लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बीजेपी के पूर्व सहयोगी और योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री सुहेलदेव पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बयान दिया है कि इस बार दिल्ली की गद्दी पर एक दलित की बेटी बैठेगी। राजभर ने मायावती के देश की अगली प्रधानमंत्री बनने की भविष्यवाणी की है। उन्होंने कहा कि इस बार मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे। राजभर ने यह भी कहा की बीजेपी उत्तर प्रदेश में महज 15 सीटों पर सिमट जाएगी वहीं महागठबंधन को 55 से 60 सीटें हासिल होंगी।

गौरतलब है कि टिकट बंटवारे पर बीजेपी से नाराज चल रहे राजभर ने उत्तर प्रदेश की 39 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किेए हैं। उन्होंने वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी अपना उम्मीदवार खड़ा किया है। राजभर घोसी लोकसभा सीट से अपनी पार्टी का उम्मीदवार उतारना चाहते थे लेकिन बीजेपी ने उन्हें अपने सिंबल पर उम्मीदवार खड़ा करने के बजाए बीजेपी के सिंबल पर अपना उम्मीदवार उतारने की बात की। राजभर इसी से नाराज हो गए और 13 अप्रैल को इस्तीफा दे दिया।
राजभर योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री थे। हांलाकि बीजेपी ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। इस बाबत राजभर ने चुनाव आयोग से शिकायत भी की थी कि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जा रहा।
राजभर की पार्टी सुभासपा के तीन उम्मीदवारों का पर्चा खारिज हो गया है। अब इन तीनों सीटों पर राजभर की पार्टी महागठबंधन के उम्मीदवारों को जिताने के लिए प्रचार करेगी। सुहेलदेव पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने बताया कि मिजार्पुर, महाराजगंज और बांसगांव में पार्टी के घोषित प्रत्याशियों का पर्चा खारिज होने की वजह से यह फैसला लिया गया है।
अरुण राजभर ने कहा कि पर्चा खारिज होने के बाद कार्यकर्ताओं के सुझाव पर पार्टी ने कांग्रेस और गठबंधन प्रत्याशियों को समर्थन देने का फैसला लिया है। इन तीनों सीटों पर पार्टी कार्यकर्ता भाजपा प्रत्याशी को हराने का काम करेंगे।

गौरतलब है कि टिकट बंटवारे पर बीजेपी से नाराज चल रहे राजभर ने उत्तर प्रदेश की 39 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किेए हैं। उन्होंने वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी अपना उम्मीदवार खड़ा किया है। राजभर घोसी लोकसभा सीट से अपनी पार्टी का उम्मीदवार उतारना चाहते थे लेकिन बीजेपी ने उन्हें अपने सिंबल पर उम्मीदवार खड़ा करने के बजाए बीजेपी के सिंबल पर अपना उम्मीदवार उतारने की बात की। राजभर इसी से नाराज हो गए और 13 अप्रैल को इस्तीफा दे दिया।
राजभर योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री थे। हांलाकि बीजेपी ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। इस बाबत राजभर ने चुनाव आयोग से शिकायत भी की थी कि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जा रहा।
राजभर की पार्टी सुभासपा के तीन उम्मीदवारों का पर्चा खारिज हो गया है। अब इन तीनों सीटों पर राजभर की पार्टी महागठबंधन के उम्मीदवारों को जिताने के लिए प्रचार करेगी। सुहेलदेव पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने बताया कि मिजार्पुर, महाराजगंज और बांसगांव में पार्टी के घोषित प्रत्याशियों का पर्चा खारिज होने की वजह से यह फैसला लिया गया है।
अरुण राजभर ने कहा कि पर्चा खारिज होने के बाद कार्यकर्ताओं के सुझाव पर पार्टी ने कांग्रेस और गठबंधन प्रत्याशियों को समर्थन देने का फैसला लिया है। इन तीनों सीटों पर पार्टी कार्यकर्ता भाजपा प्रत्याशी को हराने का काम करेंगे।