उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में स्कूली बच्चों को मिड डे मील में नमक-रोटी परोसे जाने के मामले में अब प्रेस काउंसिल सामने आया है। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने इस मामले को सामने लाने वाले पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने पर यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी है। इसके अलावा प्रेस काउंसिल ने इस पूरी घटना पर चिंता भी जताई है।
भाषा की खबर के अनुसार पीसीआई के अध्यक्ष चंद्रमौली कुमार प्रसाद ने उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में मध्याह्न भोजन की रिपोर्टिंग करने को लेकर पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने किए जाने की खबरों पर चिंता प्रकट की है। पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई का स्वत: संज्ञान लेते हुए पीसीआई ने राज्य सरकार से मामले के तथ्य पर एक रिपोर्ट तलब की है।
पीसीआई ने एक बयान में कहा, 'इस मामले की जांच के लिए एक तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया गया है।' प्रेस एसोसिएशन ने इस विषय में प्रदेश सरकार की मनमानी कार्रवाई का भी सख्त निंदा करते हुए कहा है कि वह अपनी पेशेवर जिम्मेदारी निभा रहे एक पत्रकार को इस तरह चुनिंदा तरीके से निशाना बनाये जाने पर सख्त ऐतराज जताता है।
प्रेस एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, 'मध्याह्न भोजन कार्यक्रम में गड़बड़ी को सुधारने के बजाय मिर्जापुर जिला प्रशासन ने पत्रकार के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर मीडिया को खामोश करने का विकल्प चुना।'
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया पहले ही पत्रकार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की कड़ी निंदा कर चका है, गिल्ड ने इस कार्रवाई को पत्रकारों के खिलाफ उठाया गया क्रूर कदम बताया था।
गौरतलब है कि गत 22 अगस्त को मिर्जापुर के जमालपुर विकास खण्ड स्थित सियूर प्राथमिक विद्यालय की इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद, मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रिपोर्ट तलब की थी।
इस मामले में स्कूल के शिक्षक व खंड शिक्षा अधिकारी समेत कई पर गाज गिरी थी। लेकिन इसके बाद में ज़िले के डीएम अनुराग पटेल के निर्देश पर खंड शिक्षा अधिकारी की तहरीर पर पत्रकार व ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि पर मुकदमा दर्ज किया है।
भाषा की खबर के अनुसार पीसीआई के अध्यक्ष चंद्रमौली कुमार प्रसाद ने उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में मध्याह्न भोजन की रिपोर्टिंग करने को लेकर पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने किए जाने की खबरों पर चिंता प्रकट की है। पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई का स्वत: संज्ञान लेते हुए पीसीआई ने राज्य सरकार से मामले के तथ्य पर एक रिपोर्ट तलब की है।
पीसीआई ने एक बयान में कहा, 'इस मामले की जांच के लिए एक तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया गया है।' प्रेस एसोसिएशन ने इस विषय में प्रदेश सरकार की मनमानी कार्रवाई का भी सख्त निंदा करते हुए कहा है कि वह अपनी पेशेवर जिम्मेदारी निभा रहे एक पत्रकार को इस तरह चुनिंदा तरीके से निशाना बनाये जाने पर सख्त ऐतराज जताता है।
प्रेस एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, 'मध्याह्न भोजन कार्यक्रम में गड़बड़ी को सुधारने के बजाय मिर्जापुर जिला प्रशासन ने पत्रकार के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर मीडिया को खामोश करने का विकल्प चुना।'
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया पहले ही पत्रकार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की कड़ी निंदा कर चका है, गिल्ड ने इस कार्रवाई को पत्रकारों के खिलाफ उठाया गया क्रूर कदम बताया था।
गौरतलब है कि गत 22 अगस्त को मिर्जापुर के जमालपुर विकास खण्ड स्थित सियूर प्राथमिक विद्यालय की इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद, मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रिपोर्ट तलब की थी।
इस मामले में स्कूल के शिक्षक व खंड शिक्षा अधिकारी समेत कई पर गाज गिरी थी। लेकिन इसके बाद में ज़िले के डीएम अनुराग पटेल के निर्देश पर खंड शिक्षा अधिकारी की तहरीर पर पत्रकार व ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि पर मुकदमा दर्ज किया है।