राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर योगेश त्यागी को किया सस्पेंड

Written by sabrang india | Published on: October 29, 2020
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आदेश पर दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर योगेश त्यागीको बुधवार को सस्पेंड कर दिया गया। शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों केमुताबिक राष्ट्रपति ने त्यागी पर लगे कर्तव्य पालन में लापरवाही के आरोपों की जांच का भी आदेश दिया है। 



खबरों के मुताबिक मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि त्यागी पर लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो सके, इसके लिए यूनिवर्सिटी के विजिटर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें निलंबित कर दिया है। इससे वह सबूतों से छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित करने में सक्षम नहीं रहेंगे।

अधिकारी ने बताया, 'मेडिकल ग्राउंड पर छुट्टी पर गए योगेश त्यागी की तरफ से इस अवधि के दौरान दिए गए सभी आदेश या उनकी मंजूरी से निकले आदेश रद्द कर दिए गए हैं। उन्हें शून्य माना जाएगा।' त्यागी 2 जुलाई से ही छुट्टी पर हैं जब उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था। सरकार ने 17 जुलाई को प्रो-वीसी पीसी जोशी को तब तक के लिए वाइस चांसलर का चार्ज दिया था, जब तक वह छुट्टी से नहीं लौटते हैं।

मंत्रालय के अधिकारी ने बताया, 'वाइस चांसलर वैधानिक प्रावधानों के हिसाब से यूनिवर्सिटी का कामकाज नहीं चला रहे थे...इस वजह से मिस-गवर्नेंस और यूनिवर्सिटी के कामकाज में गड़बड़ी हुई। यह यूनिवर्सिटी के शैक्षिक वातावरण के साथ-साथ प्रशासनिक वातावरण के लिए भी ठीक नहीं है।


अधिकारी ने बताया, 'यूनिवर्सिटी के विजिटर के तौर पर राष्ट्रपति ने उपलब्ध तथ्यों और सामग्रियों पर विचार करने के बाद वीसी पर लगे कर्तव्यपालन में लापरवाही और ड्यूटी के प्रति प्रतिबद्धता और निष्ठा में कमी के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं। राष्ट्रपति ने योगेश त्यागी को अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है क्योंकि वह गवाहों को प्रभावित कर सकते थे और यूनिवर्सिटी के मटैरियल रेकॉर्ड्स से छेड़छाड़ कर सकते थे। इससे निष्पक्ष जांच सुनिश्चित होगी।'

यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है जब इस केंद्रीय विश्वविद्यालय में सत्ता संघर्ष चल रहा है। दरअसल, पिछले सप्ताह उस वक्त विवाद पैदा हो गया जब त्यागी ने गुरुवार को पीसी जोशी को प्रो-वीसी पद से हटाते हुए उनकी जगह पर यूनिवर्सिटी की वीमेंस एजुकेशन बोर्ड में नॉन-कॉलेजिएट डायरेक्टर गीता भट्ट को नियुक्त कर दिया था।

इस बीच जोशी ने नए रजिस्ट्रार विकास गुप्ता की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी जिनका बुधवार को कार्यकारी परिषद ने इंटरव्यू लिया और नियुक्ति को मंजूरी दे दी। बहरहाल, इसी दिन त्यागी ने पी. सी. झा को कार्यवाहक रजिस्ट्रार और साउथ कैंपस का निदेशक नियुक्त करने की अधिसूचना को मंजूरी दे दी।

मंत्रालय ने कुलपति और प्रति कुलपति के बीच चल रही इस वर्चस्व की लड़ाई में दखल दिया और कहा कि त्यागी की तरफ से की गई नियुक्तियां ‘'वैध' नहीं हैं क्योंकि वह छुट्टी पर हैं।

वर्चस्व की लड़ाई तब और तेज हो गई जब झा ने मंत्रालय को पत्र लिखकर खुद को 'कार्यवाहक रजिस्ट्रार' बताया और कहा कि त्यागी की तरफ से लिए गए सभी फैसला विश्वविद्यालय के नियमों के मुताबिक हैं। मंत्रालय ने पत्र पर आपत्ति जताई और विश्वविद्यालय को उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

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