सांख्यिकी आयोग के पूर्व प्रमुख का दावाः बेरोजगारी के आंकड़ों पर ड्राफ्ट रिपोर्ट नहीं, फाइनल रिपोर्ट आई

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 9, 2019
केंद्रीय सांख्यिकी आयोग के पूर्व प्रमुख पीसी मोहनन ने कहां कि केंद्र सरकार ने नेशनल सेंपल सर्वे ऑर्गनइजेशन (NSSO)  की रिपोर्ट जारी नहीं की. उन पर पद छोड़ने के लिए दबाव बनाया गया. मोहनन ने कहा कि आयोग को परे किया जाने लगा. उन्होंने कहा कि जब NSSO की रिपोर्ट आई और हमने उसे 5 दिसंबर को एप्रूव किया तो वह जारी हो गई. बता दें कि आठ जनवरी को मोहनन ने पद  से इस्तीफा दे दिया था.


     
पीसी मोहनन ने एनडीटीवी से कहा कि सरकार का दावा, कि यह ड्राफ्ट रिपोर्ट है, गलत है. एक बार रिपोर्ट को आयोग एप्रूव कर देता है तो वह फाइनल रिपोर्ट होती है. आप यह नहीं कह सकते कि यह अब सरकार से एप्रूव होगी. जब आप शब्द 'एप्रूव' का उपयोग करते हैं तो उससे विश्वसनीयता का प्रश्न पैदा होता है.  

मोहनन ने कहा कि ''अपने पत्र में, मैंने स्पष्ट किया कि मेरे पास विशिष्ट उदाहरण हैं और हमें लगा कि आयोग में हमारी सेवाओं की निरंतरता किसी भी उद्देश्य से नहीं चल रही है क्योंकि आयोग बहुत प्रभावी नहीं था और इसमें कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है. सरकार को मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए और व्यवस्था में सुधार करना चाहिए. और मेरे साथ इस्तीफा देने वाली मीनाक्षी ने भी यही बात कही है.''

उन्होंने कहा कि आयोग की पवित्रता को बनाए रखना महत्वपूर्ण है और नीती आयोग को इसमें शामिल नहीं होना चाहिए. इसका मतलब है कि सांख्यिकी को सरकार से स्वतंत्र रखा जाए. इसे निष्पक्ष रूप से प्रकाशित किया जाना चाहिए. आधिकारिक आंकड़ों के कुछ मूल सिद्धांत हैं जिन्हें सरकार ने 2016 में अधिसूचित किया है, और यह बहुत स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आंकड़े पूरी तरह से स्वतंत्र होने चाहिए. आयोग यह सुनिश्चित करता है कि ऐसा हो. यह आयोग, इसकी स्वयत्तता के लिए बहुत अहम मुद्दा है. सांख्यिकीय आंकड़ों की विश्वसनीयता को बनाए रखना व्यवस्था के लिए यह महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि नीति आयोग की इसमें संलग्नता बहुत जरूरी नहीं है. 

बता दें कि आने वाले महिनों में लोकसभा चुनाव होने हैं और NSSO की रिपोर्ट जाहिर कर रही है कि बेरोजगारी 45 साल में सबसे ऊंचे स्तर पर है. इससे बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है. यह रिपोर्ट सरकार ने आधिकारिक तौर पर जारी नहीं की है. लेकिन यह अखबार बिजनेस स्टैडर्ड ने प्रकाशित की है.     

मोहनन ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका इस्तीफा व्यक्तिगत कारणों से नहीं था जैसा कि नीती आयोग के वाइस चीफ, राजीव कुमार ने कहा था.

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