विदेश जाकर लापता होने वालों में सबसे ज्यादा 740 लोग गोरखपुर के हैं। वहीं देवरिया के 369, नोएडा के 251, लखनऊ के 106, गाजियाबाद के 200, कानपुर के 58, बाराबंकी के 11, वाराणसी के 32, आजमगढ़ के 80 लोग हैं।
साभार : आईस्टॉक
विजिटर्स वीजा पर विदेश जाने के बाद उत्तर प्रदेश के 2946 लोग वापस अपने देश नहीं लौटे। इनमें 106 लोग लखनऊ के हैं। गृह मंत्रालय द्वारा कार्रवाई के आदेश के बाद इसका खुलासा हुआ है। लखनऊ, गोरखपुर, देवरिया और अमेठी में विदेश भेजने वाले एजेंटों पर चार मुकदमे दर्ज हुए हैं। ज्ञात हो कि गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में कंबोडिया, वियतनाम, म्यांमार में लोगों से जबरन साइबर फ्रॉड कराने के मामले सामने आए हैं।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी लखनऊ के गुडंबा निवासी 24 साल के सागर चौहान नौकरी के लिए म्यांमार गए, लेकिन वहां उनसे जबरन साइबर क्राइम कराया गया। छोड़ने के बदले घर वालों से 8.14 लाख रूपये वसूले गए। किसी तरह दूतावास की मदद से सागर वापस अपने घर पहुंच गए।
एडीजी साइबर क्राइम बीके सिंह ने बताया कि यूपी में विदेश भेजने वाले 75 अधिकृत एजेंट हैं, जबकि 431 अनधिकृत हैं। मुख्यालय ने सभी जिलों के पुलिस कप्तान, कमिश्नरों को अधिकृत और अनधिकृत एजेंटों की लिस्ट भेज कर कार्यवाही के लिए लिखा है। 2946 लोगों में 527 महिलाएं और 2419 पुरुष हैं। मुख्यालय हर जिले में इनका सत्यापन करा रहा है, जिसमें से 800 का सत्यापन हो चुका है ।
विदेश जाकर लापता होने वालों में सबसे ज्यादा 740 लोग गोरखपुर के हैं। वहीं देवरिया के 369, नोएडा के 251, लखनऊ के 106, गाजियाबाद के 200, कानपुर के 58, बाराबंकी के 11, वाराणसी के 32, आजमगढ़ के 80 लोग हैं। बीते दिनों 51 लोग वापस भी आ चुके हैं। यूपी से थाईलैंड गए करीब 2 हजार लोग वापस नहीं लौटे हैं। करीब 400 लोग वियतनाम, 230 कंबोडिया, 82 म्यांमार से वापस नहीं आए हैं।
ज्ञात हो कि इस साल अगस्त महीने के अंतिम दिनों में विदेशों से ऐसे 3 मामले सामने आए जब भारतीय नागरिकों के साथ नस्लीय भेदभाव किया गया। इस दौरान पोलैंड से ऐसी ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी।
एबीपी की रिपोर्ट के अनुसार, वायरल हुए वीडियो में एक भारतीय को "पैरासाइट आक्रमणकारी (Parasite Invader)" कहकर उसे बार-बार एक पोलिश शख्स परेशान करता नजर आया। वहीं भारतीय नागरिक पोलिश शख्स से परेशान होकर इधर-उधर जाता रहा और वीडियो नहीं बनाने की गुहार लगाता रहा। जबकि पोलिश शख्स वीडियो बनाता हुआ उसे बार-बार यूरोप छोड़कर भारत लौटने के लिए कहता रहा।
वहीं इस घटना से पहले अमेरिका के कैलिफोर्निया में भी भारतीय मूल के एक शख्स पर नस्लीय हमले का वीडियो वायरल हुआ था। घटना कैलिफोर्निया के टाको बेल रेस्टोरेंट की थी। यहां 21 अगस्त को कृष्णन जयरमन नाम का भारतीय जब रेस्टोरेंट में अपना ऑर्डर लेने के लिए गए तो उस पर नस्लीय हमला किया गया।
ऐसी ही एक अन्य घटना अमेरिका के टेक्सास में भी सामने आई थी। यहां मेक्सिकन-अमेरिकी महिला ने चार इंडो-अमेरिकन भारतीय महिलाओं पर नस्लीय टिप्पणी की थी और उनके साथ मारपीट भी की थी। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। वीडियो में मेक्सिकन-अमेरिकन महिला भारतीय मूल की महिलाओ के साथ गाली-गलौज करती नजर आ रही थी और उन्हें भारत वापस जाने के लिए कह रही थी।
साभार : आईस्टॉक
विजिटर्स वीजा पर विदेश जाने के बाद उत्तर प्रदेश के 2946 लोग वापस अपने देश नहीं लौटे। इनमें 106 लोग लखनऊ के हैं। गृह मंत्रालय द्वारा कार्रवाई के आदेश के बाद इसका खुलासा हुआ है। लखनऊ, गोरखपुर, देवरिया और अमेठी में विदेश भेजने वाले एजेंटों पर चार मुकदमे दर्ज हुए हैं। ज्ञात हो कि गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में कंबोडिया, वियतनाम, म्यांमार में लोगों से जबरन साइबर फ्रॉड कराने के मामले सामने आए हैं।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी लखनऊ के गुडंबा निवासी 24 साल के सागर चौहान नौकरी के लिए म्यांमार गए, लेकिन वहां उनसे जबरन साइबर क्राइम कराया गया। छोड़ने के बदले घर वालों से 8.14 लाख रूपये वसूले गए। किसी तरह दूतावास की मदद से सागर वापस अपने घर पहुंच गए।
एडीजी साइबर क्राइम बीके सिंह ने बताया कि यूपी में विदेश भेजने वाले 75 अधिकृत एजेंट हैं, जबकि 431 अनधिकृत हैं। मुख्यालय ने सभी जिलों के पुलिस कप्तान, कमिश्नरों को अधिकृत और अनधिकृत एजेंटों की लिस्ट भेज कर कार्यवाही के लिए लिखा है। 2946 लोगों में 527 महिलाएं और 2419 पुरुष हैं। मुख्यालय हर जिले में इनका सत्यापन करा रहा है, जिसमें से 800 का सत्यापन हो चुका है ।
विदेश जाकर लापता होने वालों में सबसे ज्यादा 740 लोग गोरखपुर के हैं। वहीं देवरिया के 369, नोएडा के 251, लखनऊ के 106, गाजियाबाद के 200, कानपुर के 58, बाराबंकी के 11, वाराणसी के 32, आजमगढ़ के 80 लोग हैं। बीते दिनों 51 लोग वापस भी आ चुके हैं। यूपी से थाईलैंड गए करीब 2 हजार लोग वापस नहीं लौटे हैं। करीब 400 लोग वियतनाम, 230 कंबोडिया, 82 म्यांमार से वापस नहीं आए हैं।
ज्ञात हो कि इस साल अगस्त महीने के अंतिम दिनों में विदेशों से ऐसे 3 मामले सामने आए जब भारतीय नागरिकों के साथ नस्लीय भेदभाव किया गया। इस दौरान पोलैंड से ऐसी ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी।
एबीपी की रिपोर्ट के अनुसार, वायरल हुए वीडियो में एक भारतीय को "पैरासाइट आक्रमणकारी (Parasite Invader)" कहकर उसे बार-बार एक पोलिश शख्स परेशान करता नजर आया। वहीं भारतीय नागरिक पोलिश शख्स से परेशान होकर इधर-उधर जाता रहा और वीडियो नहीं बनाने की गुहार लगाता रहा। जबकि पोलिश शख्स वीडियो बनाता हुआ उसे बार-बार यूरोप छोड़कर भारत लौटने के लिए कहता रहा।
वहीं इस घटना से पहले अमेरिका के कैलिफोर्निया में भी भारतीय मूल के एक शख्स पर नस्लीय हमले का वीडियो वायरल हुआ था। घटना कैलिफोर्निया के टाको बेल रेस्टोरेंट की थी। यहां 21 अगस्त को कृष्णन जयरमन नाम का भारतीय जब रेस्टोरेंट में अपना ऑर्डर लेने के लिए गए तो उस पर नस्लीय हमला किया गया।
ऐसी ही एक अन्य घटना अमेरिका के टेक्सास में भी सामने आई थी। यहां मेक्सिकन-अमेरिकी महिला ने चार इंडो-अमेरिकन भारतीय महिलाओं पर नस्लीय टिप्पणी की थी और उनके साथ मारपीट भी की थी। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। वीडियो में मेक्सिकन-अमेरिकन महिला भारतीय मूल की महिलाओ के साथ गाली-गलौज करती नजर आ रही थी और उन्हें भारत वापस जाने के लिए कह रही थी।