नई दिल्ली। असम की तरह पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू किए जाने की अटकल मात्र से ही लोगों में भय का माहौल है। असम में बहुत सारे लोग जान गंवा चुके हैं, इनमें कई नाम ऐसे भी हैं जिनके पास भारतीय होने के तमाम सबूतों के बावजूद उन्हें विदेशी करार देकर डिटेंशन सेंटर में डाल दिया गया। नागरिकता रजिस्टर में नाम न होने के चलते 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार की मंशा को भांपते हुए साफ तौर पर कहा है कि किसी नागरिक को कोई भी उसके राज्य से निकाल नहीं सकता है।
ममता बनर्जी ने कहा कि यह शांति की जगह है। एनआरसी इस शांति को खत्म कर देगी। उन्होंने इसका जोरदार विरोध करते हुए कहा कि उनकी सरकार जनता के साथ हमेशा थी और आगे भी हमेशा उनके साथ रहेगी। उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आपकी पहरेदार हूं, कोई आपको बंगाल से नहीं निकाल सकता।
बनर्जी ने कहा- बंगाल को एनआरसी की जरूरत नहीं है। यह यहां पर लागू नहीं होगी। मैं सभी धर्मों में विश्वास करती हूं। किसी भी नागरिक को अपना देश नहीं छोड़ना होगा। फिर वो चाहे बंगाली हो या फिर किसी और धर्म का। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। कहा कि यहां जबरन लागू करने की कोशिश की गई तो उसके बुरे परिणाम होंगे।
आरएसएस ने की थी देशभर में लागू करने की मांग
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने हाल ही में कहा था कि देशभर में एनआरसी लागू करने की जरूरत है। सरकार को एनआरसी लागू करनी चाहिए। देश में बड़ी संख्या में घुसपैठिए हैं। तत्काल उनकी पहचान की जाने की जरूरत है। हमारी सरकार को पहले अपने नागरिकों के हितों की चिंता करनी चाहिए।
असम में 31 अगस्त को एनआरसी की अंतिम सूची जारी कर दी गई थी। इसके बाद से ममता बनर्जी लगातार इसका विरोध कर रही हैं। बनर्जी ने गृह मंत्री से मुलाकात कर उन्हें पश्चिम बंगाल में एनआरसी नहीं लागू करने संबंधी ज्ञापन भी सौंपा था। हालांकि अभी एनआरसी लागू करने के बारे में बातचीत चल रही है।
ममता बनर्जी ने कहा कि यह शांति की जगह है। एनआरसी इस शांति को खत्म कर देगी। उन्होंने इसका जोरदार विरोध करते हुए कहा कि उनकी सरकार जनता के साथ हमेशा थी और आगे भी हमेशा उनके साथ रहेगी। उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आपकी पहरेदार हूं, कोई आपको बंगाल से नहीं निकाल सकता।
बनर्जी ने कहा- बंगाल को एनआरसी की जरूरत नहीं है। यह यहां पर लागू नहीं होगी। मैं सभी धर्मों में विश्वास करती हूं। किसी भी नागरिक को अपना देश नहीं छोड़ना होगा। फिर वो चाहे बंगाली हो या फिर किसी और धर्म का। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। कहा कि यहां जबरन लागू करने की कोशिश की गई तो उसके बुरे परिणाम होंगे।
आरएसएस ने की थी देशभर में लागू करने की मांग
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने हाल ही में कहा था कि देशभर में एनआरसी लागू करने की जरूरत है। सरकार को एनआरसी लागू करनी चाहिए। देश में बड़ी संख्या में घुसपैठिए हैं। तत्काल उनकी पहचान की जाने की जरूरत है। हमारी सरकार को पहले अपने नागरिकों के हितों की चिंता करनी चाहिए।
असम में 31 अगस्त को एनआरसी की अंतिम सूची जारी कर दी गई थी। इसके बाद से ममता बनर्जी लगातार इसका विरोध कर रही हैं। बनर्जी ने गृह मंत्री से मुलाकात कर उन्हें पश्चिम बंगाल में एनआरसी नहीं लागू करने संबंधी ज्ञापन भी सौंपा था। हालांकि अभी एनआरसी लागू करने के बारे में बातचीत चल रही है।