बीते तीन अक्टूबर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने हरियाणा के पलवल जिले में एक मस्जिद निर्माण में कथित तौर पर पाकिस्तान स्थिति फलाह-ए-इंसानियत (एफआईएफ) की ओर वित्तीय मदद के आरोप में तीन युवकों को गिरफ्तार किया था. इसका मुख्य साजिशकर्ता मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद बताया गया था. लेकिन अब गांव के मुखिया ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी के आरोपों से इनकार किया है.

एनआईए ने एफआईएफ की ओर से वित्तीय मदद के आरोप में मस्जिद के इमाम मोहम्मद सलमान और दो अन्य मोहम्मद सलीम और सज्जाद अब्दुल वानी को दिल्ली से गिरफ्तार किया था.
पलवल के उत्तावर गांव के मुखिया रमेश प्रजापति ने जोर देकर कहा कि मस्जिद कानूनी रुप से प्राप्त भूमि पर बनाया गया था और कई गांवों के लोगों द्वारा वित्तीय मदद दी गई थी. रमेश ने नेशनल हेराल्ड से बातचीत में कहा कि इस जमीन को कानूनी तौर मान्यता मिली थी और कई गांवों के लोगों ने मस्जिद के निर्माण में फंड दिया था.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि हरियाणा के पलवल में खुलाफा-ए-रशीदीन मस्जिद में कथित रुप से हाफिज सईद के नेतृत्व वाले लश्कर-ए-तैयबा से प्राप्त धनराशि से बनाया गया था. एजेंसी ने कहा कि यह एक कथित आतंकवादी वित्त मदद के मामले की जांच के दौरान प्रकाश में आया था.
सलमान का समर्थन करते हुए गांववालों ने कहा कि वह एक प्रतिष्ठित परिवार में बड़ा हुआ है और वह ऐसा अपराध नहीं कर सकता है. गांव के निवासियों के अनुसार सलमान के पिता मौलवी दाउद मेवात क्षेत्र में मुस्लिमों के बीच में एक जाने-माने व्यक्ति थे. पचास साल पहले वह दिल्ली चले गए थे और मृत्यु से पहले वह निजामुद्दीन में एक मस्जिद में ईमाम थे. उत्तावर के ग्रामीणों के लिए विवाद के दौरान उनका फैसला अंतिम होता था.

एनआईए ने एफआईएफ की ओर से वित्तीय मदद के आरोप में मस्जिद के इमाम मोहम्मद सलमान और दो अन्य मोहम्मद सलीम और सज्जाद अब्दुल वानी को दिल्ली से गिरफ्तार किया था.
पलवल के उत्तावर गांव के मुखिया रमेश प्रजापति ने जोर देकर कहा कि मस्जिद कानूनी रुप से प्राप्त भूमि पर बनाया गया था और कई गांवों के लोगों द्वारा वित्तीय मदद दी गई थी. रमेश ने नेशनल हेराल्ड से बातचीत में कहा कि इस जमीन को कानूनी तौर मान्यता मिली थी और कई गांवों के लोगों ने मस्जिद के निर्माण में फंड दिया था.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि हरियाणा के पलवल में खुलाफा-ए-रशीदीन मस्जिद में कथित रुप से हाफिज सईद के नेतृत्व वाले लश्कर-ए-तैयबा से प्राप्त धनराशि से बनाया गया था. एजेंसी ने कहा कि यह एक कथित आतंकवादी वित्त मदद के मामले की जांच के दौरान प्रकाश में आया था.
सलमान का समर्थन करते हुए गांववालों ने कहा कि वह एक प्रतिष्ठित परिवार में बड़ा हुआ है और वह ऐसा अपराध नहीं कर सकता है. गांव के निवासियों के अनुसार सलमान के पिता मौलवी दाउद मेवात क्षेत्र में मुस्लिमों के बीच में एक जाने-माने व्यक्ति थे. पचास साल पहले वह दिल्ली चले गए थे और मृत्यु से पहले वह निजामुद्दीन में एक मस्जिद में ईमाम थे. उत्तावर के ग्रामीणों के लिए विवाद के दौरान उनका फैसला अंतिम होता था.