम संस्कार तक नहीं करने दिया जाता। मनुस्मृति अभी भी अधिकांश लोगों के दिमाग को बुरी तरह जकड़े हुए है। 

दलित उत्पीड़न का ताजा मामला लखनऊ के गोसाईगंज से सामने आया है जहां एक 25 वर्षीय दलित युवक ने हाथ धोने के लिए एक मंदिर के बाहर रखे बर्तन से पानी लेने की कोशिश की। यह देख वहां के एक पुजारी ने दलित युवक पर से हमला कर दिया। युवक की हालत गंभीर है। वहीं पुजारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि यह घटना शुक्रवार दोपहर 12 बजे के आसपास हुई जब गोसाईंगंज निवासी नीरज और उनके चचेरे भाई अटल क्षेत्र के श्री सिद्धेश्वर बाबा मंदिर में प्रार्थना कर वहां से बाहर आ गए।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अटल ने दर्ज शिकायत में बताया कि नीरज ने हाथ धोने के लिए मंदिर के बाहर रखे बर्तन से पानी लिया। मंदिर के पुजारी, राम चरण (40) इस पर क्रोधित हो गए और नीरज पर लोहे की रॉड से हमला करते हुए उसको गालियां देने लगे। नीरज के सिर में गंभीर चोट आई हैं और उसे केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। 

एक बयान में अटल ने यह भी बताया कि जब पुजारी ने आपत्ति जताई, तो नीरज ने कहा कि अगर उसने कुछ गलत किया है तो वस उसके लिए जुर्माना देने को तैयार है। लेकिन पुजारी ने उसकी एक न सुनी और धक्का देकर रॉड से उसके सिर पर कई वार किए। किसी तरह राहगीरों ने हस्तक्षेप कर नीरज को बचाया। अटल ने बताया कि पुजारी ने नीरज पर कई जातिवादी टिप्पणियां भी कीं।

सर्कल ऑफिसर मोहनलालगंज राज कुमार शुक्ला ने कहा कि पुजारी के खिलाफ स्वेच्छा से चोट पहुंचाने, जानबूझकर अपमान करने, हत्या के प्रयास और धमकी देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोपी पर अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधान के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।

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